पढ़िए जहाँगीरपुरी फसाद में मुख्य आरोपित बनाये गए अंसार के बारे में उनकी पड़ोसन रजनी का क्या कहना है….

दिल्ली। जहाँगीरपुरी में धार्मिक जुलुस के दौरान हुए फसाद के बाद दिल्ली पुलिस लगातार गिरफ्तारी कर रही है। पुलिस ने इस मामले में जहाँगीरपुरी के बी ब्लॉक में रहने वाले अंसार को मुख्य आरोपित बनाया है। अंसार को दंगे का मास्टरमाइंड तक कहा जा रहा है। वहीं दूसरी ओर जब अंसार के पड़ोसियों से इस बारे में बात की तो उन्होंने अंसार के बारे में जो बताया,उससे अंसार की अलग छवि सामने आ रही है।
अंसार के पड़ोस में रहने वाली रजनी मेहरा ने बताया कि मैं लगभग 12 साल से अंसार को जानती हूँ। यह पहले सी ब्लॉक में रहते थे। 12 साल पहले बी ब्लॉक में रहने आए। इनका मोबाइल रिपयेरिंग का काम है।
घटना वाले दिन के बारे में पूछने पर रजनी ने बताया कि उस दिन भैया(अंसार) घर पर थे। मैं सामने मंदिर में भजन कर रही थी। मैंने 6 बजे करीब भैया(अंसार) को मंदिर के पास से भागते हुए देखा। उनके पीछे उनकी बीवी भी भागते हुए कह रही थी आप कहाँ जहाँ जा रहे हो, बीमार हो, रोज़ा का टाइम है। भैया बोल रहे थे कि बहुत ज़्यादा लड़ाई हो रही है,मुझे जाने दे। हम मंदिर से बाहर आये तो मैंने भैया से पूछा भैया क्या बात हो गई तो भैया((अंसार) ने बताया कि दीदी काली के मंदिर के बाहर लड़ाई हो गई है।
रजनी बताती हैं कि उसके बाद करीब 11:30 बजे मैं घर के बाहर बैठी थी। भैया मुझे दीदी नमस्ते कहते हुए घर चले गए। इसके बाद करीब 12 बजे भैया घर से आये, उनके साथ तीन व्यक्ति थे,जो देखने में पुलिसकर्मी लग रहे थे। भैया ने मुझसे पूछा दीदी बाहर क्या कर रही हो? मैंने बताया भैया दीपू(पुत्र) का इंतज़ार कर रही हूँ, वो बाहर है। वो उन पुलिस जैसे दिख रहे व्यक्तियों के साथ चले गए। वह लोग कह रहे थे कि चौक पर बैठकर बात करते हैं।

अंसा


अंसार की पड़ोस में रहने वाली दूसरे धर्म की ही अन्य महिला ने बताया कि यदि हमें पता होता अंसार को गिरफ्तार करके ले जा रहे हैं तो हम उन्हें जाने ही नहीं देते।
इसकी वजह पूछने पर महिला ने बताया कि हमारे भाई(अंसार) हमारे कर्ताधर्ता थे। उन्होंने यहाँ सबकी मदद की है तो हम कैसे उन्हें ग़लत कह सकते हैं। लॉकडाउन के दौरान अंसार ने सब घरों में राशन पहुँचाया, अंसार के यहाँ हलवाई बैठा रहता था, जिससे पूरी सब्ज़ी बनवाकर सबको बाँटी जाती थी। महिला आगे कहती हैं कि मेरे पति बीमार रहते हैं,अंसार ने हमेशा मदद की और सिर्फ मेरी ही नहीं,हज़ारों लोगों की मदद की है। हम ऐसे इंसान को कैसे बुरा कह सकते हैं।
दंगों में नाम आने के बारे में पूछने पर रजनी ने बताया कि वो छुड़वाने के लिए गए थे। लेकिन उनको ही आरोपित बना दिया गया। उनका कभी किसी से झगड़ा नहीं हुआ। रजनी मेहरा ने कहा कि पूरी गली को कोई नहीं सिखा सकता कि अंसार को अच्छा कहो, जो इंसान अच्छा है, उसे अच्छा ही कहा जायेगा।
महिला ने बताया कि अंसार सब त्योहारों में सबका सहयोग करते हैं। उस दिन भी दो बार यात्रा निकली और दोनों बार ही अंसार ने खड़े होकर यात्रा निकलवाई। महिला ने बताया कि तीसरी बार में यात्रा वाले ऊधम करते हुए आ रहे थे। उनके हाथों में हथियार दिख रहे थे।
रजनी ने कहा कि उधर से ही लड़ाई शुरू हुई,किसने शुरू करी यह नहीं पता। रजनी सवाल करती हैं कि जिस बन्दे ने दो बार यात्रा निकलवा दी, वो तीसरी बार लड़ाई क्यों करवाएगा?
रजनी ने बताया कि यहाँ पर इससे पहले कभी इस तरह की घटना नहीं हुई है।

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