नई दिल्ली : सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भाजपा के राज में अब हिन्दू भी सुरक्षित नहीं हैं। भाजपा के राज में पहले मुस्लिम समुदाय के अंदर सुरक्षा को लेकर आशंकाएं थीं, लेकिन अब दलित, सिख और हिन्दू समाज भी खुद को असुरक्षित महसूस कर रहा है।

दिल्ली के मंगोलपुरी इलाके में कुछ लोगों ने एक परिवार पर हमला कर उनके नौजवान बेटे रिंकू शर्मा की बेरहमी से हत्या कर दी, जिससे कई सवाल उठ रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा और केंद्रीय गृहमंत्री अपने राजनीतिक फायदे के लिए हिन्दू बच्चों की हत्याएं होने दे रहे हैं।

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यह बेहद ही शर्मनाक है और भाजपा की यह राजनीति नहीं चलेगी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को रिंकू शर्मा हत्याकांड समेत अन्य सभी घटनाओं की जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।

साथ ही, आम आदमी पार्टी की मांग है कि इस पूरे षणयंत्र के पीछे काम करने वाली मानसिकता का पर्दाफाश कर सभी दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जानी चाहिए।

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली में मंगोलपुरी क्षेत्र के अंदर परसों कुछ लोगों ने एक परिवार के ऊपर हमला कर उनके नौजवान बेटे रिंकू शर्मा की बहुत बेरहमी से निर्मम हत्या कर दी। इसमें कई सवाल खड़े होते हैं।

विधायक और दिल्लीवासी के तौर पर मेरे मन में बहुत सारी चिंताएं बाहर आती हैं। हमारी दिल्ली ऐसी नहीं थी, इस दिल्ली को क्या हो गया है कि रोज अखबारों में इस तरह की हत्या की खबरें आम हो गई हैं। जब भाजपा सरकार में आई तो मुस्लिम समाज अक्सर सोचता था कि भाजपा के राज में हम सुरक्षित नहीं हैं।

अब इनके राज को 6 साल हो रहे हैं और अब ऐसे सैकड़ों उदाहरण हैं कि दलित सुरक्षित नहीं है। गुजरात, दिल्ली सहित अन्य राज्यों में इसके सैकडों उदाहरण हैं। अब दलित समाज के अंदर यह बात आने लगी है कि भाजपा के राज में वे भी सुरक्षित नहीं हैं। दलितों के ऊपर अक्सर हमले किए जाते हैं।

उन्होंने कहा, उत्तर प्रदेश के अंदर दलित की बेटी का बलात्कार होता है, तो पूरी की पूरी योगी की सरकार बलात्कारियों के साथ खड़ी हो जाती है। उस दलित की बेटी को इतना भी सम्मान नहीं मिलता है कि उसकी चिता को उसके घर वाले जलाएं।

रात में पेट्रोल से उसकी लाश को जला दिया जाता है। उसके भाई के ऊपर आरोप लगाया जाता है कि उसने मर्डर किया है। ऐसे में दलितों के अंदर बड़ी चिंता रही कि हम लोग भी भाजपा के राज में अब सुरक्षित नहीं है।

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि पिछले 1 महीने में, जनवरी और फरवरी में जो नफरत सिख समुदाय के खिलाफ भाजपा के कार्यकर्ताओं में दिखी है। जिस तरीके से भाजपा के कार्यकर्ताओं ने सिखों, किसानों के ऊपर हमले किए हैं, उनको देशद्रोही और उग्रवादी कहा है।

मेरी विधानसभा में रह रहे कई सिख लोग कहते हैं कि यह लोग दंगा करेंगे, हम को मरवा सकते हैं। हम लोगों को टारगेट करेंगे। अब सिख समुदाय भी सुरक्षित नहीं है। वहीं, अब जो ट्रेंड समझ में आ रहा है और मुझे लगता है कि भाजपा के राज में अब हिंदू भी सुरक्षित नहीं है।

दिल्ली के अंदर ऐसे हालात कभी नहीं थे, अब दिन दहाड़े हत्याएं हो रही हैं। लाठी-डंडे चाकू लेकर लोग सड़कों पर घूम रहे हैं। दूसरे के घर में घुसकर उसकी हत्या कर रहे हैं। उसके घर के सामने हत्या कर दे रहे हैं। यह कैसे हो सकता है, यह संभव नहीं है।

