दरगाहों पर कौमी एकता, आपसी भाई चारा और देशभक्ति का पैग़ाम मिलता है: कुँवर बासित
अबसार अली
ग़ाज़ियाबाद। कस्बा फरीद नगर में कुतबे आलम हज़रत हाफिज़ कारी अलीमुल्लाह शाह मुल्लन मियाँ कादरी राजशाही इब्राहीमी का उर्स पूरी शान ओ शौकत से मनाया गया। जिसकी सरपरस्ती दरगाह के सज्जादानशीन पीरे तरीक़त हज़रत मौलाना हमीदुल्लाह खान राजशाही ने की। सदारत मुफ्ती रहमतउल्लाह ने की। कयादत मौलाना शम्स ने की। निज़ामत नकीब ए हिंदुस्तान मौलाना सय्यद कैसर खालिद ने की। मुफ्ती रहमतउल्लाह ने अपनी तकरीर में कहा कि इंसान अशरफ उल मख़्लूकात है, मुसलमान को अपने नबी के बताए रास्ते पर चलना चाहिए, जैसा मुल्लन मियां चले। तभी आपकी जिंदगी में और आज भी हर समाज के लोग अपनी जान न्योछावर करते हैं। महफिल का आगाज तिलावते कलाम ए पाक से हाफिज़ जुबैर ने किया। कारी आबिद, सय्यद उरूज मियाँ, क़ासिम शम्सी, कारी इसरार, सय्यद अरसलान और मोहम्मद उमर सहित सभी शायरों ने अपनी-अपनी नात मनकबत से खूब समां बांधा। मुफ्ती रहीस ने तकरीर पेश की और कहा कि उर्स के माने शादी के हैं और शादी खुशी को कहते हैं। मोमिन के लिए अपने नबी का दीदार सबसे बड़ी खुशी है। इसलिए मुल्लन मियां का उर्स खुशी का दिन है। मुफ्ती इश्तियकुल कादरी ने तकरीर की और कहा कि मुल्लन मियाँ जैसा बुज़ुर्ग इस दुनिया में नहीं है, जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी मखलूक की खिदमत और यादे इलाही में लगा दी।
उर्स में मुख्य अतिथि रहे बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष कुँवर बासित अली ने कहा कि दरगाहों पर कौमी यक जहती आपसी भाई चारा और देश भक्ति का पैगाम मिलता है। कार्यक्रम में दुधेश्वर नाथ मठ मन्दिर के उप महन्त रमेशानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि भारत के महान सूफी मुल्लन मियाँ की दरगाह पर आने से मन को शान्ति प्राप्त हुई। क्योंकि भारत में सूफी सन्त ही ऐसे हैं, जिनके पास हर व्यक्ति को प्यार मिलता है। मैंने मुल्लन मियाँ को नहीं देखा लेकिन उनके सुपुत्र मौलाना हमीदुल्लाह खान राजशाही को देख रहे हैं जो रात दिन देश की तरक्की और हर समाज के लोगों के लिए फिक्र मन्द रहते है इससे पता चलता है। जिनका बेटा ऐसा है तो पिता और गुरु कैसे होंगे। महाराणा प्रताप सेना के प्रदेश अध्यक्ष भी शामिल हुए, क़दीम आलम एडवोकेट क्षेत्रीय महामंत्री भाजपा, इस्लाम बादशाह ज़िला अध्यक्ष भाजपा अल्प संख्यक मोरचा, उसके बाद दरगाह के सज्जादानशीन पीरे तरीकत हज़रत मौलाना हमीदुल्लाह खान राजशाही ने अपने मुल्क भारत के लिए अमन शान्ति तरक्की भाई चारे और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के लिए दुआ की सैकड़ों लोगों ने आमीन कहा। उसके बाद दूर दराज़ से आए लोगों ने साहिब ए सज्जादा नशीन से दुआएं लीं और लंगर चादर पेश की गई, गुलपोशी हुई। सभी दुआएं लेकर रुखसत हुए। उर्स में काफी तादाद में लोग शरीक हुए।
मुख्य रूप से हाजी दीन मोहम्मद, हाफिज़ दानिश, सूफी मोहम्मद अली, मोहम्मद उम्र, गजाला खान, निशात खान, गुड्डू खान, शकील खान, असदुल्ला खान, इनामुल्लाह खान, इकरामुललाह खान, चुप्पे शाह, ज़िया खान, रामू, ओमकार, संजय, अक्कु जितेंद्र गिरी, ताहिर, हाफिज़ क़ासिम, फ़िरोज़ शमशाद, इमरान, सूफी नईम, सूफी आसिफ, समीर खान, बशारत खान, शोएब खान, आसिफ सगीर, काशिफ, मौलाना शहाबुद्दीन हाफिज़ क़ासिम सहित सैकड़ों लोग शरीक हुए।