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गांधी भवन में स्वतंत्रता सेनानी को दी गई श्रद्धांजलि, ‘राजनीति में ईमानदारी के पर्याय थे जमुना प्रसाद बोस’ : राजनाथ शर्मा

बाराबंकी (यूपी) : जमुना प्रसाद बोस राजनीति में ईमानदारी के पर्याय थे। उनकी ईमानदारी, सादगी एवं देश और समाज के प्रति उनका समर्पण सदैव अविस्मणीय बना रहेगा। उन्होंने सार्वजनिक जीवन में सैद्धांतिक मूल्यों से कभी कोई समझौता नहीं किया। बोस जी की स्वतंत्रता आन्दोलन और समाजवादी आन्दोलन में अग्रणी भूमिका हमेशा समाज को प्रेरित करती रहेगी। यह बात गांधी भवन में स्वतन्त्रता सेनानी, लोकतन्त्र सेनानी, उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मन्त्री 95 वर्षीय जमुना प्रसाद बोस के निधन पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा की अध्यक्षता कर रहे समाजवादी चिन्तक राजनाथ शर्मा ने कही। इस मौके पर स्व. जमुना प्रसाद बोस के चित्र पर माल्र्यापण कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

शर्मा ने कहा कि जमुना प्रसाद बोस आजाद हिंद फौज के योद्धा थे। बोस आजादी बाद लोकतन्त्र सेनानी हुए। जमुना प्रसाद बोस जैसे लोग धरती पर कभी-कभी पैदा होते हैं। ऐसे लोग मरने के बाद भी जिन्दा रहते है। उनका निधन समाजवादी आन्दोलन की अपूर्णनीय क्षति है। शर्मा ने बताया कि उप्र सरकार में चार बार मंत्री रहने के बाद भी खुद के पास एक मकान भी नहीं था। उन्होंने हमेशा चुनाव नीतियों और सिद्धान्तों के बल पर लड़ा। खादी और सादगी ही उनकी पहचान थी। उनकी इसी सहजता ने उनके प्राण ले लिए। राज्य सरकार उन्हें उचित इलाज नहीं मुहैया करा पायी।

चिकित्सीय अव्यवस्थाओं और सरकार की दमनकारी नीतियों ने जमुना प्रसाद बोस के प्राण ले लिए। जो जांच का विषय है। सपा नेता हुमायूं नईम खान ने कहा कि जमुना प्रसाद बोस खांटी समाजवादी थे। वह समाजवाद के सिद्धान्तों पर जीने वाले खांटी समाजवादी थे। देश जब गुलामी की जंजीरों में जकड़ा था, तब जमुना प्रसाद बोस ने आजादी की लड़ाई लड़ी। अंग्रेजी हुकूमत की दमनकारी नीतियों का विरोध करते हुए कोड़े खाए और यातना सही। आजादी के बाद लोकतंत्र को बचाने के लिए संघर्ष किया और जेल की सजा काटी। जीवन के अन्तिम समय कोरोना से जंग करते हुए पराजित हुए।

समाजसेवी विनय कुमार सिंह ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से प्रभावित होकर जमुना प्रसाद बोस ने भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया और जेल गए। कृतज्ञ राष्ट्र जमुना प्रसाद बोस के योगदान को हमेशा स्मरण करता रहेगा। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे। इस अवसर पर प्रमुख रूप से मृत्युंजय शर्मा, पाटेश्वरी प्रसाद, नीरज दूबे, मनीष सिंह, मो अदीब इकवाल किदवई, पी.के सिंह, सत्यवान वर्मा, अनिल यादव, राहुल यादव सहित कई लोग मौजूद रहे।

ब्यूरो रिपोर्ट, बाराबंकी

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