हैदराबाद
कोरोना की तीसरी लहर ने बहुत बड़े स्तर पर अपना कहर ढाया है। स्थिति यह थी कि अस्पतालों में बेड नही थे। तीमारदार अपने मरीजों को ऑक्सीजन के साथ अस्पताल के बाहर पड़े हुये थे। इन विकट परिस्थितयों में स्कूल कॉलेज में भी आइसोलेशन की व्यवस्था की गयी। लेकिन हालात फिर भी क़ाबू से बाहर रहे। इन हालात को समझते हुये बन्द पड़े धार्मिक स्थलों ने भी अपने दरवाज़े मरीजों की मदद के लिए खोल दिए। हैदराबाद में भी कमोबेश यही हालात बन चुके थे। अप्रैल-मई में सरकारी अस्पतालों में जगह नहीं थी। इसी बीच हेल्पिंग हैंड फाउंडेशन और रोटरी क्लब ऑफ हैदराबाद डेक्कन कोई ऐसी जगह तलाश रहे थे, जहां कोविड सेंटर शुरू किया जा सके।
जगह ऐसी चाहिए थी, जो बड़ी हो और जहां पार्किंग की सुविधा भी हो। फाउंडेशन ने राजेंद्रनगर स्थित मस्जिद मोहम्मदिया से संपर्क किया तो मस्जिद प्रबंधन ने तुरन्त कोविड मरीजों के इलाज के लिए मुफ्त में मस्जिद और मदरसा उपयोग के लिए दे दिया।
प्रबन्धन की अनुमति मिलने के बाद मस्जिद और मदरसा को कोविड अस्पताल में बदल दिया गया। मदरसे के 23 कमरों में से हर कमरे में दो से तीन बेड लगाए गए। फॉर्मेसी, डॉक्टर्स, रेस्ट एरिया, कैजुअल्टी वार्ड तैयार किए गए। फिजियोथेरेपिस्ट और डाइटीशियन को भी अपॉइंट किया गया।
सभी परमिशन मिलने के बाद 24 मई से 40 बेड के साथ सेंटर शुरू कर दिया गया। फाउंडेशन के मैनेजर मोहम्मद फरीद उल्लाह ने बताया कि पहले दिन आठ मरीज एडमिट हुए थे। अगले दिन से सभी बेड फुल रहे। उन्होंने बताया कि यहां हर बेड के साथ ऑक्सीजन की सुविधा भी दी जा रही है। ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर भी दे रहे हैं। इलाज, दवाई और जांच का पूरा खर्च फाउंडेशन ही उठा रहा है। हालांकि यदि कोई संपन्न मरीज है तो वो जांच का शुल्क दे सकता है।
मोहम्मद फरीद उल्लाह के मुताबिक जिन मरीजों का ऑक्सीजन सेचुरेशन लेवल 85 से 90 के बीच होता है, उन्हें हम यहां रखते हैं, लेकिन यदि किसी का 85 से भी कम हो गया है तो फिर हम संबंधित पेशेंट को हायर सेंटर में रेफर करते हैं, क्योंकि इतनी ऑक्सीजन की सुविधा यहां नहीं है कि कम सेचुरेशन वाले को भी लगातार दी जा सके।
फाउंडेशन अपने खर्चे से पेशेंट को सरकारी या निजी अस्पताल में बेड भी अरेंज करवाता है और एंबुलेंस से फ्री में वहां तक छोड़ता है।
मस्जिद में इतनी जगह है कि 120 बेड लग सकते हैं, लेकिन अभी स्थितियां नियंत्रण में हैं, इसलिए बेड बढ़ाए नहीं जा रहे। जब तक स्कूलों के खुलने के आदेश जारी नहीं हो जाते, तब तक यह सेंटर चलता रहेगा। मस्जिद में कोविड सेंटर का सेटअप खड़ा करने में 75 लाख रुपए खर्च हुए हैं, जिसमें 6 महीने की ऑपरेशन कॉस्ट भी शामिल है। यह सारा खर्चा हेल्पिंग हैंड्स रोटरी ट्रस्ट, रोटरी क्लब ऑफ हैदराबाद और एजुकेशन एंड इकोनॉमिक डेवलपमेंट (SEED) द्वारा उठाया गया है।
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