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उर्दू किसी मजहब की जुबान नही, दिल वालों की जुबान है: अल्लामा फरुख एजाज

उर्दू किसी मजहब की जुबान नही, दिल वालों की जुबान है: अल्लामा फरुख एजाज

औरंगाबाद
गुरुवार को वरिष्ठ उर्दू साहित्यकार,लेखक, इतिहासकार अल्लामा एजाज फरुख (हैदराबाद)
के औरंगाबाद आगमन पर रीड एंड लीड फाऊंडेशन का लोकप्रिय कार्यक्रम “लेखक से मिलिए” फाउंडेशन के कार्यालय मिर्जा वर्ल्ड बुक हाऊस कैसर कालोनी पर रखा गया था। औरंगाबाद शहर के वरिष्ठ साहित्यकारों लेखकों के उपस्थित में अल्लामा फरुख एजाज ने भारतीय भाषा संस्कृति और सभ्यता पर विस्तार से चर्चा हुऐ कहा कि
आज अच्छे लिखने वाले क्यों कम हो गऐ है? इस सवाल के जवाब में अल्लामा ने कहा कि अच्छे पढ़ने वाले जो कम हो गए हैं।
उर्दू वालों को चाहिए कि उर्दू भाषा को अगर जिंदा रखना है तो उर्दू की किताबें खरीद कर पढ़ना शुरू कर दें। यह उर्दू भाषा की ही बात नहीं, सभी भाषाओं के प्रति मेरा यही कहना है कि आप को जिस भाषा से प्यार है इसे खरीद कर पढ़िए।
फरुख एजाज ने औरंगाबाद शहर और यहां की तहजीब व कल्चर की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस शहर का बड़ा भाग्यशाली व गौरवशाली इतिहास रहा है मुझे शहर को देख बड़ी खुशी हुई है।
वरिष्ठ साहित्यकार नुरुलहसनैन ने प्रमुख अतिथि फरुख एजाज के बारे में कहा कि हमारी बड़ी खुशकिस्मती है कि देश के महान लेखक इतिहासकार बहुभाषी साहित्यकार शहर में आये हैं और इन से हमे मिलने का अवसर प्राप्त हुआ है।
प्रस्तावना मे फाऊंडेशन के अध्यक्ष मिर्जा अब्दुल कय्युम नदवी ने कहा कि यह हमारी परंपरा है कि शहर मे जब भी कोई बड़ा व्यक्ति, लेखक, शायर आता है तो हम इन का सत्कार करते हैं और नगरवासियों को इन से रुबरु होने व मुलाकात का अवसर प्रदान करते हैं।
चर्चा सत्र मे वरिष्ठ शिक्षक तथा लेखक अहमद इकबाल सर, खान जमील अहमद, मोईज हाश्मी, आजिल अब्बासी उपस्थित थे और इन्होंने भी भरपूर तरीके से चर्चा मे भाग लिया।
डॉ अशफाक इकबाल ने मेहमानों का हार और गुलदस्ते से सत्कार किया।
संचालन मिर्जा अबुल हसन अली ने किया और आभार मिर्जा वर्ल्ड बुक हाऊस के मैनेजर तालेब बेग ने किया।

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