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सरकार के अनुसार न चलने वाले लोगों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है: कुँवर दानिश अली

सरकार के अनुसार न चलने वाले लोगों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है: कुँवर दानिश अली

नई दिल्ली। लोकसभा में फाइनेंस बिल 2022 पर बोलते हुए अमरोहा लोकसभा से बसपा सांसद कुँवर दानिश अली ने देश के प्रधानमंत्री को विमुद्रीकरण के दौरान किये गए उनके वादे को याद दिलाते हुए सदन में कहा कि प्रधान मंत्री ने दो बहुत बड़े वादे किए थे। एक तो 8 नवम्बर, 2016 को रात 8 बजे जब उन्होंने रात में नोटबंदी का ऐलान किया और कहा कि हम नकदी रहित अर्थव्यवस्था की तरफ जा रहे हैं। जो आतंकवाद में पैसा जा रहा है, उसको रोकेंगे, मनी लॉन्ड्रिंग के स्रोत से जो पैसा आता है, वह रुकेगा, लेकिन अंततः क्या हुआ? जो 16 लाख करोड़ रुपये नकदी में इस्तेमाल होते थे, मुझे तो इस बात का ताज्जुब है कि बहुत दिनों तक आर.बी.आई. इस बात का आँकड़ा नहीं दे पाई कि कितना नकदी जमा हुआ है।
यह पता चला कि जो नकली नोट था, उसको भी हमारे भारत सरकार के बैंकों में ऐसे कालाबाजारी करने वाले ने जमा कर दिया, जो काला धन रखे हुए थे। 30,000 करोड़ रुपये से ज्यादा नकली पैसे भी जमा हो गए। मुझे पता नहीं कि ऐसे कितने बैंक के मैनेजर्स थे, जो मिले जुले थे और ऐसे कितने लोगों के ऊपर कार्रवाई हुई है। आज लगभग दोगुना नकदी बाजार में परिचालित है। करीब 29 लाख करोड़ रुपये मार्केट में परिचालित हो रहा है। इसकी उदाहरण अभी अभी उतर प्रदेश के अंदर चुनाव के दौरान देखने को मिली। जब एक उद्योगपति इत्र व्यापारी के यहाँ पैसा पकड़ा गया तो उसकी गिनती होने में कई दिन लगे। शुरू में, भारतीय जनता पार्टी का आई.टी. सेल बहुत सक्रिय रहता है, इसलिए उसने शुरू में कह दिया कि यह इत्र व्यापारी विपक्ष का है। लेकिन, बाद में यह पता चला कि वह जो व्यापारी था, उसका संबंध सत्ता पक्ष के लोगों से ही जुड़ा हुआ था। उसका कोई अस्वीकार्य नहीं आया। सत्ता पक्ष के घरों में कितना पैसा पकड़ा गया, यह किसी से छुपा हुआ नहीं है।
किसानों के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि इस सरकार ने यह तय किया था कि किसानों की आमदनी वर्ष 2022 में दोगुनी होगी। अभी हम स्वयं वर्ष 2022 में खड़े हैं। मैं स्वयं किसान हूँ। देश का किसान किस तरीके से दिल्ली के चारों तरफ कितने दिन तक बैठे रहे। सब जानते हैं कि आज किसानों की क्या दुर्दशा है। किसानों की आमदनी दोगुनी तो छोड़िए, जो उनकी लागत है, उस पर ही उनका और ज्यादा पैसा तथा लागत बढ़ गई है। सरकार की योजनाओं की हकीकत उजागर करते हुए दानिश अली ने कहा कि सरकार द्वारा उज्ज्वला योजना का बहुत ज्यादा ढिंढोरा पीटा गया। देखिए, इस सरकार का कितने अच्छे से गोल पोस्ट चेंज होता है, आपने सिलेंडर दे दिया, आपने रेगुलेटर दिया, लेकिन गैस कहाँ से आएगा?
अभी सत्ता पक्ष की एक सांसद कह रही थीं कि उस सिलेंडर में बायोगैस ले जाइए, गोबर गैस का प्लांट लगाइए। सत्ता पक्ष की एक सांसद ने यहाँ एक नया आविष्कार दिया।
सरकार हमेशा अपना गोल पोस्ट बदलती रही है। अभी देश के अंदर क्रिप्टो करेंसी की बहुत चर्चा चल रही है। सरकार यह तय करे कि क्या क्रिप्टो करेंसी को लीगलाइज़ करना है या नहीं करना है? एक चीज तय कर ली जाए कि क्या इस की अनुमति दी जा रही है? सरकार अपनी प्राथमिकता तय करे। ल
दूसरी बात यह है कि आज हम देख रहे हैं कि किस तरीके से एक डर का माहौल है, जो केंद्रीय एजेंसियां हैं, जो टैक्स एजेंसीज़ हैं, उनके द्वारा चुन चुन कर, जो विपक्ष के लोग हैं या जो ऐसे उद्योगपति हैं, जो सरकार के अनुसार नहीं चल रहे हैं, ऐसे लोगों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है।
आगे उन्होंने कहा कि अब मैं अपने 15 लाख रुपये का हिसाब नहीं ले रहा हूँ। सरकार ने वादा किया था कि अगर कालाधन लाएंगे तो हर किसी को 15 लाख रुपये देंगे। कम से कम मैंने इसकी उम्मीद छोड़ दी है। आपने कहा था कि स्विस बैंक से कालाधन लेकर आएंगे। अभी पिछले दिनों अखबार में यह छपा है कि किस तरीके से एक बड़े कॉरपोरेट हाउस की फैमिली का ट्रस्ट स्विस बैंक के अंदर था।

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