नई दिल्ली : जेईई (एडवांस) और नीट- 2020 में बेहतर रैंक हासिल करने वाले दिल्ली के सरकारी स्कूलों के छात्रों के साथ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सीएम आवास पर मुलाकात की और उनके अनुभव साझा किए। इस दौरान दिल्ली की शिक्षा क्रांति की एक सुखद झलक देखने को मिली। इसके लिए अभिभावकों ने सीएम अरविंद केजरीवाल को धन्यवाद देकर आभार जताया। मुख्यमंत्री से मिलने वालों में सरकारी स्कूलों के ऐसे बीस बच्चे शामिल थे, जिन्होंने मेडिकल और इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षाओं में शानदार प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इन बच्चों को अपना मेहमान बनाकर एक बार फिर यह संदेश दिया है कि आम आदमी पार्टी के लिए शिक्षा सर्वोपरि है। इस गेस्ट लिस्ट शामिल खुश गर्ग, खुशनुमा परवीन, आकांक्षा, तमन्ना, चिराग और गर्वित आदि बच्चे उस हैप्पीनेस के प्रतीक हैं, जिसकी बात उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया अक्सर किया करते हैं। इन बच्चों में सृजन भी है और ऐसे हर नाम प्रतीकों के रूप में एक बड़ी तस्वीर बनाते हैं।

सिविल लाइंस स्थित अपने आवास पर आमंत्रित इन बच्चों और उनके अभिभावकों, शिक्षकों को मुख्यमंत्री अरविन्द ने बधाई दी। उन्होंने कहा कि जेईई और नीट जैसी परीक्षाएं पास करना सबसे मुश्किल काम है। उसके पास करके यहां आया हरेक बच्चा हीरा है। केजरीवाल ने कहा कि आपको देश और समाज ने बहुत कुछ दिया है। भगवान ने भी आपको इतना बुद्धि (दिमाग) दिया है। अब आपको इसका उपयोग देश के लिए करना है। श्री केजरीवाल ने बच्चों को दिल्ली के सरकारी स्कूलों के लिए रोल मॉडल बनने का आह्वान करते हुए कहा कि आप जब भी कभी छुट्टियों में वापस लौटकर आएंगे तो दिल्ली के स्कूलों में आपको ले जाकर हम अन्य बच्चों से बात करेंगे। उन्हें दिखाना चाहेंगे कि जब आप सफल हो सकते हैं, तो हर बच्चा ऐसा कर सकता है।

देश दुनिया की अहम खबरें अब सीधे आप के स्मार्टफोन पर TheHindNews Android App

केजरीवाल ने कहा कि मुझे आप सब की कहानियां सुनकर काफी गर्व हुआ। आपने सरकारी स्कूलों में पढ़ते हुए बगैर कोचिंग के ऐसी सफलता हासिल की। आपके लिए यह कितना मुश्किल सफर रहा होगा, यह मैं समझ सकता हूं। आर्थिक परेशानियों के बावजूद आपके माता पिता ने आपके लिए काफी संघर्ष किया और आपने बिना कोचिंग के सफलता हासिल की। केजरीवाल ने कहा कि मैंने भी जेईई किया था। मैं हिसार से था। पूरे शहर में सारे प्राइवेट तथा सरकारी स्कूलों में साल भर में मात्र एक या कुछ स्टूडेंट्स ही पास कर पाते थे। लेकिन आज हमारे एक ही स्कूल में 5 बच्चों का जेईई निकालना और 24 बच्चों का नीट पास करना, दिल्ली ही नहीं, पूरे देश के लिए बड़ी बात है।

