ग़ाज़ियाबाद। संविधान दिवस के अवसर पर जनपद न्यायाधीश / अघ्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गाजियाबाद जितेन्द्र कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में जनपद न्यायालय परिसर गाजियाबाद में समस्त न्यायिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा नागरिकों के मूल अधिकारों के सम्बन्ध में संगोष्ठी एवं मूल कर्तव्यों के अनुपालन हेतु शपथ ग्रहण समारोह तथा भारतीय संविधान की प्रस्तावना के पाठन कार्यक्रम को आयोजन किया गया, साथ ही साथ इस अवसर पर गाजियाबाद के विभिन्न लॉ कालेजों में विधिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
गाजियाबाद में स्थित कैम्कस कालेज ऑफ लॉ में भी एक विधिक साक्षरता शिविर का भी आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव द्वारा प्रतिभाग किया गया।
विधिक शिविर में सचिव लॉ कालेज के अध्यापकों एवं उपस्थित समस्त छात्रों के साथ भारतीय संविधान की प्रस्तावना का पाठन किया गया। सचिव नूतन दिवेदी द्वारा छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए बताया गया कि संविधान दिवस हर साल 26 नवंबर को मनाया जाता है। आज ही के दिन आजाद भारत को एक संविधान मिला था। 26 नवंबर 1949 को, संविधान सभा ने भारत के संविधान को अपनाया, जो 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा 19 नवंबर, 2015 को भारत सरकार ने नागरिकों के बीच संवैधानिक मूल्यों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 26 नवंबर को प्रतिवर्ष ‘संविधान दिवस’ के रूप में मनाये जाने का निर्णय लिया गया। इससे पूर्व यह दिवस विधि दिवस के रूप में मनाया जाता रहा है। भारत के संविधान में 22 भागों और 08 अनुसूचियों में 395 लेख शामिल थे। भारतीय संविधान अब तक अपनाया गया विश्व का सबसे लंबा एवं लिखित राष्ट्रीय संविधान है। संविधान सभा के सदस्यों ने 02 साल और 11 महीने की अवधि में कुल 11 सत्र और 167 दिन में पूरे संविधान का निर्माण किया था। बाबा साहब डॉ0 भीमराव अंबेडकर को संविधान का जनक माना जाता है।
नूतन दिवेदी द्वारा छात्र छात्राओं को संविधान एवं विधि के महत्व भी समझाए गये तथा विधि छात्रो को प्रोत्साहित किया गया कि विधिक शिक्षा का उपयोग समाज के उत्थान में किया जाये तथा सम्बोधन में छात्र-छात्राओं के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। संविधान दिवस के अवसर पर कालेज के छात्र-छात्राओं द्वारा विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों भी प्रस्तुत किये गये।
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