नई दिल्ली : बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली की तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें कोलकाता के वुडलैंड्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है, गांगुली की तबीयत आज सुबह खराब हुई, रिपोर्ट के मुताबिक सौरव गांगुली जिम में वर्कआउट कर रहे थे, ये जिम सौरव गांगुली के घर में ही है.
जानकारी के मुताबिक शनिवार सुबह अपने घर के जिम में वर्कआउट करने के दौरान गांगुली को सीने में दर्द हुआ, इसके बाद परिजनों ने उन्हें तुरंत कोलकाता के वुडलैंड्स अस्पताल में एडमिट कराया.
अस्पताल के सूत्रों ने पुष्टि की कि सौरव गांगुली को एंजियोप्लास्टी की आवश्यकता है, डॉक्टर्स ने बताया है कि उन्हें कार्डियक अरेस्ट हुआ है.
गांगुली को एंजियोप्लास्टी से गुजरना होगा, हालांकि डॉक्टर्स ने ये भी बताया है कि चिंता की कोई बात नहीं है, फिलहाल उनकी हालत स्थिर बनी हुई है.
अस्पताल के सूत्रों के मुताबिक गांगुली की तबीयत फिलहाल स्थिर है, चैकअप के बाद पता चला कि उन्हें सीने में कुछ गंभीर दिक्कत है, अस्पताल ने डॉक्टर सरोज मंडल के साथ तीन डॉक्टर का बोर्ड बनाया है, जो अब एंजियोप्लास्टी करेंगे.
पीएम ममता ने सौरव गांगुली के जल्द स्वस्थ होने की कामना की है, ममता बैनर्जी ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘यह सुनकर दुख हुआ कि सौरव गांगुली को हल्के कार्डिक अरेस्ट का सामना करना पड़ा.
उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, उनके जल्द स्वस्थ होने कामना, मेरी प्रार्थनाएं उनके और उनके परिवार के साथ हैं.
सौरव गांगुली की तबीयत बिगड़ने के बाद जैसे ही यह खबर फैली, तो सोशल मीडिया पर लोग उनके जल्द स्वस्थ होने की दुआ मांगने लगे, टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली, शिखर धवन, सहवाग ने गांगुली के जल्द स्वस्थ होने की कामना की है.
सौरव गांगुली को भारत के सबसे सफल कप्तानों में गिना जाता है, गांगुली ने भारत के लिए 113 टेस्ट और 311 वनडे खेले, आपको बता दें कि सौरव गांगुली ने 1996 में इंग्लैंड के खिलाफ अपने पहले ही टेस्ट में शतक जड़कर अपने टेस्ट करियर जोरदार आगाज किया था, उन्होंने 49 टेस्ट और 147 वनडे मैचों में भारत की कप्तानी की.
बाएं हाथ के स्टाइलिश बल्लेबाज सौरव गांगुली ने अपने करियर में 113 टेस्ट मैचों में 42,17 की औसत से 7212 रन बनाए, जिनमें 16 शतक और 35 अर्धशतक शामिल हैं.
वहीं 311 वनडे मैचों में उन्होंने 41,02 की औसत से 11363 रन बनाए, जिनमें 22 शतक और 72 अर्धशतक शामिल हैं, गांगुली ने टीम को ऐसे मुकाम पर पहुंचाया जो देश ही नहीं, बल्कि देश के बाहर भी जीतना जानती थी.
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