नई दिल्ली। समाजशास्त्र विभाग, जामिया के रिसर्च स्कॉलर्स ने सोमवार, 28 मार्च, 2022 को ज़ूम के माध्यम से ‘ज़िक्र: एनुअल रिसर्च कॉन्फ्लुएंस (एआरसी), 2022’ का ऑनलाइन आयोजन किया। ‘ज़िक्र’ जामिया और बाहर के अनुसंधान विद्वानों के समुदाय से संपर्क की समाजशास्त्र विभाग की एक पहल है जिसमें उन मुद्दों पर विचार-विमर्श और डिबेट करना शामिल है जो एक विषय के रूप में समाजशास्त्र से जुड़े हैं।
पहले एआरसी 2022 का विषय “डीकोलोनाइजिंग मेथडोलॉजीज” था, जो प्रोफेसर सव्यसाची के काम से प्रेरित था, जो इस सप्ताह सेवानिवृत्त हो रही हैं। यह समाजशास्त्र को उपनिवेश से मुक्त करने और ज्ञान के प्रसार को लोकतांत्रिक बनाने में उनके योगदान के लिए एक श्रद्धांजलि थी। उद्घाटन सत्र में, जामिया के सामाजिक विज्ञान संकाय के डीन प्रोफेसर रवींद्र कुमार ने ज़िक्र: एआरसी के लोगो का अनावरण किया।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय से बड़ी संख्या में उपस्थिति दर्ज की गई। विभागाध्यक्ष प्रो. मनीषा टी. पाण्डे एवं पीएच.डी. समन्वयक, प्रो. कुलविंदर कौर, अन्य संकाय सदस्यों और शोध छात्रों ने प्रो. सव्यसाची को श्रद्धांजलि दी और समाजशास्त्र में भविष्य के अनुसंधान के लिए विषय के महत्व को रेखांकित किया।
उद्घाटन के अलावा, संगोष्ठी के तीन तकनीकी सत्र थे जिसमें कुल बारह पेपर प्रस्तुत किए गए और उसके बाद गहन चर्चा भी हुई। संगोष्ठी में जेएमआई, जेएनयू, कश्मीर विश्वविद्यालय और सिंगापुर विश्वविद्यालय सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों के प्रस्तुतकर्ता शामिल थे।
*तीन सत्रों के व्यापक विषय थे:* एजुकेशन, नॉलेज प्रोडक्शन एंड डिकोलोनायिज़ेशन, डिकन्सट्रकटिंग पॉवर हाईरेरकीस एंड कोलोनियल नेरेटिव्स, इन्डीजेनीज़ेशन, एप्रोप्रीएशन एंड रि-कोलोनायिज़ेशन। एआरसी 2022 में प्रस्तुत पेपर्स को संशोधित कर पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया जाएगा।
समाजशास्त्र विभाग, जामिया के विषय एसोसिएशन ने 25 और 26 मार्च 2022 को ‘पेंडेमिक एंड सोसाइटी’ विषय पर दो दिवसीय वार्षिक समाजशास्त्र उत्सव, कारवां-ए-फिक्र, ऑनलाइन कार्यक्रम का भी आयोजन किया। पहले दिन उद्घाटन सत्र और अंतर-विश्वविद्यालय के छात्रों के संगोष्ठी के अलावा, एक पैनल चर्चा, एक कविता प्रतियोगिता, एक समूह चर्चा, फोटोग्राफी और पोस्टर प्रतियोगिता तथा दूसरा दिन इस सवाल पर केंद्रित था कि महामारी ने छोटे- बड़े स्तर पर कैसे समाज को प्रभावित किया है, और इस पर कि मानव जीवन के विभिन्न पहलु जो इस वैश्विक महामारी के कारण पूरी तरह से बदल गए हैं।
इस कार्यक्रम को फैकल्टी मेंबर्स प्रो. सव्यसाची, डॉ. सुंबुल फराह, प्रो. शफीक अहमद और डॉ इम्तियाज अहमद अंसारी ने जज किया।
सब्जेक्ट एसोसिएशन की उपाध्यक्ष पारुल सिंह ने स्वागत वक्तव्य दिया और विभागाध्यक्ष प्रो मनीषा टी पांडे को फेस्ट का उद्घाटन करने के लिए आमंत्रित किया। मुख्य वक्ता डॉ. गोपी डी. त्रिपाठी, मैत्रेयी कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय थे।
उद्घाटन सत्र के बाद, ‘पेंडेमिक एंड सोसाइटी’ विषय पर अंतर-विश्वविद्यालय छात्र संगोष्ठी थी। जामिया, दिल्ली विश्वविद्यालय, जेएनयू और कलकत्ता विश्वविद्यालय के पेपर प्रस्तुतकर्ता थे। फेस्ट का समापन छात्र सलाहकार डॉ. गोमती बी. हेम्ब्रोम द्वारा सभी मेहमानों, जजों, प्रतिभागियों और आयोजकों को धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिन्होंने कारवाँ-ए-फिक्र 2022 को सफल बनाया।
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