गोदी मीडिया इतिहास के पन्ने से नेहरू को मिटा देना चाहता है। नेहरू को मिटाकर अगर वह आज़ादी की सालगिरह मनाना चाहता है तो वह आज़ादी नहीं मना रहा। मुझे नहीं पता कि उस ऐंकर ने ऐसा क्यों होने दिया? क्या उसे इतिहास की इतनी ही समझ है कि कोई हुकूमत दस साल चल जाए तो इतिहास उसकी ग़ुलामी करने लग जाएगा? उस ऐंकर की आत्मा उससे क्या कहती होगी? टीआरपी की भीड़ तो मादरी को भी मिल जाती है मगर मदारी की भीड़ के दम पर नेहरू को मिटाने की चाह रखने वाले इतना जान लें, सड़क का नाम बदल देने से सड़क का नाम बदलता है, सड़क का इतिहास नहीं बदलता है।
गोदी मीडिया उस दौर के स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान कर रहा है। उनके संघर्ष के पसीने पर अपने मालिकों का खाया नमक रगड़ रहा है। जिन मालिकों के बोले गए सौ झूठ के वीडियो सोशल मीडिया में चलते रहते हैं। अगर आप नेहरू से नफ़रत निकाल कर आज़ादी का उत्सव मना रहे हैं, इसका मतलब है आप उस पूरी लड़ाई का अपमान कर रहे हैं, जिसने नेहरू को अपना नेता माना था, जिन्हें सरदार ने भी अपना नेता माना था।
आज गोदी मीडिया ने जो किया है, उससे मेरा यक़ीन और पुख़्ता होता है कि जब तक इस देश की जनता गोदी मीडिया के जाल से बाहर नहीं आती है, उससे मुक्ति नहीं पाती है, उसका जीवन आज़ाद देश में ग़ुलाम का जीवन है। आज के दौर में इस देश को बचाने की पहली लड़ाई गोदी मीडिया से बचाने की लड़ाई है। एक दिन इस देश की जनता को अपने घरों से गोदी मीडिया को बाहर करना पड़ेगा।
जब तक वह दिन नहीं आता है,आप ग़ुलाम दर्शक बन कर गोदी मीडिया के सामने सर झुकाए खड़े रहेंगे। इस देश में
पत्रकारिता आज़ादी की मशाल रही है लेकिन आज गोदी मीडिया के ज़रिए आप ग़ुलाम बनाए जा रहे हैं। इससे अधिक शर्मनाक बात क्या हो सकती है। अमृत महोत्सव के नाम ज़हर उगला जा रहा है। नेहरू से नफ़रत का रास्ता खोजा जा रहा है। अफ़सोस। इसके बाद भी करोड़ों लोग उस तिरंगे को हाथ में लिए खड़े हैं, गाड़ी, घर और इमारतों पर लहरा रहे हैं, जिसे नेहरू ने कभी लहराया था।
गोदी मीडिया मुर्दाबाद। महात्मा गांधी ज़िंदाबाद। गोदी मीडिया मुर्दाबाद। जवाहर लाल ज़िंदाबाद। गोदी मीडिया मुर्दाबाद, सरदार पटेल ज़िंदाबाद। गोदी मीडिया मुर्दाबाद। डॉ अंबेडकर ज़िंदाबाद। गोदी मीडिया मुर्दाबाद।भगत सिंह ज़िंदाबाद। गोदी मीडिया मुर्दाबाद, चंद्रशेखर आज़ाद ज़िंदाबाद। गोदी मीडिया मुर्दाबाद, उधम सिंह ज़िंदाबाद। गोदी मीडिया मुर्दाबाद, कस्तूरबा गांधी ज़िंदाबाद।। गोदी मीडिया मुर्दाबाद, आचार्य कृपलानी ज़िंदाबाद। गोदी मीडिया मुर्दाबाद। आज़ादी का हर सिपाही ज़िंदाबाद।
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अपने मन में यह नारा बार-बार दोहराएँ। आपके भीतर नैतिक शक्ति आएगी। देश के लिए कुछ करने का जज़्बा आएगा। मुक्ति मिलेगी। जय हिन्द।
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