कृष्णकांत

उत्तर प्रदेश के बिजनौर में एक लड़का और लड़की एक बर्थडे पार्टी से लौट रहे थे। उन्हें कुछ लोगों ने घेर लिया, उन्हें परेशान किया गया और फिर लड़के को पुलिस ले गई। उसके खिलाफ धर्मांतरण-रोधी कानून के तहत ‘लव जिहाद’ के आरोप में केस दर्ज करके जेल भेज दिया गया। वह एक हफ्ते से जेल में बंद है। लड़का और लड़की दोनों ही नाबालिग हैं। लड़के पर आरोप है कि उसने 16 साल की हिंदू लड़की पर धर्म परिवर्तन के लिए जबरदस्ती की। जबकि लड़की और उसकी मां दोनों का कहना है कि ये मामला लव जिहाद का नहीं है।

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पुलिस का दावा है कि शिकायत लड़की के पिता ने की थी। पिता का कथित रूप से दावा है कि लड़के ने लड़की के सामने खुद को हिंदू बताया और उसे अपने साथ भागने और फिर धर्म परिवर्तन करने को मजबूर कर रहा था। लड़की ने मीडिया से कहा कि यह मामला ‘लव जिहाद’ का नहीं है।  लड़की ने कहा, ‘रात के करीब 11।30 बजे हमें कुछ लोगों ने पकड़ लिया। गांववालों ने हमें पीटा और हम पर चोरी का आरोप लगाया। उन्होंने किसी एक लड़के को पकड़ लिया, मुझे नहीं पता वो कौन है और उन्होंने मुझे भी पकड़ लिया। मुझे नहीं पता वो लड़का कौन था। और यह बात गलत है कि वो मुझे धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर कर रहा था।’

लड़की की मां ने उसके बयान का समर्थन करते हुए कहा, ‘वो एक बर्थडे पार्टी से वापस आ रही थी। उस लड़के ने कहा कि वो उसे छोड़ देगा। तभी गांव वालों ने उन्हें पकड़ लिया। उसने उन्हें बताया कि वो बर्थडे पार्टी से आ रही है, लेकिन किसी ने उनकी नहीं सुनी। हमें न्याय चाहिए।’ पुलिस का कहना है कि कुछ दिनों से लड़की लापता चल रही थी और उसे लड़के ने ही किडनैप किया था, लेकिन वो ‘भागने में कामयाब रही।’

गांव के प्रधान और मुखिया पुलिस का कहना है, ‘लग रहा है कि पुलिस ने अपने मन से कोई मामला गढ़ लिया है, इसमें कोई लव जिहाद का केस नहीं है। लड़की के माता-पिता ने हमें बताया कि वो बर्थडे पार्टी में गई थी। वो और वो लड़का एक-दूसरे को जानते हैं।’ अब बिजनौर पुलिस को ये कैसे पता है कि ये मामला लव जिहाद का है?  बिजनौर पुलिस ने ट्वीट किया, ‘केस लड़की के पिता की शिकायत के बाद दर्ज किया गया था। लड़की का बयान मजिस्ट्रेट के सामने रिकॉर्ड कराया गया है। आरोपी को कुछ अन्य सबूतों के आधार पर भी गिरफ्तार किया गया है।’ अगर लड़की, उसकी मां और गांव का प्रधान सभी मना कर रहे हैं कि ये लव जिहाद का केस नहीं है तो पुलिस और गांव वालों को ये हक किसने दिया है कि वे किसी को भी पीटें और जेल भेज दें?

(लेखक युवा पत्रकार हैं, ये उनके निजी विचार हैं)

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