चंडीगढः हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने अधिकारियों को स्पष्ट चेतावनी दी है कि वे कि मनरेगा के तहत आवंटित राशि को दबा कर न बैठें बल्कि सम्बंधित योजनाओं को निर्धारित समय सीमा पूरा करें ताकि जनता को इनका लाभ हो। चौटाला ने आज यहां ग्रामीण विकास विभाग के मनरेगा के तहत कराए जाने वाले कार्यों की समीक्षा करते हुये अधिकारियों को ऐसे विकास कार्य पूरा होने पर प्रमाण-पत्र निदेशालय को यथाशीघ्र प्रेषित करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने उन अधिकारियों से भी जवाब-तलबी की जिनसे सम्बंधित जिलों में मनरेगा कार्य गति नहीं पकड़ पाये हैं। उन्होंने गांव में मनरेगा योजना के तहत लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिये।
उन्होंने बैठक के बाद बताया कि मनरेगा के तहत दिए गए लक्ष्य को विभाग ने इस बार समय से पहले ही पूरा कर लिया है। वर्ष 2020-21 के लिए 140 लाख कार्य-दिवस निर्धारित किए गए थे जिनमें से 125 लाख कार्य-दिवस नवम्बर 2020 तक ही पूरे कर लिए हैं जो कुल कार्य का 90 प्रतिशत है। वर्ष 2019-20 में मनरेगा के अंतर्गत कराये जाने वाले काम के लिए 91.19 लाख कार्य-दिवस तय किए गए थे। उन्होंने बताया कि अधिकारियों को कड़ाके की ठंड के मद्देनजर गरीबों के पशुओं के लिए मनरेगा के तहत बनाए जाने वाले कैटल-शैड प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने तथा 15 जनवरी तक 10 हजार शैड का निर्माण कराने के निर्देश दिए।
उपमुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वे मनरेगा के तहत लम्बित कार्यों को स्वीकृति के लिए मुख्यालय में एक सप्ताह तक भेज दें ताकि आगामी पंचायती-चुनाव के लिए लगने वाली आचार-संहिता से पूर्व इन्हें शुरू किया जा सके। बैठक में ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव सुधीर राजपाल, निदेशक हरदीप सिंह, उपमुख्यमंत्री के विशेष कार्याधिकारी कमलेश भादू समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे। विभिन्न जिलों से मुख्य कार्यकारी अधिकारी भी वीडियो कान्फ्रैंसिग के माध्यम से बैठक के साथ जुड़े।
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