केजरीवाल ने कहा है कि यह धारणा बनी हुई है कि कोचिंग के बिना इन परीक्षाओं को पास करना मुश्किल है। मैंने भी कोचिंग की थी, मेरे बेटे और मेरी बेटी ने भी कोचिंग की थी। लेकिन आप सबने कर दिखाया। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कई स्टूडेंट्स को लगता है कि उसे मनचाहा ब्रांच नहीं मिला। मुझे भी केमिकल इंजीनियरिंग मिली थी, जो मैं लेना नहीं चाहता था। लेकिन मेरे पिताजी ने कहा कि इस साल एडमिशन ले लो और वह मैंने लिया। वह अच्छा ही रहा। आपके ऊपर आईआईटी का ठप्पा लगना एक बड़ी बात है। एक बार आपने जेईई कर लिया तो आपके लिए स्काइ इज द लिमिट। मुख्यमंत्री ने कहा कि जेईई नीट करने के बाद लोग विभिन्न क्षेत्रों में जाते हैं। आप कहीं भी जाएं, एक बात को हमेशा ध्यान में रखना कि देश में काफी गरीबी है। आप सब ने इसे झेला भी है। आपमें हर बच्चे को यह सोचना है कि मैं इस देश के लिए क्या कर सकता हूं। आप अपने क्षेत्र में ऐसा करें, जिससे कि देश का नाम रोशन हो और जिससे देश को लाभ हो। श्री केजरीवाल ने कहा कि जब बगैर कोचिंग आप इतना अच्छा कर रहे हैं, तो हम अपने बच्चों के लिए कोचिंग की व्यवस्था करें तो और ज्यादा बच्चे निकल सकते हैं। केजरीवाल बच्चों के साथ ही शिक्षकों और उनके अभिभावकों को भी बधाई दी, जिनके संघर्ष की बदौलत इतना शानदार परिणाम आया है।

बच्चों से संवाद करते हुए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि नीट और जेईई के सफल बच्चों ने हमारा मान बढ़ाया है। आप लोग सिर्फ डॉक्टर और इंजीनियर ही नहीं बनेंगे बल्कि आपको अब देश के लिए कुछ योगदान करना है। सिसोदिया ने कहा पांच साल पहले जब हमने शिक्षा को ठीक करना शुरू किया, उस समय स्कूलों की स्थिति क्या थी, आप सब जानते हैं। लेकिन अब 99 प्रतिशत रिजल्ट आ रहा है। इसके लिए जो माहौल बनाने की जरूरत थी, जो बन चुका है। सिसोदिया ने कहा कि मुख्यमंत्री ने खुद आईआईटी किया है और वह चाहते हैं कि दिल्ली में शिक्षा का स्तर विश्वस्तर का हो।

मनीष सिसोदिया ने कहा कि देश को मजबूत करना हो तो शिक्षा को मजबूत करना होगा। शिक्षित राष्ट्र, सामर्थ राष्ट्र दिल्ली सरकार का सपना है। राष्ट्रपति भवन या मुख्यमंत्री चाहे जितना भी मजबूत हो जाए, देश को मजबूत करना हो तो स्कूल को मजबूत करना होगा। मनीष सिसोदिया ने कहा कि बहुत से बच्चे बता रहे थे कि उन्हें 10वीं, 11वीं कक्षा तक नीट और जेईई के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। अब आप सफल बच्चों का दायित्व है कि ऐसे कम से कम 10 बच्चों की जिम्मेदारी लें। उन्हें कक्षा नौवीं, दसवीं में ही यह पता चल जाए कि जेईई और नीट क्या है, इसके लिए आप उन्हें गाइड करें।

वहीं, इस दौरान जेईई और एनईईटी की प्रवेश परीक्षा में सफल बच्चों ने अपने संघर्ष की कहानियां सुनाते हुए मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और शिक्षकों को धन्यवाद दिया। जेईई के सफल स्टूडेंट आयुष ने कहा कि शिक्षकों ने हमारी इतनी अच्छी तैयारी कराई, जिससे कभी लगा ही नहीं कि कोचिंग की जरूरत है। निखिल ने कहा कि मेरा बचपन से ही इसरो में जाने का सपना था और केजरीवाल सरकार के कारण यह सपना पूरा होने वाला है। रवि चैहान ने कहा कि ‘थैंक्स टू केजरीवाल, आपने हमारे स्कूलों में सारी सुविधा उपलब्ध करा दी।‘

जेईई में सफल संदीप मिश्रा ने डॉ. कलाम को उद्धृत करते हुए कहा कि वह साइंस किसी काम का नहीं, जो देश के काम न आए। संदीप ने कहा कि पिछले साल हमारे स्कूल के एक स्टूडेंट ने बिना कोचिंग लिए सफलता पाई थी, इससे मुझे प्रेरणा मिली। शालू ने कहा कि हमारे मम्मी-पापा ने काफी आर्थिक संकट में भी मुझे पढ़ाया। मेरे पिता बेरोजगार हैं। अब मैं आईआईटी करके दो-तीन करोड़ का पैकेज लाऊंगी और मम्मी-पापा को खुश कर दूंगी। नीट में सफल अमित ने कहा कि केजरीवाल जी ने तो अस्पतालों की तस्वीर बदल दी। जब मैं सातवीं में पढ़ता था, तो हाथ टूट गया। अस्पताल में लंबी लाइन देखी, तो सोच लिया कि डॉक्टर बनूंगा।

