झांसी: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की वर्ष 2020 की परीक्षा में सहायक अभियोजन अधिकारी (एपीओ) के पद पर दसवीं रेंकिंग हासिल कर झांसी का नाम रोशन करने वाले प्रिया प्रकाश श्रीवास्तव ने अपनी सफलता का श्रेय परीक्षा के लिए की गयी कड़ी मेहनत और परिवार के साथ को दिया है।
यहां मोहल्ला नयी बस्ती निवासी सुश्री प्रिया ने शनिवार को यूनीवार्ता से खासबातचीत में यूपीपीएससी 2020 की परीक्षा में दो दिन पहले सफलता हासिल करने पर कहा कि परीक्षा के लिए जितनी मेहनत की थी उससे यह तो पता था कि सफलता मिलेगी लेकिन यह इतनी शानदार होगी इसका अंदाजा नहीं था। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता माया देवी-पिता स्व.अधिवक्ता ओमप्रकाश श्रीवास्तव व भाई शुभम के सहयोग को दिया। प्रयागराज से अपनी मां के साथ झांसी के मोहल्ला नई बस्ती स्थित अपने घर पर पहुंची। इससे पूर्व ही रेलवे स्टेशन पर उनका ढोल नगाड़ों के साथ जमकर स्वागत किया गया। उनके रिश्तेदारों और परिजनों ने उन्हें फूलों की मालाओं से लाद दिया, परिजनों की खुशी की सीमा नहीं थी।
बातचीत में अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए 27 वर्षीय प्रिया ने बताया कि 2013 में पिता ओमप्रकाश श्रीवास्तव का साया सिर से उठ जाने के बाद उनके संघर्ष के दिन शुरु हो गए थे। इस दौरान उन्होंने 2013 से 2018 तक अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाते हुए झांसी कोर्ट में ही वकालत की। इस दौरान उन्होंने दुनिया और लोगों के व्यवहार को बहुत पास से देखा। दुखों का उनके साथ गहरा नाता रहा,लेकिन उन्होंने हौसला नहीं छोड़ा। यह भगवान शंकर की कृपा और उनके माता पिता का आर्शीवाद का फल था। जब कभी वह बहुत दुखी हुआ करती थी तो भगवान भोलेनाथ के पास बैठकर रो लिया करती थी। आज जब सफलता उनके कदमों में है तो सबकुछ बहुत आसान सा लग रहा है।
एपीओ के पद पर चयनित प्रिया ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा शिशु मंदिर से शुरु की और बाद में इण्टरमीडिएट तक भानीदेवी गोयल सरस्वती बालिका विद्या मंदिर से अपनी शिक्षा पूरी की। उसके बाद विपिन बिहारी डिग्री कॉलेज में 2012 में उन्होंने विज्ञान संकाय से स्नातक की शिक्षा पूरी की। एलएलबी की शिक्षा के लिए उन्हें बुन्देलखण्ड महाविद्यालय जाना पड़ा। वहां से 2015 में यह शिक्षा भी पूरी हुई। बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय में बाबू जगजीवनराम से उन्होंने 2017 में एलएलएम की डिग्री हासिल कर प्रयागराज में दो वर्ष तक तैयारी की। जहां सफलता के रुप में उन्हें यूपीपीएससी के माध्यम से 17 पदों में से टॉप टेन में स्थान मिला।
संकल्प की धनी और हाजिर जबाब प्रिया को अपने लक्ष्य की तैयारी के दौरान प्रयागराज में एक नया नाम भी मिला। जिद की पक्की प्रिया के ज्ञान को देखते हुए लोग उन्हें झांसी की रानी के नाम से भी बुलाते थे। ऐसा कोई भी प्रश्न कभी नहीं होता था जिसका उत्तर प्रिया के पास न होता हो। प्रिया कहा कि यह तो अभी शुरुआत है। भगवान शंकर की कृपा से जल्द ही इससे बडे पद पर वह पदस्थ होगी। तभी उनके संघर्ष का सच्चा फल उन्हें उनकी नजरों मिलेगा। इसके लिए संघर्ष अभी जारी रहेगा।
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