शमशाद रज़ा अंसारी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के राज में प्रदेश की क़ानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त होती नज़र आ रही है। यह वही भाजपा सरकार है जो सपा सरकार में छोटी से छोटी घटना होने पर प्रदेश में जंगलराज बताया करती थी। सत्ता में आने से पहले बड़े बड़े दावे करने वाली भाजपा सरकार क़ानून व्यवस्था बनाये रखने में पूर्ण रूप से नाकाम हो चुकी है। सत्ता में आने के बाद प्रदेश के मुखिया ने दावा किया था कि अपराधी या तो अपराध छोड़ देंगे या प्रदेश छोड़ देंगे। लेकिन न तो अपराधियों ने अपराध छोड़ा है और न प्रदेश छोड़ा है। हालात यह हो गये हैं कि प्रदेश में आम नागरिक से लेकर पुलिस तक सुरक्षित नही है। बुलन्दशहर में इंस्पेक्टर सुबोध की हत्या हो या कानपुर में डीएसपी सहित आठ पुलिसवालों की हत्या हो या फिर बलात्कार पीड़िता की हत्या हो। प्रदेश में हो रहीं हत्याएँ तथा बलात्कार योगी के अपराध मुक्त प्रदेश देने के वादे की पोल खोलते नज़र आ रहे हैं।

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प्रदेश की हॉट सिटी माना जाने वाला ग़ाज़ियाबाद भी इन दिनों अपराध के बढ़ते  ग्राफ को लेकर चर्चा में है। ग़ाज़ियाबाद के एसएसपी कलानिधि नैथानी के तमाम प्रयासों के बाद भी जनपद की कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गयी है। जनपद में लगभग प्रतिदिन कोई न कोई बड़ी वारदात सामने आ रही है। यहाँ के थाना सिहानी गेट क्षेत्र से अपहृत हुये बिल्डर विक्रम त्यागी का पुलिस तमाम प्रयासों के बाद भी कोई सुराग नही लगा सकी है। जनपद पुलिस की नाकामयाबी के बाद अब मामला एसटीएफ को सौंपा गया है। अपराधी के बढ़ते हौंसलों का ताज़ा मामला लोनी के चिरोड़ी गाँव का है जहाँ हलवाई की दुकान करने वाले युवक की उसकी दुकान में ही अज्ञात बदमाशों ने गोली मार कर हत्या कर दी। पुलिस हत्यारों की तलाश में जुटी है।

मोनू पुत्र राधेश्याम की चिरोड़ी गाँव में लाला दिप्पा हलवाई के नाम से हलवाई की दुकान है। गुरुवार दोपहर को वह अपनी दुकान पर बैठा था। तभी बाइक सवार कुछ बदमाश आये और मोनू के सीने में सटाकर गोली मार कर फ़रार हो गये। आसपास के लोगों ने पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलने पर मौके पर पँहुची पुलिस ने मोनू को नज़दीक के अस्पताल में भर्ती कराया। जहाँ उपचार के दौरान मोनू की मौत हो गयी। स्थानीय निवासियों की मानें तो पूरे मामले में पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आ रही है। आसपास के लोगों ने बताया कि बदमाशों द्वारा मृतक से कुछ दिन पहले से रंगदारी मांगी जा रही थी। जब मोनू ने रंगदारी देने से मना कर दिया तो बदमाशों ने खुलेआम दिन दहाड़े मोनू की गोली मार कर हत्या कर दी। लोगों ने बताया कि मोनू ने रंगदारी मांगने की सूचना पुलिस को दी थी लेकिन पुलिस ने ढुलमुल रवैया अपनाते हुये कोई सुनवाई नही की। जिसका खामियाज़ा मोनू को अपनी जान देकर चुकाना पड़ा।

पुलिस अधीक्षक ग्रामीण नीरज जादौन ने बताया कि सीसीटीवी तथा अन्य लोगों से पूछताछ के आधार पर बदमाशों की तलाश की जा रही है। बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए टीमें गठित की गयी हैं। जल्द ही बदमाशों को गिरफ़्तार कर लिया जायेगा। वहीँ दूसरी तरफ पुलिस की लापरवाही के कारण दिन दहाड़े हुई इस हत्या से व्यापारियों में रोष व्याप्त है।

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