Header advertisement

जामिया में “चीन-ताइवान संकट” पर विस्तार व्याख्यान का आयोजन

जामिया में “चीन-ताइवान संकट” पर विस्तार व्याख्यान का आयोजन

नई दिल्ली। नेल्सन मंडेला सेंटर फॉर पीस एंड कॉन्फ्लिक्ट रिजॉल्यूशन, जामिया मिलिया इस्लामिया (JMI) ने “चीन-ताइवान संकट” पर एक विस्तार व्याख्यान का आयोजन किया। वक्ता प्रो. चेन म्यू-मिन, नेशनल चुंग सिंग विश्वविद्यालय, ताइवान और भारत में उप प्रतिनिधि ताइपे आर्थिक और सांस्कृतिक केंद्र थे। प्रो. सुजाता अश्वर्या, पश्चिम एशियाई अध्ययन केंद्र, जामिया ने व्याख्यान की अध्यक्षता की।

स्पीकर ने बताया कि कैसे ताइवान में चीनी आर्थिक निवेश ने उनके द्विपक्षीय संबंधों में एक वाटरशेड को चिह्नित किया। चीन ने ताइवान पर सैन्य दबाव बढ़ा दिया है जैसा कि ताइवान के जलडमरूमध्य में हाल ही में चीनी लाइव-फायर सैन्य अभ्यास के दौरान देखा गया था। बहुआयामी चीन-ताइवान संबंधों पर प्रकाश डालते हुए प्रो. म्यू-मिन ने जोर देकर कहा कि ताइवान ने चीन के साथ अपने आर्थिक संबंधों को कम करना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि ताइवान का भविष्य लोकतांत्रिक तरीकों से तय किया जाना चाहिए।

No Comments:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *