नई दिल्ली : भ्रष्टाचार में डूबी भाजपा शासित साउथ एमसीडी के बाद अब नार्थ एमसीडी भी दिल्ली वालों पर चार तरह के टैक्स लगाने जा रही है। कल भाजपा शासित नार्थ एमसीडी स्टैंडिंग कमेटी में प्रोफेशनल टैक्स, बिजली टैक्स, हाउस टैक्स और प्राॅपर्टी ट्रांसफर टैक्स लगाने का प्रस्ताव रखने जा रही है, जबकि एमसीडी चुनाव के दौरान भाजपा ने दिल्ली वालों से कोई नया टैक्स नहीं लगाने का वादा किया था। दिल्ली की जनता के साथ भाजपा का इससे बड़ा धोखा नहीं हो सकता है। अगर नार्थ एमसीडी टैक्स बढ़ाने के चारों प्रस्तावों को वापस नहीं लेती है, तो कल सिविक सेंटर में होने वाली बैठक के खिलाफ आम आदमी पार्टी के पार्षद और नेता दोपहर एक बजे से धरने पर बैठेंगे। मंगलवार को पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने यह बातें कही।
एमसीडी चुनाव के दौरान भाजपा नेता मनोज तिवारी ने दो वादे किए थे और दोनों वादे झूठे निकले- दुर्गेश पाठक
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता दुर्गेश पाठक ने कहा कि 2017 में जब भारतीय जनता पार्टी एमसीडी का चुनाव लड़ रही थी, तब उसके दो मुख्य मुद्दे थे, जिस पर भाजपा वादे पर वादे कर रही थी। उनका पहला मुद्दा था और वो लोग खुद भी मान रहे थे कि कि करीब 10 वर्ष से दिल्ली में एमसीडी के अंदर उनकी सरकार थी। मनोज तिवारी और उनके नेताओं ने माना था कि उनके पार्षद, जो 10 साल से पार्षद हैं, वो सारे भ्रष्टाचार में पूरी तरह से डूबे हुए हैं और जनता में बहुत ही अलोकप्रिय हैं। उन्होंने दिल्ली की जनता से माफी मांगी और कहा कि हम सभी पार्षदों के टिकट काट रहे हैं। उन्होंने एक नारा ‘नए चेहरे नई उड़ान’ लेकर आए। उनका दावा था कि यह जो नए चेहरे हैं, वो दिल्ली को एक नई उड़ान देंगे। दुर्भाग्य से यह नए चेहरे भ्रष्टाचार के मामले में पुराने चेहरों के भी बाप निकले। इसी तरह, मनोज तिवारी जी ने दूसरा वादा किया था कि दिल्ली की जनता के उपर कोई भी नया टैक्स नहीं लगाएंगे। दुर्भाग्य से उनके दोनों वादे झूठे निकले। दिल्ली की जनता को उन्होंने धोखा दिया और उसके बदले में दिल्ली की जनता को उन्होंने तीन कूड़े के बड़े-बड़े पहाड़ दिए, जो कि दिल्ली के अंदर भाजपा के भ्रष्टाचार और नाकामी का जीता जागता सबसे बड़ा सबूत है।
आम आदमी पार्टी के विरोध के बावजूद कल नार्थ एमसीडी चार टैक्स बढ़ाने का प्रस्ताव ला रही- दुर्गेश पाठक
दुर्गेश पाठक ने कहा कि पिछले दिनों देखा गया था कि साउथ एमसीडी के अंदर इन्होंने कुछ टैक्स बढ़ाए और उसके खिलाफ आम आदमी पार्टी ने विरोध-प्रदर्शन कियां, लेकिन इसके बावजूद भाजपा के नेता कल नार्थ एमसीडी के स्टैंडिंग कमेटी के अंदर चार नए टैक्स दिल्ली की जनता के उपर लगाने जा रहे हैं।
1-प्रोफेशनल टैक्स- यह टैक्स कभी भी दिल्ली के अंदर नहीं लगता था। अब नार्थ एमसीडी के अंदर जितने भी प्रोफेशनल इंजीनियर, वकील, डाॅक्टर, आर्किटेक्ट आदि सभी लोगों को प्रतिमाह करीब 200 रुपये इन भाजपा के भ्रष्ट नेताओं को देना पड़ेगा।
2-बिजली का टैक्स- दिल्ली के अंदर एमसीडी का बिजली में जो हिस्सा है, उसको वो बढ़ाने जा रहे हैं और इसका परिणाम यह होगा कि दिल्ली के अंदर जो कि अरविंद केजरीवाल की सरकार पूरे देश के अंदर सबसे सस्ती बिजली देती है, उस बिजली के रेट को बढ़ाने के लिए भाजपा के लोग यह बिल ला रहे हैं, यदि ऐसा हुआ, तो दिल्ली के अंदर बिजली के रेट बढ़ जाएंगे।
3- हाउस टैक्स- यह सबसे खतरनाक बिल लेकर आ रहे हैं। दिल्ली के नार्थ एमसीडी के अंदर अगर यह बिल पास हो गया, तो सभी लोगों को 34 प्रतिशत अधिक हाउस टैक्स देने पड़ेंगे।
4- प्राॅपर्टी ट्रांसफर टैक्स- जिसके तहत हमारे जैसे लोग जमीन लेकर घर बनाना चाहते हैं, तो उनको उसके उपर अतिरिक्त टैक्स देना होगा, जिससे दिल्ली के अंदर जमीन खरीदना और महंगा हो जाएगा।
हमारी भाजपा के सभी नेताओं से मांग है, वो इन प्रस्तावों को न लेकर आएं- दुर्गेश पाठक
दुर्गेश पाठक ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी यह चार नए टैक्स नार्थ एमसीडी के अंदर दिल्ली की जनता के उपर लगाने के लिए कल स्टैंडिंग कमेटी में ला रही है, जबकि उन्होंने वादा किया था कि वो दिल्ली की जनता के उपर एक भी नया टैक्स नहीं लगाएंगे। दिल्ली की जनता के साथ भारतीय जनता पार्टी का इससे बड़ा धोखा नहीं हो सकता है। इस प्रेस वार्ता के माध्यम से आम आदमी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी के सभी नेताओं से यह मांग करती है कि यह बिल आप न लेकर आएं, यह सभी प्रस्ताव आप न लेकर आएं। अन्यथा आम अदमी पार्टी के पास कोई दूसरा रास्ता नहीं बचेगा, हम दिल्ली की जनता के बीच जाएंगे और इसके खिलाफ प्रोटेस्ट करेगे। इसके खिलाफ दिल्ली के लोगों को साथ लेकर जगह-जगह विरोध प्रदर्शन करेंगे। कल सिविक सेंटर में दो बजे स्टैंडिंग कमेटी की बैठक है। आम आदमी पार्टी अपने पार्षदों और नेताओं के माध्यम से उस हाॅल के बाहर हम एक बजे से धरने पर बैठेंगे। हमारी मांग है कि यह चारों बिल को वापस लिया जाए।
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