मंदिर में चंदा न देने पर सरपंच ने दलित से थूक में रगड़वाई नाक,मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान
केंद्रपाड़ा। ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले में एक शर्मनाक घटना सामने आई है। यहाँ पर एक 32 वर्षीय दलित व्यक्ति को मंदिर में चंदा न देने पर अपनी ही थूक पर नाक नगड़ने के लिए मजबूर किया गया। इस घटना के बाद दलित शख्स की पत्नी ने गांव के सरपंच के खिलाफ मामला दर्ज कराया है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी घटना पर स्वतः संज्ञान लेते हुए ओडिशा के मुख्य सचिव को नोटिस जारी करके छह सप्ताह के अंदर एक रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बीते शनिवार को तिखीरी गांव में रहने वाले सरपंच चमेली ओझा मंंदिर के लिए चंदा मांगने के लिए गुरुचरण मलिक नाम के दलित व्यक्ति के घर गए थे। पुलिस ने बताया कि मलिक ने सरपंच से कहा कि वह कोई पैसा नहीं दे पाएगा क्योंकि उसने पहले ही मूर्ति के लिए दान कर दिया था। युवक द्वारा चंदा देने से मना करने और पर सरपंच ने युवक को खरीखोटी सुनाई। जिस पर युवक और सरपंच के साथ आए ग्रामीणों के बीच बहस छिड़ गई। आरोप है कि सरपंच ने दलित और उसकी पत्नी रेखा को अपशब्द कहे। पुलिस में FIR दर्ज कराने वाली मलिक की पत्नी रेखा ने अपनी शिकायत में कहा है कि शनिवार को हुई इस घटना के बाद रविवार को गांव में पंचायत बुलाई गई। जिसमें सरपंच ने शुरुआती तौर पर गुरुचरण मलिक के परिवार का बहिष्कार करने को कहा। इसके बाद वहां उसे अपने थूक में अपनी नाक रगड़ने लिए मजबूर किया गया। कोई विकल्प नहीं बचा तो युवक ने मान लिया। क्योंकि यह ग्राम समिति का आदेश था। वहीं सरपंच ने इन आरोपों को खारिज किया है। सरपंच ने कहा कि दलित दंपत्ति झूठ बोल रहा है, गांव में ऐसी कोई घटना नहीं हुई है।
मार्शाघई थाना प्रभारी पीके कानूनगो ने कहा कि सरपंच और कुछ ग्रामीणों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 की धारा 3 के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने कहा कि जांच की जा रही है। उसके बाद आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी।
वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मीडिया में आई खबरों के बाद इस घटना पर स्वतः संज्ञान लेते हुए ओडिसा के मुख्य सचिव को नोटिस भेजा है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने एक बयान में कहा है कि यह बेहद गंभीर प्रकृति का मामला है। क्योंकि पीड़ित के सम्मान के अधिकार का गंभीर उल्लंघन हुआ है। आयोग ने कहा कि घटना के संबंध में मुख्य सचिव को नोटिस भेजकर जांच के संबंध में छह सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मांगी गई है। मानवाधिकार आयोग ने दलित को वैधानिक सहायता देने का भी निर्देश दिया है।