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एससीईआरटी दिल्ली ने मनाया अपना 35वां स्थापना दिवस

एससीईआरटी दिल्ली ने मनाया अपना 35वां स्थापना दिवस

दिल्ली के कामयाब शिक्षा मॉडल का आधार है एससीईआरटी: मनीष सिसोदिया

नई दिल्ली। दिल्ली के एजुकेशन मॉडल की चर्चा आज देशभर में है। इस मॉडल को विज़न और नेतृत्त्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से आता है और इस कामयाब मॉडल का आधार एससीईआरटी दिल्ली है। उपमुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने ये बातें गुरुवार को राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद्-दिल्ली (एससीईआरटी) के 35वें स्थापना दिवस पर कही। उन्होंने कहा कि दिल्ली के शिक्षा मॉडल के हर सफल प्रयोग की शुरुआत हुई है।  जब भी हम अपने स्कूलों में कोई नया करिकुलम शुरू करने, अपने टीचर्स को शानदार ट्रेनिंग देने, या किसी इनोवेटिव प्रैक्टिस के लिए आधार स्थापित करने के बारे में सोचते हैं, तो हम एससीईआरटी की ओर देखते हैं। एससीईआरटी दिल्ली ने एजुकेशन में टीचर ट्रेनिंग व रिसर्च को जीवंत करने का काम किया है। ज्ञात हो कि एससीईआरटी ने गुरुवार को त्यागराज स्टेडियम में 35वें स्थापना दिवस का आयोजन किया तथा एजिबिशन के माध्यम से दिल्ली शिक्षा मॉडल के इनोवेटिव प्रैक्टिसेज को दिखाया, साथ ही समारोह में एससीईआरटी ने भी अपने पूर्व निदेशकों को शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया।
सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली के शिक्षा मॉडल में पिछले 6-7 सालों में जो कुछ हुआ है, आज उसकी चर्चा पूरे विश्व में है और दुनियाभर से लोग उसे देखने आ रहे हैं। जब बात आती है कि दिल्ली के दिल्ली के एजुकेशन मॉडल में क्या हुआ- तो यहां हैप्पीनेस, एंत्रप्रेन्योरशिप और देशभक्ति जैसे नए करिकुलम शामिल किए गए, हमारे स्कूल शानदार हो गए, बच्चों के रिजल्ट शानदार हो गए, टीचर्स को बेहतरीन ट्रेनिंग मिली लेकिन जब बात आती है कि ये सब किसने और कैसे किया तो एससीईआरटी का नाम आता है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में जो शिक्षा क्रांति है, उसका फ्रंट फेस अरविंद केजरीवाल हैं, हमारे शानदार स्कूल हैं, नया बोर्ड है हमारी टीचर्स यूनिवर्सिटी है तो एससीईआरटी, दिल्ली इस शिक्षा क्रांति व शिक्षा मॉडल का आधार है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि दुनिया के सभी एजुकेशन डिपार्टमेंट में वहां की रिसर्च व ट्रेनिंग विंग का योगदान सबसे अहम् होता है। आज हम फ़िनलैंड के एजुकेशन को विश्व में शीर्ष मानते हैं, क्योंकि वहां का रिसर्च व ट्रेनिंग विंग शानदार काम कर रहा है। कोई भी शिक्षा विभाग अपने एजुकेशन की क्वालिटी को केवल उसी स्तर तक ले जा सकता है, जहाँ तक उसका रिसर्च व ट्रेनिंग विंग अनुमति देता है। उन्होंने कहा कि आज हम जब कुछ भी नया करना चाहते हैं तो उसकी शुरुआत शिक्षा से करते हैं और यदि शिक्षा में कुछ भी नया करते हैं तो उसकी शुरुआत एससीईआरटी से करते हैं। इसलिए शिक्षा के हर नए आईडिया की शुरुआत हमने एससीईआरटी से की। चाहे स्कूली बच्चों में अच्छी नागरिकता व ख़ुशी का भाव विकसित करने के लिए हैप्पीनेस करिकुलम हो या अपने बच्चों को जॉब सीकर्स के बजाय जॉब प्रोवाइडर्स बनाने के लिए एंत्रप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम या उन्हें कट्टर देशभक्त बनाने के लिए देशभक्ति करिकुलम, इन सबकी शुरुआत एससीईआरटी द्वारा ही की गई।
उन्होंने आगे कहा कि एससीईआरटी ने पिछले 35 सालों में एक लम्बी यात्रा तय की है लेकिन अभी समाज व राष्ट्र के परिवर्तन के लिए, यहां की चुनौतियों को ख़त्म करने के लिए एससीईआरटी को अपने रिसर्च के माध्यम से बहुत काम करना बाकि है और एससीईआरटी इस काम को बखूबी करेगी।
इस मौके पर दिल्ली विधानसभा के एजुकेशन स्टैंडिंग कमिटी की चेयरपर्सन व कालकाजी की विधायक अतिशी ने कहा कि एससीईआरटी ने शुरू से ही दिल्ली शिक्षा क्रांति में एक महत्वपूर्ण स्तंभ के रूप में काम किया है। लोग दिल्ली भर में हमारे स्कूलों को देखते हैं लेकिन उन्हें इसके पीछे की कहानी भी देखने की जरूरत है। सात साल पहले देश में कोई अभिभावक अपने बच्चों को सरकारी स ्कूल में नहीं भेजना चाहता था। लेकिन पिछले 7 वर्षों में दिल्ली सरकार ने न केवल अपने सभी स्कूलों को बदला  हैं बल्कि एससीईआरटी दिल्ली के प्रयासों से उनके शैक्षिक मानकों में भी सुधार हुआ है।
एससीईआरटी डायरेक्टर रजनीश कुमार सिंह ने कहा कि एससीईआरटी दिल्ली ने दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है और पिछले 35 सालों से टीचर्स ट्रेनिंग व रिसर्च के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम किए हैं। दिल्ली शिक्षा क्रांति को दूसरे स्तर तक ले जाने के लिए हम नए इनोवेटिव प्रैक्टिसेज व रिसर्च के लिए हरदम तैयार हैं। इस दिशा में एससीईआरटी ने टीचर ट्रेनिंग मोनिटरिंग सिस्टम की शुरुआत की है।
कार्यक्रम में आतिशी चेयरपर्सन, एजुकेशन स्टैंडिंग कमिटी, दिल्ली विधानसभा, शिक्षा सचिव एच.राजेश प्रसाद, दिल्ली टीचर्स यूनवर्सिटी के उपकुलपति धनंजय जोशी, एससीईआरटी दिल्ली के पूर्व निदेशकों सहित शिक्षा विभाग के वरिष्ट अधिकारी शामिल रहे।

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