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दिल्ली सरकार की बड़ी लापरवाही: अपनी जान देकर दो बच्चों की जान बचा गया आमिर

शमशाद रज़ा अंसारी


नई दिल्ली के ओखला जामिया नगर क्षेत्र में दिल्ली सरकार एवं एलएनटी कम्पनी की लापरवाही के कारण एक किशोर की मौत हो गयी। एलएनटी द्वारा पानी प्लांट के लिए खोदे गये गड्ढे में भरे पानी में डूब रहे बच्चों को बचाने कूदा किशोर बच्चों को तो बचा गया लेकिन ख़ुद डूब गया।


प्राप्त जानकारी के अनुसार लगभग सत्रह वर्षीय आमिर पुत्र जमालुद्दीन ओखला की हाजी कॉलोनी में रहता था। आमिर के पिता दर्जी का काम करते हैं। आमिर प्रतिदिन हाजी कॉलोनी के पीछे बने खाली मैदान में खेलने जाया करता था। मैदान के पास ही एलएनटी कम्पनी द्वारा दिल्ली सरकार की तरफ से वाटर प्लांट का काम चल रहा है। कम्पनी ने वहाँ साठ-सत्तर फिट गहरे गड्ढे खोदे हुये हैं। बारिश के कारण इन गड्ढों में पानी भर गया। आसपास की कॉलोनी के बच्चे यहाँ नहाने के लिए आ जाते हैं। मंगलवार की शाम को आमिर खेलने के लिए मैदान की तरफ जा रहा था तो उसने गड्ढे में दो बच्चों को डूबते हुये देखा। बच्चों को डूबते हुये देख आमिर उन्हें बचाने के लिए गड्ढे में कूद गया। आमिर ने बच्चों को तो बचा लिया लेकिन ख़ुद पानी में फंस गया। आमिर जिधर से निकलने का प्रयास कर रहा था वहाँ की ज़मीन खिसक गयी। जिससे आमिर उसमें फंसने के कारण डूब गया। गोताखोरों ने काफ़ी मशक्कत के बाद आमिर के शव को बाहर निकाला।

स्थानीय लोगों ने लगाये सरकार पर लापरवाही के आरोप

इस हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने दिल्ली सरकार और प्लांट का काम करने वाली कम्पनी एलएनटी पर लापरवाही का आरोप लगाया है। स्थानीय निवासियों ने बताया कि जल प्लांट के आसपास बड़े बड़े गड्ढे बनाये हुये हैं। लेकिन यहाँ पर सुरक्षा का कोई इंतज़ाम नही है। आसपास कोई बैरिकेटिंग नही है। एक गार्ड है वो भी हादसे के वक़्त बच्चों को डूबते देख कर भाग गया था। स्थानीय निवासी ने बताया कि हम इसकी सुरक्षा के लिए कुछ दिन पहले सरिता विहार के एसएचओ के पास गये थे। उनसे यहाँ की सुरक्षा का इंतज़ाम करने को कहा तो उन्होंने अभद्रता करते हुये भगा दिया।


इस हादसे के बाद से स्थानीय लोगों में ज़बरदस्त आक्रोश है। स्थानीय निवासी शादाब आलम ने आमिर के पिता की स्थिति देखते हुये दिल्ली सरकार से मुआवज़े की मांग की है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार की लापरवाही से एक पिता का सहारा छिन गया। आमिर के पिता को मधुमेह है। जिस कारण वह अधिक मेहनत नही कर पाते हैं। दिल्ली सरकार को कम से कम एक करोड़ रूपये का मुआवज़ा देना चाहिए।

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