नीट में सफल चिराग गोयल ने कहा कि मैंने जेईई मेंस भी क्लीयर किया था, लेकिन देश में डॉक्टरों की कमी देखते हुए मैंने नीट चुना। एक अन्य छात्रा खुश गर्ग ने कहा कि बचपन में दादी बीमार थी, तो मुझे लगा कि डॉक्टर बनना चाहिए। एक बच्चे की मां ने कहा कि हमारे बच्चों की सफलता का सारा क्रेडिट केजरीवाल जी को जाता है। अन्य अभिभावकों ने भी शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में दिल्ली सरकार के काम की सराहना की।

जेईई एडवांस 2020 परीक्षा में शानदार प्रदर्शन करने वाले दिल्ली के सरकारी स्कूलों के 10 स्टूडेंट्स, जिन्हें मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने आमंत्रित किया

1. आयुष बंसल-

राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय, ए-6 पश्चिम विहार

जेईई एडवांस रैंक-189 (जनरल – ईडब्ल्यूएस)

ऑफर – आईआईटी रुड़की – इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग

आयुष का परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है। पिता सुभाष बंसल एक किताब की दुकान में काम करते हैं। उनकी मासिक आय मात्र पांच हजार रूपये है। उनकी मां बंसल गृहिणी हैं।

2. निखिल

राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय, सेक्टर-19, द्वारका

जेईई एडवांस रैंक- 678 (ओबीसी-एनसीएल)

ऑफर – आईआईटी बॉम्बे- एयरोस्पेस इंजीनियरिंग

विशेष – निखिल ने इंटरनेशनल ओलंपियाॅड ऑफ मेट्रोपोलिसेस 2018 (मॉस्को, रूस) में भारत का प्रतिनिधित्व किया था।

निखिल का परिवार निम्न आय वर्ग से है। पिता बटोही यादव एक छोटी सी साइकिल रिपेयरिंग की दुकान चलाते हैं। उनकी मां गृहणी हैं। उनका एक भाई निजी क्षेत्र में कार्यरत है और दूसरा भाई पढ़ता है।

3. गर्वित बत्रा-

राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय, ए-6 पश्चिम विहार

जेईई एडवांस रैंक- 1228 (जनरल-ईडब्ल्यूएस)

ऑफर – आईआईटी खड़गपुर- इंडस्ट्रियल एंड सिस्टम्स इंजीनियरिंग

गर्वित का परिवार निम्न आर्थिक वर्ग से आता है। पिता कंवल बत्रा एयर कंडीशनर मैकेनिक हैं, जिनकी मासिक आय करीब 8000 रुपए है। वह परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य हैं। उनकी मां सपना बत्रा एक गृहिणी हैं।

4. वैभव गोयल-

राजकीय सर्वोदय विद्यालय, शाम नाथ मार्ग, दिल्ली

जेईई एडवांस रैंक – 3578 (सामान्य)

ऑफर – आईआईटी रुड़की – केमिकल इंजीनियरिंग

वैभव का परिवार कमजोर आर्थिक वर्ग से संबंध रखता है। उनके पिता नवनीत गोयल एक छोटे दुकानदार हैं। मां बबीता गोयल गृहिणी हैं। अन्य स्रोतों से कोई आय नहीं है। उनके दो भाई हैं।

5. राज-

राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय, सूरजमल विहार

जेईई एडवांस रैंक – 1819 (सामान्य)

ऑफर – आईआईटी रोपड़ -कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग

विशेष – जेईई एडवांस में सफल दिल्ली के सरकारी स्कूलों के छात्रों में टॉपर

राज के परिवार में सात सदस्य हैं। निम्न आय वाले इस परिवार की मासिक आय मात्र 7000-8000 रुपए है। पिता अवधेश गुप्ता परिवार में इकलौते कमाने वाले हैं। मां संजीव गुप्ता गृहिणी हैं। उसकी तीन बहनें हैं और एक भाई है, जो बेरोजगार है। कठिन आर्थिक परिस्थितियों के कारण उसके लिए किसी प्राइवेट कोचिंग में जाना संभव नहीं था।

