रवीश कुमार
आदरणी योगी जी,
आपने एक करोड़ लोगों को कहां रोज़गार दे दिया है कि कई भर्तियों के लोग बचे रह गए। इनका भी कुछ कल्याण करें। मुझे मैसेज भेज भेज कर परेशान किए हुए हैं सब। एक ही बार में सारी भर्तियों की सूची मंगा लीजिए। उनके स्टेटस के बारे में ट्विट कर दीजिए। काम खत्म। नहीं भर्ती करनी है तो वो भी ठीक है। साफ साफ बोल देना चाहिए। अब ये किसी को और वोट देने लायक नहीं रहे तो इसकी चिन्ता से कोई फैसला न करें। आपके ही रहेंगे तो मन करे तो कल्याण कर दीजिए।
चूंकि यह पत्र है इसलिए साफ करना ज़रूरी है कि सर मैं सभी भर्तियों के बारे में लिख रहा हूं। ये लिखना ज़रूरी है क्योंकि आप सिपाही भर्ती के बारे में लिखें तो शिक्षक वाले आ जाते हैं कि अलग से उनका भी लिखें। इनका मकसद नौकरी का तो होगा ही लेकिन इस बेचैनी में सिर्फ अपनी भर्ती का ही कैसे ख्याल रख पाते हैं ये कमाल है। बहरहाल।
हर महीने एक दिन भर्ती से परेशान युवाओं से बात कीजिए। वैसे भी ये तीन चार साल से इंतज़ार कर ही रहे हैं। आप दो चार साल और करने को बोल देंगे तो ये खुश हो जाएंगे। मुझे उसके चार साल बाद परेशान करेंगे।
अब देखिए आप भर्ती नहीं करते हैं और इनके मैसेज मुझे झेलने पड़ते हैं। कल एक नौकरी से संबंधित कुछ लोग मेरे इनबाक्स में मैसेज भेजे जा रहे थे। ऐसा किसी के साथ भी नहीं करना चाहिए। भयंकर अभद्रता थी।
मैं भी बेचैन रहता हूं लेकिन दूसरे को पांच सौ मैसेज नहीं करवाता। मैंने तो किसी को जवाबी मैसेज नहीं भेजा कि आप डॉ कफ़ील ख़ां के साथ जो ज़्यादती हो रही है उसे लेकर सवाल क्यों नहीं उठाते? लोकतांत्रिक सवालों को लेकर क्यों नहीं बोलते? मैंने ऐसी कोई शर्त नहीं रखी और न ये उस लायक हैं।
एक ने तो सिर्फ एक लाइन का मैसेज भेजा। सर 49568 भर्ती। बस। आपको जो समझना है समझें। नौजवान तो मैसेज कर भग लिया। ग्रुप मैसेज में लिखा था कि रवीश कुमार को इस मैसेज का कापी कर सेंड करें। एक बंदा इतना आलसी था कि स्क्रीन शाट ले लिया और मुझे भेज दिया। एक बंदे का नंबर चेक किया। आदरणीय सर, आप बुरा न मानें। उसके नाम के बाद ABVP लिखा था। मुझे खुशी हुई कि ABVP का नाम लगाने वाले युवा भी चुपके से मेरे इनबाक्स में मैसेज ठेल देते हैं। जबकि उन्हें तो अपने संगठन प्रभारी से बोल कर सीधे आपसे बात करनी चाहिए थी और भर्ती का लेटर लेकर घर जाना था। हंसते गाते। रिश्तेदारों और मां-बाप को खाते खिलाते।
योगी जी हम बहुत परेशान हो गए हैं। पत्र लिख रहे हैं। और क्या। मैंने कई बार कहा है कि नौकरी सीरीज़ बंद कर दी है। उसके कारणों को विस्तार से कई बार लिख चुका हूं। फिर भी नहीं मानते हैं। इनकी अपेक्षाएं भी बहुत सीमित हैं। ये अपने आंदोलन को लेकर छपा हुआ देखना चाहते हैं। इसलिए यहां पोस्ट कर रहा हूं। अगर आप भर्ती का नियुक्ति पत्र इन्हें दे देंगे तो खुशी होगी। वोट आपको मिलेगा और मुक्ति मुझे। वैसे ये बात लिखने का कोई फायदा नहीं कि मैंने सभी भर्ती की बात लिखी है ये लोग मुझे अलग से मैसेज करेंगे ही। यह जानते हुए भी कि नौकरी सीरीज़ बंद कर दी तो बंद कर दी।
जी देखा जाए यही वो पत्र है जिसने मेरी नाक में दम कर रखा है
Upp 49568 की vacancy 2018 में विज्ञापन आया था और इसका एग्जाम 27 & 28 jan.2019 में हुआ था और इसका अंतिम फाइनल रिजल्ट 2 मार्च 2020 का आया है
मेरा भर्ती बोर्ड से बस यही निवेदन है कि 5 महीने होने को है कृपया मेडिकल तुरंत कराने का कष्ट करें और तत्काल नियुक्ति पत्र प्रदान करे
चयनित कैंडिडेट
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती 49568 सन 2018 के अक्टूबर माह में आयी थी जिसका लिखित परीक्षा 27 और 28 जनवरी 2019 को संपन्न कराई गई।।इसके बाद काफी लंबे समय के बाद 20 नवंबर को कट ऑफ जारी किया गया तथा दिसंबर और जनवरी मे सारिरिक दक्षता परीक्षा करा ली गई।।
फिर 2 मार्च 2020 को अंतिम चयन सूची जारी कर दी गई पर अभी तक स्वास्थ परीक्षण और चरित्र सत्यापन ना तो कराया गया और ना ही छात्रों को इसके बारे में किसी प्रकार की कोई अपडेट मिली।।अब भर्ती को इतना ज्यादा समय हो चुका है कि सभी छात्र परेशान है।।
आप से विनम्र निवेदन है कि अपने अखबार में हमारे मुद्दे पर कुछ लिखिए जिससे की शायद भर्ती बोर्ड हरकत में आए।सभी छात्र आपके आभारी रहेंगे।।”
आदरणीय योगी जी प्लीज़ इन्हें नौकरी दे दें। नहीं देनी है तो साफ बोल दें ये बिल्कुल बुरा नहीं मानेंगे। आपके ही हैं। कहां जाएंगे।