दिल्ली को बनाया जाएगा झीलों का शहर: गोपाल राय

नई दिल्ली। दिल्ली सचिवालय में मंगलवार को पर्यावरण मंत्री गोपाल राय की अध्यक्षता में डीपीजीएस, वेटलैंड अथॉरिटी ऑफ़ दिल्ली, पर्यावरण विभाग के अधिकारियों और लैंड ओनिंग एजेंसीज के साथ संयुक्त बैठक की गई। इस बैठक में डीपीजीएस, एमसीडी, सीपीडब्लूडी, पीडब्लूडी, डीडीए , डीएसआईआईडीसी, राजस्व आदि विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। बैठक के दौरान दिल्ली की झीलों के सौन्दर्यीकरण और संरक्षण को लेकर चर्चा की गई। बैठक के बाद पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि पहले चरण में दिल्ली की 20 झीलों को अंतर्राष्ट्रीय मानको के अनुरूप पुनर्जीवित, विकसित और संरक्षण करने का निर्णय लिया गया।
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने इस परियोजना के बारें में प्रकाश डालते हुए बताया कि केजरीवाल सरकार दिल्ली में झीलों के संरक्षण व उसके सौंदर्यीकरण के लिए प्रतिबद्ध है। झीलें दिल्ली के इकोसिस्टम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। ये पानी का स्रोत होने के साथ ही जलीय जीवन को सपोर्ट करने और जलवायु को नियंत्रित करने में भी मदद करती हैं। लेकिन इन झीलों की वर्तमान हालातों को देखते हुए, इनको पुनर्जीवित करने का निर्णय लिया गया है। जिसके लिए दिल्ली की वेटलैंड अथॉरिटी, पर्यावरण विभाग द्वारा कुल 1045 झीलों में से करीबन 1018 झीलों की मैपिंग का कार्य पूरा कर लिया गया है। साथ ही इन सभी 1045 झीलों को यूआईडी नंबर भी आवंटित किए गए हैं। आगे इसी परियोजना के आधार पर बाकी झीलों का भी विकास किया जाएगा।
पर्यावरण मंत्री ने बताया कि इस परियोजना के तहत दिल्ली को झीलों के शहर के रूप में विकसित किया जाएगा। जिसके पहले चरण में दिल्ली की 20  झीलों का सौन्दर्यीकरण और विकास करने का निर्णय लिया गया है। इसमें संजय झील, हौज़ खास झील, भलस्वा झील, स्मृति वन (कुंडली), स्मृति वन (वसंत कुंज), टिकरी खुर्द झील, नजफगढ़ झील , वेलकम झील , दर्यापुर कलां झील, पुठ कलां (सरदार सरोवर झील), मुंगेशपुर, धीरपुर, संजय वन का एमपी ग्रीन एरिया, अवंतिका सेक्टर – 1 रोहिणी के जिला पार्क, बरवाला, वेस्ट विनोद नगर (मंडावली, फजलपुर), मंडावली गाँव, अंडावली गाँव राजोरी गार्डन, बरवाला और झटिकरा की झीलें शामिल हैं।

जिला-स्तरीय शिकायत निवारण कमेटी का गठन

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पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि झीलों के विकास और पुनर्जीवित के लिए सबसे महत्वपूर्ण हैं की उन झीलों से सम्बंधित शिकायतों पर कार्य किया जाए। अभी तक की आई रिपोर्ट के अनुसार अतिक्रमण, सीवेज डिस्चार्ज और ठोस कचरे की डंपिंग मुख्य समस्याओं के तौर पर देखी गई हैं। इन्ही समस्याओं के निवारण और झीलों के विकास के लिए जिला-स्तरीय शिकायत निवारण कमेटी गठित की गई है। जो समय समय पर इन झीलों की निगरानी और निरीक्षण का काम करेगी, साथ ही झीलों से सम्बंधित शिकायतों का निपटारा भी करेगी।
पर्यावरण मंत्री ने बताया कि केजरीवाल सरकार दिल्ली की झीलों को संरक्षित करने और पर्यटन के अनुकूल बनाने के लिए कटिबद्ध है।

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