उन्होंने कुछ महीने पहले की घटना का जिक्र करते हुए कहा, राहुल राजपूत आदर्श नगर के अंदर ट्यूशन पढ़ाता था। उसकी इसी तरीके से निर्मम हत्या हुई थी। मैं उनके घर जाकर मिला भी था। भाजपा ने बड़ी कोशिश की मगर उनकी दाल नहीं गली।

जो महिला मित्र राहुल राजपूत के साथ थी, वह दूसरे समुदाय की थी। उस लड़की के सामने राहुल की हत्या हुई थी। आप सब उस बात को याद करेंगे कि मैंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उस लड़की का वीडियो दिखाया था। वह लड़की कह रही थी कि घटना स्थल से पुलिस चौकी 50 कदम दूर थी, जहां पर उसकी हत्या हुई थी।

दिनदहाड़े वह भागते हुए पुलिस चौकी गई। पुलिस चौकी में दिल्ली पुलिस के अफसर मौजूद थे। उसने उन पुलिस अफसरों को बोला कि वहां पर लोग राहुल राजपूत को मार रहे हैं। उसको वह मार डालेंगे, लेकिन पुलिस वाले चाय पीते रहे और निकलकर नहीं आए। यह बात उस लड़की ने कुछ पत्रकारों को बताई और मीडिया में खबर छपी।

उसके बाद क्या हुआ? केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के अधीन दिल्ली पुलिस आती है। क्या केंद्रीय गृहमंत्री ने उस डीसीपी को सस्पेंड किया? क्या उन पुलिस अधिकारियों के ऊपर हत्या में सम्मिलित होने का मुकदमा चला?

कोई कार्रवाई नहीं हुई, बल्कि उसके बाद दिल्ली पुलिस के तीन अधिकारी उस लड़की के पास गए, जहां पर उसको सरकारी कस्टडी में रखा गया था। वहां पर किसी बहाने से उसका फोन लिया गया और सिम कार्ड को तोड़ दिया गया। ताकि वह मीडिया वालों, दूसरे राजनीतिक दल से बात न कर सके और पुलिस की पोल न खोल सके।

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मैं पूरी जिम्मेदारी से और बड़ी गंभीर बात कह रहा हूं। एक गंभीर आरोप देश के गृहमंत्री के ऊपर लगा रहा हूं। पूरी जिम्मेदारी से आरोप लगा रहा हूं कि इन हत्याओं में गृहमंत्री की जिम्मेदारी है, उनकी नाक के नीचे हत्याएं हो रही है।

उनकी पुलिस इन हत्याओं को अपने सामने होने दे रही है। इनके अंदर भाजपा और अमित शाह का क्या राजनीतिक फायदा है, यह बताने की जरूरत नहीं है। मगर उस राजनीतिक फायदे के लिए हमारे हिंदू बच्चों की जान मत लो। यह राजनीति नहीं चलेगी कि आप हमारे हिंदुओं को बस सिर्फ इसलिए मरवाओगे, ताकि आप  राजनीतिक रोटियां सेक सको।

यह बहुत ही शर्म और घटिया बात है। दिल्ली जैसी पढ़े-लिखे इलाके के प्रतिनिधि के तौर पर मुझे हिंदू, मुसलमान, सिख, ब्राह्मण वाली बातें करनी पड़ रही है। क्योंकि यह घटिया कल्चर भाजपा की देन है। जिसके कारण आज मुझे हत्या और बलात्कारों के अंदर लोगों के धर्म और जातियां बतानी पड़ती है।

गृहमंत्री की पूरी जिम्मेदारी है। उनके रहते हुए लाल किला नहीं बचा। उनके रहते हुए एक हिंदू लड़का अपने परिवार के बीच में बैठा हुआ नहीं बचा। उनके क्षेत्र में उनकी नाक के नीचे पुलिस की चौकी के सामने राहुल राजपूत जिंदा नहीं बचा। गृहमंत्री को अपनी जिम्मेदारी माननी चाहिए और इस्तीफा देना चाहिए।

मुझे लगता है कि इस्तीफा सबसे कम चीज है, जो इनसे मांग रहे हैं। दोषियों को सजा हो। इस पूरे षडयंत्र के पीछे जो मानसिकता काम कर रही है, उस मानसिकता को उजागर करके जिन्होंने हत्या की हैं और जो इन षड्यंत्रों के पीछे हैं उनको सख्त से सख्त सजा देनी चाहिए, यह आम आदमी पार्टी मांग करती है।

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