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कांग्रेस-BJP गरीबों, शोषितों, वंचितों और उपेक्षितों के आत्म-सम्मान, स्वाभिमान की कोई परवाह नहीं करती : मायावती

नई दिल्ली : बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने केंद्र में सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी और प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस पर जातिवादी, पूंजीवादी और संकीर्णवादी होने का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को कहा कि दोनों पार्टियां देश में करोड़ों गरीबों, शोषितों, वंचितों और उपेक्षितों के आत्म-सम्मान और स्वाभिमान की कोई परवाह नहीं करती हैं।

मायावती ने बसपा के संस्थापक दलित नेता कांशीराम की पुण्यतिथि पर आयोजित एक कार्यक्रम के बाद यहां संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस और भाजपा जैसी जातिवादी, पूँजीवादी और संकीर्ण मानसिकता वाली पार्टियाँ पर्दे के पीछे से इन वर्गों के कुछ स्वार्थी, लालची और बिकाऊ लोगो को इस्तेमाल करके इन वर्गो के वोटों को खंडित करने का भी पूरा-पूरा प्रयास करती हैं। ये दोनों पार्टियों बसपा को नुकसान पहुंचाती हैं। 

उन्होंने बसपा को बेवजह बदनाम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि बसपा का संगठन चलाने और चुनाव लड़ने आदि के लिये हमेशा पार्टी के इन वर्गे के लोगों से ही विभिन्न रूपों में आर्थिक सहयोग लिया जाता है जबकि कांग्रेस, भाजपा और अन्य विरोधी पार्टियां बड़े-बड़े पूँजीपतियों और धन्नासेठों से आर्थिक मदद लेती हैं।

बसपा नेता ने कहा, “कांग्रेस और भाजपा के लोग पूर्ण रूप से जातिवादी, पूँजीवादी और संकीर्ण मानसिकता के लोग हैं जिनकी सोच, नीति और नीयत हमारी पार्टी तथा हमारे इन वर्गो के लोगों के प्रति लगभग एक जैसी ही है जिसके तहत ही ये सभी विरोधी पार्टियाँ एक होकर बसपा को केन्द्र और राज्यों की सत्ता तक नहीं पहुंचने देना चाहती हैं।”

मायावती ने हाथरस कांड का उल्लेख करते हुए आरोप लगाया कि ये  विराेधी पार्टियाँ अपने राजनीतिक स्वार्थ  और फायदे  के लिए इन वर्गो पर  और इनकी बहन-बेटियों पर कोई भी जुल्म-ज्यादती आदि होने पर राजनीतिक हंगामा करती है। उन्होंने कहा कि  कांग्रेस और भाजपा के के शासनकाल में दलितों और वंचितों वर्ग के लोगों का कोई भी खास विकास और उत्थान नहीं हुआ है और ये विरोधी पार्टियाँ अन्दर-अन्दर आपस में एक होकर हमारे इन वर्गाे के लोगों का हर स्तर पर शोषण करती हैं और इन्हें अभी भी सदियों की तरह ही अपना गुलाम और लाचार बनाये रखना चाहती हैं।      

 बिहार विधानसभा चुनाव और उत्तरप्रदेश तथा मध्यप्रदेश में उप चुनावों का जिक्र करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में विधानसभा के लिए आमचुनाव हो रहे हैं और साथ में उत्तर प्रदेश तथा मध्यप्रदेश में भी विधानसभा के लिए उपचुनाव हो रहें हैं। वंचित वर्गो के लोगों के हितों को ध्यान में रखकर ही बिहार में बसपा ने उपेन्द्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी आदि को मिलाकर बने गठबन्धन में शामिल  होने का फैसला किया है।

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