नई दिल्ली। अशोक विहार श्रम कार्यालय से भ्रष्टाचार की शिकायतें आने पर उपमुख्यमंत्री व श्रम मंत्री मनीष सिसोदिया ने गुरुवार को यहां श्रमिक बोर्ड व श्रम विभाग के उच्चाधिकारियों के साथ औचक निरीक्षण कर इन शिकायतों की जाँच की। निरीक्षण के दौरान श्रम मंत्री ने कार्यालय के कामों में कई अनियमितता पाई और इस पर एक्शन लेते हुए मैनेजर सहित 4 कर्मियों को तुरंत बर्खास्त करने और उनपर त्वरित करवाई करने के निर्देश दिए। साथ ही सुपरवाईजरी ऑफिसर को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।
श्रम कार्यालय के अपने औचक निरीक्षण के दौरान सिसोदिया ने पाया कि क्लेम ब्रांच में डायरी व डिस्पैच रजिस्टर अपडेटेड नहीं है, साथ ही उन्होंने कार्यालय के फाइलों व कंप्यूटर डेटाबेस की भी जाँच की उसमें अनियमितता पाई गई। फाइलों की जाँच के दौरान श्रम मंत्री ने फाइल में लाभार्थियों के दिए गए फ़ोन नंबर पर कॉल कर उनसे क्लेम आवेदन के स्टेटस की जाँच की यहां भी कई फ़ोन नंबर गलत थे। इस पर सवाल करने पर वहां मौजूद अधिकारी की ओर से कोई संतोषजनक जबाब नहीं मिला। इसे मद्देनज़र रखते हुए श्रम मंत्री ने कार्यालय के मैनेजर, डीलिंग अस्सिस्टेंट सहित 4 कर्मियों को बर्खास्त करने और जरुरी करवाई करने के निर्देश दिए।
उपमुख्यमंत्री ने श्रम अधिकारियों को निर्देश दिया कि श्रमिक कल्याण योजनाओं के माध्यम से श्रमिकों को समुचित लाभ देने संबंधी सभी काम समय पर किए जाएं। सिसोदिया ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि सरकार ने जब निर्माण श्रमिकों के कल्याण की योजनाएं बनाई हैं तो इनका लाभ सभी योग्य लोगों को मिलना चाहिए। इसमें कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और लापरवाही करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
सिसोदिया ने कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार में हम भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टोलरेंस की नीति अपनाते है और किसी भी प्रकार का भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं करते है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में वर्तमान में लगभग 10 लाख पंजीकृत निर्माण श्रमिक हैं, और सरकार द्वारा उन्हें एक बेहतर जिन्दगी जीने के लिए विभिन्न सुविधाएं दी जाती है। हमारा उद्देश्य है कि हर निर्माण श्रमिक तक दिल्ली सरकार की कल्याणकारी योजनाएँ पहुंचे।
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