नई दिल्ली। जामिया मिल्लिया इस्लामिया की वाइस चांसलर प्रो. नजमा अख्तर की माँ तौसीफ उस्मानी का 15 जनवरी की रात को निधन हो गया। तद्फ़ीन 16 जनवरी को बेंगलुरु में हुई।
जामिया की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि वाइस चांसलर के लिए यह वास्तव में अपूरणीय क्षति है।
जामिया बिरादरी इस अपूरणीय क्षति पर शोक में है और कुलपति, उनके परिवार, भाई और बहनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करती है। जामिया बिरादरी उनके शोक में उनके साथ खड़ी है।
प्रेरक और उदात्त मूल्यों का एक आदर्श उदाहरण, जिसकी हर भारतीय माँ और पत्नी में अपेक्षा की जाती है; दिवंगत तौसीफ उस्मानी, स्वर्गीय हशमत हुसैन उस्मानी, तत्कालीन शिक्षा निदेशक (यूपी) की पत्नी, अपने परिवार, करीबी और दूर के रिश्तेदारों और वाइस चांसलर के लिए एक वरदान थीं। समुदाय और समाज के लिए एक बड़ी असेट थीं, उनके सहानुभूतिपूर्ण प्रेम और सेवा के कारण उन्हें उच्च सम्मान प्राप्त था, जिसकी हिफाज़त उनके बच्चे पूरी ईमानदारी के साथ कर रहे हैं।
यह सब उनकी अद्भुत परवरिश और बच्चों को दिए गए नैतिक मूल्यों के कारण है कि वे उनमें उनकी श्रद्धा, प्रतिबद्धता, ज्ञान और प्रगतिशील दृष्टिकोण को मूर्त रूप देने में सक्षम रहीं। 1995 में अपने पति की मृत्यु के बाद उच्च आदर्शों और आधुनिक मूल्यों के साथ उन्होंने अपने व्यक्तित्व के संयुक्त रूप से अपने बच्चों की उचित और ज़रूरी देखभाल की।
उनके परिवार में उनके बेटे जावेद उस्मानी, तीन बेटियां, पोते और पोतियां हैं। परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों के लिए उनके आदर्श प्रेरणा के स्रोत के रूप में मौजूद रहेंगे और वह स्मृति में हमेशा जीवित रहेंगी। वे उत्साह के साथ उनके जीवन के मिशन को पूरा करेंगे और यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
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