नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने राहुल राजपूत हत्याकांड मामले में लापरवाही बरतने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने पर भारतीय जनता पार्टी की जमकर आलोचना की। उन्होंने कहा कि राहुल भारद्वाज की दोस्त ने कहा है कि जब उसके भाई उसे मार रहे थे, त बवह मदद के लिए दिल्ली पुलिस के पास गई थी, लेकिन पुलिस ने उसकी मदद नहीं की। आदर्श नगर पुलिस चैकी घटना स्थल से कुछ दूरी पर है, जहां राहुल राजपूत की मार-मारकर हत्या कर दी गई। आम आदमी पार्टी मांग करती है कि उस वक्त पुलिस चैकी में मौजूद अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। यदि शाम तक भाजपा की ओर से दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती है, तो आम आदमी पार्टी आंदोलन करेगी। उन्होंने कहा कि बीजेपी के अधीन आने वाली दिल्ली पुलिस ने लड़की की आवाज को दबाने के लिए सिम कार्ड ले लिया। अब भाजपा और दिल्ली पुलिस सच का सामना करने से डर रही है। उत्तर प्रदेश में बीजेपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बलात्कारियों को बचा रहे हैं और दिल्ली में बीजेपी अपराधियों को बचा रही है।
आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता और विधायक सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली के आदर्श नगर में हुए राहुल राजपूत हत्याकांड को लेकर पार्टी मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेंस की। सौरभ भारद्वाज ने सोमवार को कहा कि 7 अक्तूबर को 18 साल के युवा राहुल राजपूत, जिनकी दोस्ती उसी क्षेत्र में रहने वाले दूसरे संप्रदाय की लड़की से बताई जाती है। उस लड़की के रिश्तेदारों ने राहुल को ट्यूशन की जानकारी लेने के बहाने बुलाया और कई लोगों ने पीट-पीट कर राहुल की हत्या कर दी। जिस दिन मैं, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और आम आदमी पार्टी के कुछ विधायक राहुल के परिजनों से मिलने के लिए गए थे, तो वहां पर भाजपा के दिल्ली अध्यक्ष आदेश गुप्ता भी पहुंचे थे। आदेश गुप्ता बहुत सारी बातों के जरिए पीड़ित परिवार को भड़काना चाहते थे। परिवार का सिर्फ यह कहना था कि उन्हें न्याय मिलना चाहिए। मुझे लगता था कि आदेश गुप्ता, जिनकी पार्टी के अंदर दिल्ली पुलिस आती है वो इसमें न्याय कर रहे होंगे।
सौरभ भारद्वाज ने आगे कहा कि कल कुछ पत्रकारों की राहुल राजपूत की दोस्त, जो अब एक महिला निकेतन में हैं, से वीडियो कॉल पर बातचीत हुई। लड़की ने पत्रकारों के सामने कई चैंकाने वाले खुलासे किए हैं। उन्होंने बताया कि जब यह घटना हुई तो वह राहुल राजपूत के साथ थी और उन्होंने पिटाई के समय बीच-बचाव करने की कोशिश की। सबसे बड़ी और हैरानी वाली बात यह है कि जहां पर यह घटना घटी उससे थोड़ी दूरी पर ही आदर्श नगर की पुलिस चैकी मौजूद है। उन्होंने आगे कहा कि लड़की अपने दोस्त के लिए मदद मांगने के लिए भागकर पुलिस चैकी गई। चैकी में पुलिसवाले मौजूद थे और चाय पी रहे थे। लड़की ने पुलिसवालों के सामने हाथ जोड़े, पैर पकड़े और गुहार लगाई कि मेरे घर वाले राहुल को पीट रहे हैं, वो उसे मार डालेंगे, आप मेरी मदद कीजिए। लेकिन पुलिसवालों ने उस लड़की की मदद करने से इनकार कर दिया और कहा कि हम इसमें कोई मदद नहीं कर सकते। सौरभ भारद्वाज ने फोटो दिखाते हुए कहा कि यह घटना मेट्रो स्टेशन के पास की थी और उसी के बराबर में पुलिस चैकी मौजूद है। दिल्ली पुलिस की इस चैकी में पुलिसवाले मौजूद थे।
