नई दिल्ली : सीएए के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में हुए जनप्रदर्शन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सार्वजनिक जगहों पर अनिश्चितकाल तक प्रदर्शन नहीं हो सकता है चाहे वो शाहीन बाग हो या कोई और जगह, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निर्धारित जगहों पर ही प्रदर्शन किया जाना चाहिए, आने-जाने के अधिकार को रोका नहीं जा सकता है, विरोध और आने-जाने के अधिकार में संतुलन जरूरी है.
गौरतलब है कि दिसंबर 2019 में मोदी सरकार ने संसद से सीएए पास किया था, जिसके तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले धार्मिक अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का प्रावधान किया गया, इस कानून को धर्म के आधार पर बांटने वाला बताकर दिल्ली से शाहीन बाग से लेकर देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन किए गए, शाहीन बाग में दिसंबर से मार्च तक कोरोना लॉकडाउन लगने तक सड़कों पर प्रदर्शन चला था, इसी मसले पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई, सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सार्वजनिक स्थानों और सड़कों पर अनिश्चितकाल तक कब्जा नहीं किया जा सकता है, केवल तय स्थानों पर ही प्रदर्शन होना चाहिए, कोर्ट ने ये भी कहा कि आवागमन का अधिकार अनिश्चितकाल तक रोका नहीं जा सकता.
कोर्ट ने ये भी कहा कि सार्वजनिक बैठकों पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता है लेकिन उन्हें निर्धारित क्षेत्रों में होना चाहिए, संविधान विरोध करने का अधिकार देता है लेकिन इसे समान कर्तव्यों के साथ जोड़ा जाना चाहिए, विरोध के अधिकार को आवागमन के अधिकार के साथ संतुलित करना होगा, सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में ये भी कहा कि प्रशासन को रास्ता जाम कर प्रदर्शन रहे लोगों को हटाना चाहिए, कोर्ट के आदेश का इंतजार नहीं करना चाहिए.
ब्यूरो रिपोर्ट, दिल्ली
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