6. संदीप मिश्रा-

राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय, ए-6 पश्चिम विहार, नई दिल्ली

जेईई एडवांस रैंक – 979 (जनरल ईडब्ल्यूएस)

ऑफर – आईआईटी भुवनेश्वर- इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग

विशेष- संदीप मेंटल मैथ्स में स्टेट टॉपर है।

संदीप एक मध्यमवर्गीय परिवार से आते हैं। पिता जय हरे मिश्रा एक श्रमिक हैं और परिवार में एकमात्र कमाने वाले वही हैं। परिवार की कोई निश्चित आय नहीं है। मां इंदिरावती एक गृहिणी हैं। परिवार किराए के मकान में रहता है।

7. तुषार मोडगिल-

एसबीवी, के-ब्लॉक, मंगोलपुरी, दिल्ली

जेईई एडवांस रैंक – 13512 (जनरल)

ऑफर – डीटीयू- सूचना प्रौद्योगिकी

विशेष- वह कक्षा-11 एवं 12 में विज्ञान में स्कूल के टॉपर रहे।

तुषार एक मध्यमवर्गीय परिवार से आते हैं। उनके पिता नंद किशोर एक प्राइवेट नौकरी के जरिए सालाना एक लाख से भी कम कमाते हैं। मां दर्शना देवी एक गृहिणी हैं। उसकी दो बड़ी बहनें हैं।

8. सृजन सौरभ झा-

राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय, बीटी ब्लॉक, शालीमार बाग

जेईई एडवांस रैंक – 2598 (जनरल ईडब्ल्यूएस)

ऑफर- डीटीयू- सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग

विशेष- सृृजन कक्षा 10 में स्कूल टॉपर थे और गणित में 100 प्रतिशत अंक मिले।

सृजन एक निम्न मध्यमवर्गीय परिवार से आते हैं। उनकी छोटी बहन जहांगीरपुरी के एक सरकारी स्कूल में पढ़ती हैं। पिता देवेंद्र कुमार झा के पास कोई निश्चित नौकरी नहीं होने के कारण परिवार की कोई स्थिर आय नहीं है। मां जूली झा एक गृहिणी हैं।

9. रवि चौहान- 

राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय, सिविल लाइंस

जेईई एडवांस रैंक – 4787 (ओबीसी -एनसीएल)

ऑफर- आईआईटी जम्मू- केमिकल इंजीनियरिंग

रवि के निम्न आय वाले परिवार में छह सदस्य हैं। रवि चार भाइयों में दूसरे नंबर पर है। पिता रमेश चौहान एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते हैं। मां चंद्रमणि देवी चौहान एक गृहिणी हैं।

10. शालू-

राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय, यमुना विहार

जेईई एडवांस रैंक – 306 (एससी कैटेगरी)

ऑफर- आईआईटी मंडी- इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग

विशेष- वह जेईई एडवांस परीक्षा पास करने वाली सरकारी स्कूलों की मात्र कुछेक छात्राओं में से एक है।

शालू अपने माता-पिता की चार संतानों में सबसे बड़ी है। परिवार की आय बहुत कम है। पिता प्रदीप घरों में दूध सप्लाई करते थे, लेकिन उनके पास कोई काम नहीं है। मां अनीता एक गृहिणी हैं।

——

एनईईटी 2020 में शानदार प्रदर्शन करने वाले दिल्ली के सरकारी स्कूलों के 10 ऐसे स्टूडेंट्स, जिन्हें मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने आमंत्रित किया

1. चिराग गोयल-

सर्वोदय विद्यालय (को-एड), बी-4, पश्चिम विहार, दिल्ली

नीट रैंक – 2193 (सामान्य)

विशेष- चिराग को जेईई मेन्स परीक्षा में भी 99 पर्सेंटाइल प्राप्त किया।

चिराग एक निम्न-मध्यम वर्गीय परिवार से आते हैं। तीन बहन और एक भाई हैं। पिता अशोक गोयल प्राइवेट नौकरी करते हैं। मां लक्ष्मी गोयल गृहणी हैं।

