नई दिल्ली : सौरभ भारद्वाज ने आज कहा कि BJP शासित ईस्ट एमसीडी ने ई-रिक्शा खरीद में करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार किया है, उन्होंने कहा कि ईस्ट एमसीडी ने BJP नेता मनोज तिवारी और महेश गिरि की सांसद निधि से आनन-फानन में 200 ई-रिक्शा तीन गुनी अधिक कीमत में यह ई-रिक्शे खरीदे गए हैं.
समान्य तौर पर एक ई-रिक्शा 60-70 हजार रुपए मिल जाता है, लेकिन भाजपा की ईस्ट एमसीडी ने एक ई-रिक्शा 2.25 लाख रुपए में खरीदा है, सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली वालों को ई-रिक्शा खरीदने का कोई फायदा भी नहीं मिल रहा है, क्योंकि दो साल पहले खरीदी गई 200 गाड़ियां खड़ी-खड़ी कूड़े में तब्दील हो रही हैं.
भाजपा नेता मनोज तिवारी बताएं कि ई-रिक्शा खरीद में हुए भ्रष्टाचार का पैसा किसकी जेब में गया है, इस खरीद घोटाले में ईस्ट एमसीडी ने आपको या आपने ईस्ट एमसीडी को बेवकूफ बनाया, साथ ही ईस्ट एमसीडी के ब्रांड एंबेसडर सांसद गौतम गंभीर भी इस भ्रष्टाचार पर अपना रूख साफ करें.
भारद्वाज ने ई-कार्ट गाड़ियों की खरीद में हुए भ्रष्टाचार को लेकर प्रेस वार्ता को संबोधित किया, उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी एक-दो दिन पहले अपनी बदजुबानी के लिए काफी सुर्खियों में आए थे, हमारे पास उनसे जुड़ा हुआ एक मामला पड़ा था.
लेकिन हमें लगा कि भाजपा ने ही उनको किनारे किया हुआ है, तो उनके ऊपर बात करना व्यर्थ है, चूंकि वह सुर्खियों में आए, तो उनसे जुड़े हुए एक बहुत खास विषय को मैं मीडिया के सामने रखना चाहता हूं, मैंने कल पूर्वी दिल्ली नगर निगम के कुछ अपने पार्षदों और सदन के नेता प्रतिपक्ष को बुलाया और उनकी सबसे बड़ी समस्या पूछी, पार्षदों ने बताया कि पूर्वी दिल्ली के अंदर सबसे बड़ी कूड़े की ही समस्या है.
बाजार, मोहल्लों, गलियों और चैराहों पर जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे रहते हैं, इनको उठाने के लिए जब-जब हम एमसीडी के कर्मचारियों से बात करते हैं, तो वो कहते हैं कि हमारे पास कूड़ा उठाने के लिए गाड़ियां नहीं हैं, खराब हैं और आई नहीं हैं.
सौरभ ने कहा कि BJP शासित एमसीडी ने एक सोची समझी साजिश के तहत दिल्ली को कूड़ा-कूड़ा रख रहा है, दिल्ली नगर निगम के स्टोर में कूड़ा उठाने की गाड़ियां मौजूद हैं, पूर्वी नगर निगम के स्टोर में एक-दो दर्जन नहीं, बल्कि 200 कूड़ा उठाने वाले ई-कार्ट मौजूद हैं.
पूर्वी नगर निगम को जब मनोज तिवारी और महेश गिरी, दोनों सांसद थे, तब इन्होंने अपनी सांसद निधि से कूड़ा उठाने वाली गाड़ियां दी थीं, उन्होंने मनोज तिवारी व महेश गिरी के सांसद निधि से गाड़ियां खरीदी जाने के पेपर दिखाते हुए कहा कि नगर निगम के स्टोर में नई 200 गाड़ियां 2 साल से खड़ी-खड़ी कूड़ा हो रही हैं.
इन गाड़ियों के विषय में कई सवाल निकलते हैं, यह गाड़ियां आनन-फानन में क्यों खरीदी गईं? बाजार में साधारण तौर पर ई-रिक्शा 65 से 70 हजार की आ जाता है, किसी भी रिक्शा वाले से आप पूछेंगे, तो वह आपको बता देगा, सांसद निधि से यह एक ई-रिक्शा करीब 2.25 लाख रुपए की पड़ी हैं, जब आप एक खरीदते हैं, तो 60-70 हजार की मिलती है.
जब आप 200 खरीदते हैं, तो आप सोचिए कि वह कितने की मिलनी चाहिए? आप सीधे गाड़ी निर्माता से खरीद सकते हैं, मगर यह ई-कार्ट सांसद निधि के फंड से वास्तविक दामों से 3 गुना अधिक कीमत में खरीदे गए हैं, ये ई-कार्ट पूर्वी नगर निगम ने मनोज तिवारी और महेश गिरी के फंड से खरीदी हैं, अब इससे कई सवाल पैदा होते हैं?