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जामिया वीसी प्रो. नजमा अख्तर री-कंस्टीट्यूट जेकेएचईसी की सदस्य नॉमिनेट

जामिया वीसी प्रो. नजमा अख्तर री-कंस्टीट्यूट जेकेएचईसी की सदस्य नॉमिनेट

नई दिल्ली। जामिया मिल्लिया इस्लामिया की कुलपति प्रो. नजमा अख्तर को री-कंस्टीट्युट जम्मू-कश्मीर उच्च शिक्षा परिषद (JKHEC) की सदस्य के रूप में नामित किया गया है। JKHEC के अध्यक्ष, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और डॉ. दिनेश सिंह, पूर्व कुलपति, दिल्ली विश्वविद्यालय इसके उपाध्यक्ष हैं।
जेकेएचईसी का कार्य एनईपी 2020 के अनुरूप उच्च शिक्षा क्षेत्र के व्यापक और समग्र परिवर्तन के लिए नीति तैयार करने पर मार्गदर्शन और नीतियों के निर्माण और कार्यान्वयन के लिए केंद्र शासित प्रदेश में सरकार एवं विश्वविद्यालयों, अनुसंधान संस्थानों तथा उच्च शिक्षा के अन्य केंद्रों को विशिष्ट मामलों पर परामर्श देना होगा।  जिससे 21वीं सदी की जरूरतों और तेजी से बदलती प्रौद्योगिकियों के अनुरूप इंडस्ट्री-रेडी वर्कफ़ोर्स तैयार करने के लिए उच्च शिक्षा संस्थानों को नई अवधारणाओं और कार्यक्रमों के अनुरूप रणनीतिक रूप से संचालित किया जा सके।
भारत के राष्ट्रपति द्वारा प्रदत्त पदम श्री पुरस्कार प्राप्तकर्ता, प्रो. नजमा अख्तर एक शैक्षिक प्रशासक और संस्था निर्माता हैं। उन्होंने राष्ट्रमंडल प्रशासनिक फैलोशिप सहित राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय ख्याति अर्जित की है, और प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों जैसे वारविक और नॉटिंघम, यूनाइटेड किंगडम, और इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर एजुकेशनल प्लानिंग, (IIEP) यूनेस्को, पेरिस में अध्ययन किया है। उनके सहभागी और सक्रिय नेतृत्व में जामिया मिल्लिया इस्लामिया को NAAC द्वारा प्रतिष्ठित ग्रेड ए++ से प्राप्त है, अब यह भारत के शीर्ष तीन विश्वविद्यालयों में शामिल है।
प्रौढ़ शिक्षा विभाग, शिक्षा मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार की प्राप्तकर्ता, प्रो अख्तर ने राज्य शैक्षिक प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान (एसआईईमैट), इलाहाबाद के संस्थापक निदेशक, राष्ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन विश्वविद्यालय (NUEPA), दिल्ली में प्रोफेसर और एचओडी के रूप में कार्य किया है।
उन्होंने 130 देशों के वरिष्ठ अधिकारियों के इंटरनेशनल एजुकेशनल एडमिनिस्ट्रेटर कोर्स का नेतृत्व किया। निदेशक अकादमिक कार्यक्रम और परीक्षा एवं प्रवेश नियंत्रक अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के साथ-साथ उन्होंने दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम इग्नू के वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी / प्रोफेसर रूप में भी कार्य किया।
उन्होंने ओटावा और मॉन्ट्रियल, कनाडा के विश्वविद्यालयों में अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों, एनआईईपीए-नेपाल परियोजना के तहत नेपाल में 19 प्रशिक्षण कार्यशालाओं, हिरोशिमा जापान में हेड टीचर्स के लिए प्रशिक्षण मॉड्यूल पर यूनेस्को कार्यशाला, एसोसियेशन ऑफ कॉमनवेल्थ यूनिवर्सिटीज़ वर्कशॉप एट द यूनिवर्सिटी ऑफ मलेशिया एसोसिएशन की अध्यक्षता की।
यूनेस्को रिसर्च प्रोजेक्ट, प्रोजेक्ट- लॉन्ग टर्म इंटरनेशनल कंसल्टेंसी के निदेशक जैसी विभिन्न शोध परियोजनाओं के टीम लीडर के रूप में काम किया। यूनेस्को और ANTRIEP चीन संगोष्ठी, शंघाई मानव संसाधन विकास संस्थान, शंघाई और कोलंबो-श्रीलंका, कोरियाई शैक्षिक विकास संस्थान, सियोल-दक्षिण कोरिया, मैरीलैंड विश्वविद्यालय, कॉलेज पार्क (यूएसए), विस्कॉन्सिन विश्वविद्यालय, मैडिसन (यूएसए) में पेपर प्रस्तुत किए हैं।
उन्होंने एनईपी, मेंटल हेल्थ, आपदा प्रबंधन, कोविड, पोस्ट-कोविड सिनेरियो, आदि पर अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय वेबिनार/ सेमिनारों में कीनोट एड्रेसेस दिए हैं।
व्यापक स्तर पर  वह विभिन्न सरकारी और अन्य समितियों जैसे हाई लेवल एक्सपर्ट कमेटी ऑन एनसीसी, एमओडी, राष्ट्रीय संचालन समिति, एमओई, सीनेट आईआईटी दिल्ली, जनरल असेम्बली आईसीसीआर, राष्ट्रीय शैक्षणिक सलाहकार समिति भारतीय सामाजिक विज्ञान अकादमी, इलाहाबाद, एम्पाव र्ड कमेटी बिहार स्टेट मदरसा एजुकेशन बोर्ड, विश्वविद्यालय परिषद क्लस्टर विश्वविद्यालय, श्रीनगर;  सदस्य, गवर्निंग काउंसिल और वित्त समिति एआईयू; सदस्य- विशेषज्ञ कमिटी टू डेवेलप ए टेंपलेट फॉर सेल्फ़-डिसक्लोज़र बाइ प्राइवेट यूनिवर्सिटीस यूजीसी; प्रबंधन बोर्ड जामिया हमदर्द, प्रबंध समिति डीपीएस इत्यादि में शामिल रही हैं।
दिल्ली विश्वविद्यालय, मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय, हैदराबाद, असम विश्वविद्यालय और जामिया की विभिन्न चयन समितियों और कार्यकारी समितियों में एक विजिटर नॉमिनी के रूप में  उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोप, एशिया, दक्षिण अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में विश्वविद्यालयों के साथ अकादमिक सहयोग को मजबूत करके शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण को बढ़ावा दिया।

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