कलकत्ता हाईकोर्ट ने बंगाल चुनाव के बाद हुई हिंसा की जाँच सीबीआई को सौंपी,आतिफ रशीद ने किया स्वागत

नई दिल्ली
पश्चिम बंगाल में गुरुवार को कलकत्ता हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बड़ा झटका देते हुए चुनाव के बाद हुई हिंसा की जांच सीबीआई को सौंप दी है। इस मामले में गुरुवार को कलकत्ता हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट की 5 जजों की बेंच ने चुनाव बाद हिंसा में रेप और हत्या के मामलों की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो को सौंपने को कहा है। हाईकोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि सीबीआई अदालत की निगरानी में ही जांच करेगी।

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हाईकोर्ट ने आगे कहा कि हत्या और दुष्कर्म के मामलों की जांच सीबीआई करेगी, वहीं चुनावी हिंसा से जुड़े दूसरे केस की जांच अदालत की निगरानी में गठित एक स्पेशल जांच टीम करेगी। अदालत ने इस कमेटी का गठन कर दिया है। ये कमेटी पुलिस अधिकारी सुमन बाला साहू (डीजी रैंक अधिकारी) और दो अन्य अधिकारियों के नेतृत्व में काम करेगी। ये कमेटी 6 हफ्तों की जांच के बाद अपनी रिपोर्ट अदालत में सौंपेगी। इसके बाद इस मामले पर अगली सुनवाई 4 अक्टूबर को होगी।
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के कार्यकारी अध्यक्ष आतिफ रशीद ने हाईकोर्ट के इस निर्णय का स्वागत करते हुये, इसे न्याय की दिशा में बढ़ता हुआ पहला कदम बताया है।

आतिफ रशीद ने कहा कि कोलकाता हाईकोर्ट का आदेश बंगाल के उन बेगुनाह वोटरों को न्याय की दिशा में पहला क़दम है, जिन्होंने बंगाल चुनाव में अपनी पसन्द की पार्टी को वोट करके अपने संविधानिक अधिकार का प्रयोग किया था। जिसके बदले में उन्होंने हिंसा, हत्या, बलात्कार और पलायन जैसा परिणाम को भुगतना पड़ा। जिसको पुलिस और सरकार ने अनदेखा किया। आशा करता हूँ कि अब पुलिस ईमानदारी से काम करेगी और बंगाल में न्याय को स्थापित करने में मदद करेगी। लेकिन यह अभी न्याय मिलना नहीं है, न्याय की और पहला क़दम है, मगर इससे बंगाल वह मज़लूम दलित शोषित पीड़ित ग़रीब मजदूर जिन्होंने भाजपा को विकल्प के रूप में चुनने की सज़ा पाई थी उनको न्याय की आस ज़रूर बनी है।
बता दें कि 2 मई को विधानसभा परिणामों की घोषणा के बाद, पश्चिम बंगाल के कई शहरों में चुनाव के बाद हिंसा की घटनाएं हुईं थीं।

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