चंडीगढ़ः हरियाणा से राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने आज कहा है कि केंद्रीय कृषि कानूनों को लेकर चल रहे किसान आंदोलन से राज्य सरकार डगमगा गई है और वह विधानसभा में अविश्वास मत का सामना करने से कतरा रही है। हुड्डा ने आज यहां जारी बयान में यह दावा करते हुये कहा कि अविश्वास प्रस्ताव से स्पष्ट हो जायेगा कि कौन विधायक सरकार के साथ है और कौन जनता के साथ। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री को दिल्ली में केंद्रीय नेतृत्व से मिलने के बाद यह कहना पड़ा है कि सरकार सुरक्षित है जबकि इन्हें किसानों की मांगें मानने के लिए सरकार को मनाना चाहिये।
कांग्रेस सांसद ने दावा किया कि किसान आंदोलन के चलते राज्य सरकार की कुर्सी डगमगाने लगी है। इसका सीधा प्रमाण बरोदा विधानसभा उप-चुनाव तथा हाल के स्थानीय निकाय चुनावों में भारतीय जनता पार्टी(भाजपा)-जननायक जनता पार्टी(जजपा) गठबंधन प्रत्याशियों की हार में देखा जा सकता है। राज्य सरकार के खिलाफ जनविरोध इस कदर बढ़ चुका है कि इनके नेताओं, मंत्रियों और विधायकों को अपने ही इलाकों में जाने के लिए भी पुलिस का सहारा लेना पड़ रहा है।
हुड्डा ने राज्यपाल पर आक्षेप लगाया कि वह विपक्ष की मांग के बावजूद अपनी संवैधानिक शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए विधानसभा का विशेष सत्र नहीं बुला रहे हैं। यहां तक कि वह विपक्ष को मिलने का वक्त तक नहीं दे रहे हैं। उनका ऐसा रवैया समझ से परे है। उन्होंने राज्य सरकार से किसान आंदोलन में दम तोड़ने वाले किसानों के परिवारों को आर्थिक मदद और नौकरी देने की मांग की। उन्होंने वादा किया कि राज्य सरकार अगर ऐसा नहीं करती है तो प्रदेश में जब भी कांग्रेस सरकार बनेगी तो वह कंडेला कांड की तर्ज पर ऐसे परिवारों को आर्थिक मदद और नौकरी देगी।