2. तमन्ना गोयल-

राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय, सेक्टर-11, रोहिणी, दिल्ली

नीट रैंक – 11 (जनरल ईडब्ल्यूएस)

तमन्ना की मां सरिता गोयल सिंगल मदर हैं और घरेलू काम करके गुजारा करती हैं। बड़ा भाई एक निजी फर्म में काम करता है। स्कूलिंग के बाद दो साल ड्रॉप करके तमन्ना ने तैयारी की और सफल हुई।

3. खुश गर्ग-

राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय, गांधी नगर

नीट रैंक – 453 (सामान्य)

पिता नवीन कुमार गर्ग किराए की किताब दुकान चलाते हैं। मासिक आय लगभग 12000 रुपये है। मां गीतू गर्ग एक गृहिणी हैं। उसका छोटा भाई सरकारी स्कूल में पढ़ता है।

4. विधि गुप्ता-

सर्वोदय कन्या विद्यालय (एमबीपी), जी टी रोड, शाहदरा, दिल्ली

नीट रैंक – 152 (सामान्य)

पिता राजेश गुप्ता एक निजी फर्म में कर्मचारी हैं। मां प्रीति गुप्ता एक गृहिणी हैं। दोनों ग्रेजुएट हैं। छोटा भाई नवीं कक्षा में पढ़ता है। यह एक निम्न मध्यमवर्गीय परिवार है।

5. अमित कुमार-

सर्वोदय बाल विद्यालय, ए-ब्लॉक, विकासपुरी, दिल्ली

नीट रैंक – 2459 (सामान्य)

पिता सतीश कुमार एक किसान हैं और मां अंगूरी देवी एक गृहणी हैं। ये लोग मध्यप्रदेश के देवरी गांव में रहते हैं। अमित बचपन से ही दिल्ली में चाचा के साथ रहता है।

6. आकांक्षा गुप्ता-

सर्वोदय कन्या विद्यालय, मोलरटोली, दिल्ली

नीट रैंक – 10239 (सामान्य)

बचपन में ही आकांक्षा ने एक दुखद हादसे ने अपने माता-पिता को खो दिया। वह एक मध्यमवर्गीय परिवार से संबंध रखती है। वह अपने अंकल नारायण गुप्ता और आंटी आरती गुप्ता के साथ रहती हैं। उसका भाई प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा है। बड़ी बहन ने हाल ही में नर्सिंग कोर्स पूरा किया है।

7. हिमांशी-

राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय, नंद नगरी, दिल्ली

नीट रैंक – 1181 (एससी)

हिमांशी का परिवार निम्न आय वर्ग वाला है। पिता यशपाल एक निजी कार चालक हैं। मां बेबी एक गृहणी हैं। उसका बड़ा भाई रेलवे में काम करता है।

8. शैलेश-

राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय, किशनगंज, दिल्ली

नीट रैंक – 3679 (ओबीसी-एनसीएल)

शैलेश पांच भाई बहनों में तीसरे नंबर पर हैं। परिवार निम्न आर्थिक पृष्ठभूमि से आता है। पिता कमल बिहारी एक बेकरी की दुकान पर काम करते हैं। मां कमला देवी एक गृहिणी हैं।

9. खुशनुमा परवीन-

एसकेवी नंबर 1, सी-ब्लॉक यमुना विहार

नीट रैंक – 69820 (ओबीसी-एनसीएल)

उनके पिता मोहम्मद नसीम खान एक दर्जी हैं। मां रुकसाना एक गृहिणी हैं। परिवार की मासिक आय लगभग 7500 रुपये है। परिवार में 9 सदस्य हैं। खुशनुमा ने बिना किसी कोचिंग के परीक्षा की तैयारी की।

10. अदीबा अली-

एसकेवी, नूर नगर, ओखला, दिल्ली

नीट रैंक – 82260 (ओबीसी)

विशेष – वह एसकेवी नूर नगर की टॉपर हैं।

अदीबा के परिवार में पांच सदस्य हैं। मासिक आय लगभग 6000-7000 रुपये है। पिता मौसम अली वस्त्र-विक्रेता हैं। मां मशूदा अली एक गृहणी हैं। उसकी एक छोटी बहन है। एक बड़ा भाई अभी बेरोजगार है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here