सौरभ भारद्वाज ने आगे कहा कि पुलिस चैकियां क्यों बनाई जाती हैं। चैकी में पुलिसवाले किस लिए होते हैं? अपराध रोकने, लोगों की मदद करने के लिए या फिर चाय पीने, हफ्ता इकट्ठा करने और दलाली करने के लिए होते हैं। भाजपा से मेरे सवाल हैं कि आपकी यह पुलिस वहां पर क्या कर रही थी? क्यों उस बच्ची की मदद नहीं की गई। राहुल राजपूत, जो अपने परिवार का इकलौता सहारा था, एक गरीब परिवार से आता था, गरीब परिवार से आने के बावजूद वो बच्चों को निशुल्क अंग्रेजी का ट्यूशन पढ़ाता था। मैंने उसके घर के बाहर फ्री कोचिंग का बोर्ड देखा था। राहुल आईएएस की तैयारी कर रहा था और परीक्षा में बैठने वाला था। अगर दिल्ली पुलिस ने समय रहते उस बच्ची की मदद की होती तो आज राहुल राजपूत अपने परिवार के साथ होता, हम लोगों के साथ होता।
उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली पुलिस पर यह सभी आरोप किसी और ने नहीं, बल्कि राहुल राजपूत की दोस्त ने लगाए हैं। लड़की आज भी कह रही है कि राहुल को मेरे भाई और रिश्तेदारों ने पीट-पीट कर मार डाला। हम उस लड़की के जज्बे को सलाम करते हैं कि वो आज भी राहुल राजपूत के परिवार के साथ खड़ी है। लड़की ने दूसरा आरोप लगाया है कि राहुल को पीटने वाले पांच नहीं सात से आठ लोग थे। दिल्ली पुलिस ने सिर्फ पांच लोगों को नामजद किया है। हम भाजपा से जानना चाहते हैं कि उनकी पुलिस आरोपियों के साथ है या फिर पीड़ित परिवार के साथ है।
सौरभ भारद्वाज ने आगे कहा कि तीसरी बात हम सब को शर्मसार कर देने वाली है। वो लड़की जो कल तक पत्रकारों से बात कर रही थी, लेकिन कल रात को दिल्ली पुलिस उस लड़की के पास पहुंची और उसका सिम कार्ड छीनकर तोड़ दिया। लड़की अब किसी से भी बातचीत नहीं कर पा रही है। इस बारे में मैंने वहां की डीसीपी से बात की है। उन्होंने मुझे बताया कि उनको इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। हमारा यह अंदेशा है कि दिल्ली पुलिस और भाजपा की पोल न खुल जाए, इसीलिए यह सब किया गया है।
उन्होंने कहा कि जब यह घटना हुई और राहुल राजपूत की मौत की खबर क्षेत्र में फैली तो हमारे वहां के विधायक पवन शर्मा पीड़ित परिवार के साथ खड़े थे। उन्होंने पुलिस थाने जाकर एफआईआर दर्ज कराई और डीसीपी से बात कर के आरोपियों को गिरफ्तार कराया। घटना के चार दिन बाद भाजपा की नींद खुली, आदेश गुप्ता नींद से जागे और सांप्रदायिकता का ढोल पीटने के लिए पीड़ित के घर पहुंच गए। राहुल के परिवार ने आदेश गुप्ता के सामने हाथ जोड़ दिए और कहा कि यहां पर राजनीति की दुकान न चलाएं। आज यह लोग अपने पीड़ित के साथ भी नहीं खड़े हैं जिसके धर्म की दुहाई यह हर चुनाव में देते हैं। योगी आदित्यनाथ की सरकार यूपी में बलात्कारियों के साथ खड़ी है। पीड़िता की लाश चोरी छिपे जला रहे हैं। पीड़िता के घर वालों पर आरोप लगा रहे हैं। यह लोग कुलदीप सिंह सेंगर और चिन्मयानंद के साथ खड़े थे और यहां दिल्ली पुलिस आरोपियों के साथ खड़ी दिखी।
सौरभ भारद्वाज ने आगे कहा कि उस बच्चे की जान बचाई जा सकती थी लेकिन दिल्ली पुलिस ने उसको नहीं बचाया। हम धर्म के नकली ठेकेदारों से मांग करते हैं कि वो दिल्ली पुलिस के उन अफसरों के ऊपर ठोस कार्रवाई करें। आज शाम तक अगर उन्होंने दिल्ली पुलिस के उन लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं की तो हम आंदोलन करेंगे और भाजपा को दिखा देंगे कि आंदोलन क्या होता है। यह हमारी भाजपा को चेतावनी है।