नई दिल्ली। अर्थशास्त्र विभाग, जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) ने मार्टिन लूथर विश्वविद्यालय, जर्मनी के विगैंड कोरबर के साथ एक इंटरैक्टिव सत्र का आयोजन किया। उन्होंने और उनकी छह लोगों की शोध टीम ने सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (एसडीजी) के क्षेत्र में काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, विशेष रूप से 6 लक्ष्य जो स्वच्छ पानी और स्वच्छता से जुड़े हैं।
अर्थशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. अशरफ इलियान ने वक्ता का परिचय दिया साथ ही एक महत्वपूर्ण और समकालीन प्रासंगिक विषय पर संकाय और शोधार्थियों के साथ इंटरैक्शन के लिए उन्हें धन्यवाद देते हुए कार्यक्रम का उद्घाटन किया।
स्पीकर वीगैंड कोरबर ने भारत में फील्ड वर्क के लिए अपनी संभावित कार्यप्रणाली से अंतर्दृष्टि साझा करके सत्र की शुरुआत की। उन्होंने और उनकी शोध टीम ने मुख्य रूप से दो मोर्चों पर जोर दिया: एसडीजी का राजनीतिक पहलू और लघु और मध्यम उद्यमों (एसएमई) द्वारा इसका उपयोग जो प्रभावी राजनीतिक संचार के लिए महत्वपूर्ण है। गैप एनालिसिस’ नाम के उनके शोध कार्य का उद्देश्य सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स की योजना और उनके कार्यान्वयन के बीच अंतर को पाटना है। इस अंतर को पाटना बहुत महत्वपूर्ण है ताकि इन लक्ष्यों का लाभ जनता को मिल सके। उन्होंने आगे कहा कि भारत जैसे एक भू-राजनीतिक राष्ट्र, को इस अध्ययन के विषय के रूप में चुना गया क्योंकि यह वर्तमान में भारी जल संकट का सामना कर रहा है। इसके अलावा, भारत में बहुत कम स्वतंत्र एनजीओ और जस्टिस ओर्गेनाईजेशन हैं जो इस अध्ययन के उद्देश्य को बढ़ाने में योगदान करते हैं।
कार्यक्रम में छात्र और विद्वानों द्वारा प्रश्नोत्तर और फीडबैक सत्र का आयोजन किया गया।
अर्थशास्त्र विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ बथुला श्रीनिवासु द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ सत्र का समापन हुआ।
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