नई दिल्ली : दीपावली से पहले दिल्ली में कोरोना और प्रदूषण बेकाबू होता नजर आ रहा है और यही हाल रहा तो त्योहारों के इस मौसम में अगले कुछ दिनों में क्या हाल होगा इसका सहज अनुमान लगाना मुश्किल नहीं है। राजधानी में प्रदूषण की वजह से आसमान में धुएं की चादर के बीच सांस लेना दूभर हो रहा है। अस्थमा के मरीजों का बुरा हाल है। बच्चों और बूढ़ों को भी अच्छी खासी दिक्कतें हो रही हैं। इस सब के बीच लोगों की लापरवाही भी खूब सामने है और कोरोना के बेकाबू होने के मद्देनजर सड़कों पर बिना मास्क आम लोगों को देखा जा सकता हैं। लोग धुएं से आंखों में जलन की शिकायत कर रहे हैं।

दिल्ली के सबसे व्यस्तम चौराहों में से एक आईटीओ पर सोमवार सुबह वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ‘गंभीर’ श्रेणी में 472 है। आनंद विहार में यह 484 तो मुंडका में 470 रहा । वजीरपुर में 468 तो ओखला फेस दो में 465 था। इन सभी स्थानों पर एक्यूआई ‘गंभीर’ श्रेणी में है। एक्यूआई को शून्य से 50 के बीच ‘अच्छा’, 51 के 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बेहद खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है। उधर सरकार की तरफ से देर रात जारी आंकड़ो में कोरोना वायरस के रिकार्ड 7745 नये मामले आये और 77 मरीजों की इसने जान ले ली।

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 राजधानी में रविवार के आंकड़ों में पॉजिटिविटी दर 15.26 फीसदी रही तो सक्रिय मामले बढ़कर 41857 पर पहुंच गये। दिल्ली में पिछले 24 घंटे में 50,754 नमूनों की जांच की गई। इस दौरान 6059 मरीज ठीक हुए। दिल्ली में रिकवरी रेट 88.86 है। यहां कुल वायरस संक्रमितों की कुल संख्या 4,38,529 और ठीक होने वालों की 3,89,683 है। कुल मरीजों में सक्रिय मामलों की संख्या 9.54 प्रतिशत तक पहुंच गई है जबकि मृत्यु दर 1.59 प्रतिशत है। इस महामारी से राजधानी में अभी तक 6989 लोगाें की जान जा चुकी है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन दोनों ही स्वीकार कर चुके हैं कि राजधानी में कोविड-19 का तीसरे दौर की लहर है।

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