नई दिल्ली : नए कृषि कानून को लेकर विपक्षी दलों के द्वारा किसानों को ठीक उसी प्रकार से सरकार के खिलाफ भड़काने का काम किया जा रहा है जैसे पिछले वर्ष एक सुनियोजित साजिश के तहत नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ एक माहौल तैयार करके देश के लोगों को भड़काया गया था जबकि आंदोलनकारियों को कानून के बारे में कोई जानकारी नहीं थी कि यह है क्या चीज़..? जब सच्चाई और हकीकत सामने आई तो जो लोग विपक्ष के चढ़ावे में आकर अपने ही देश को नुकसान पहुंचाने का काम कर रहे थे वह लोग शांत होकर बैठ गए। विधानसभा के चुनाव उत्तर प्रदेश में भी और पंजाब में भी आने वाले हैं बिहार में भी बहुत जल्दी चुनाव होना है इन्हीं परिस्थितियों के मद्देनजर एक रणनीति के तहत सपा बसपा कांग्रेस आरजेडी शिरोमणि अकाली दल, यह सभी दल अपनी खोई हुई राजनीतिक जमीन को वापस पाने के लिए हाथ पैर मार रहे हैं
कृषि विधेयक को बहाना बनाकर किसानों को बरगला कर उन्हें केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकार के खिलाफ भड़काने का प्रयास कर रहे हैं यह प्रयास घोर निंदनीय है किसान हित में केंद्र की 6 वर्ष की भाजपा सरकार ने और विभिन्न प्रदेशों की भाजपा सरकार ने जो कार्य कर दिए वह अपने आप में मिसाल है सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य( MSP) जारी रहेगी साथ ही किसानों को अपनी फसल का जहां सबसे अच्छा दाम मिलेगा वहां उन्हें उसे बेचने की पूरी आजादी होगी और इस प्रकार के कामों को करने की कुवत किसी भी गैर भाजपाई दल में नहीं है !!
विधेयकों के मुख्य प्रावधान
1- यह विधायक राज्यों की अधिसूचित मंडियों के अतिरिक्त राज्य के भीतर एवं बाहर देश के किसी भी स्थान पर किसानों को अपनी उपज निर्बाध रूप से बेचने के लिए अवसर एवं व्यवस्थाएं प्रदान करेगा.
2- किसानों को अपने उत्पाद के लिए कोई उपकर नहीं देना होगा और उन्हें माल ढुलाई का खर्च भी वहन नहीं करना होगा.
3- विधेयक किसानों को ई-ट्रेडिंग मंच उपलब्ध कराएगा जिससे इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से निर्बाध व्यापार सुनिश्चित किया जा सकें.
4- किसान खरीदार से सीधे जुड़ सकें जिससे बिचौलियों को मिलने वाले लाभ के बजाएं किसानों को उनके उत्पाद की पूरी कीमत मिल सकें.
5-इससे किसानों की पहुंच अत्याधुनिक कृषि प्रौद्योगिक कृषि उपकरण एवं उन्नत खाद बीज तक होगी.
6- किसी भी विवाद की स्थिति में उसका निपटारा 30 दिवस में स्थानीय स्तर पर करने की व्यवस्था की गई है.
7- ये विधेयक किसान को 3 दिन में भुगतान की गारंटी देता है.
किसानों के हित का संरक्षण
01- किसान अपनी फसल का सौदा सिर्फ अपने ही नहीं बल्कि दूसरे राज्यों के लाइसेंसी व्यापारियों के साथ भी कर सकते हैं इससे बाजार में प्रतिस्पर्धा होगी और किसानों को अपनी मेहनत के अच्छे दाम भी मिलेंगे.
02-किसान या व्यापारी इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से एक व्यापार क्षेत्र में राज्य के अंदर या दूसरे राज्यों के साथ व्यापार में शामिल हो सकते हैं.
03- इस विधेयक से देश भर में किसानों को बेचने के लिए वन नेशन” वन मार्केट” की अवधारणा को बढ़ावा मिलेगा.
04- अब किसान उपज से खाद उत्पाद बनाने वाली कंपनियों, थोक और फुटकर विक्रेताओं और निर्यातकों आदि के साथ उपज की बिक्री के लिए सीधे करार या व्यवसायिक समझौता कर सकेंगे.
05- खरीददार द्वारा उपयुक्त कृषि मशीनरी तथा उपकरण की व्यवस्था की जाएगी,
06- फसल उत्पादन के दौरान फसल पर किसान का मालिकाना हक बना रहेगा एवं फसल का बीमा कराया जाएगा तथा आवश्यकता होने पर किसान वित्तीय स्थानों से ऋण भी ले सकेगा, जब केंद्र सरकार किसानों को उनके अधिकार दे रही है, तो भी ये लोग विरोध पर उतर आए हैं। ये लोग चाहते हैं कि देश का किसान खुले बाजार में अपनी उपज नहीं बेच पाए।
जिन उपकरणों की किसान पूजा करता है, उन्हें आग लगाकर ये लोग अब किसानों को अपमानित कर रहे हैं !! किसानों का अपमान अब नहीं सहेगा हिंदुस्तान !!