नई दिल्लीः टीवी के मशहूर कलाकार मुकेश खन्ना इन दिनों अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में हैं। अब उन्होंने नए साल को लेकर बयान जारी किया है। उन्होंने नए साल को विदेशी साल बताया है। मुकेश खन्ना ने सोशल मीडिया साईट इंस्टाग्राम पर एक संदेश लिखा है, जिसमें उन्होंने नए साल मनाने वालों की आलोचना की है। मुकेश ने कहा कि ये विदेशियों का है।
उन्होंने कहा कि ना तो ये हमारे देश का नया साल है। ये विदेशियों का है। ना ये कंधे से कंधा मिला कर नाचने का काल है। ये कोरोना काल है। तो फिर कुल्लू मनाली के रोड की टनल पर हज़ारों कारों का हुजूम क्यों? उतर कर टनल में नाचने का हुड़दंग क्यों? विनाश काले विपरीत बुद्धि का इससे बड़ा उदाहरण और क्या हो सकता है!
मुकेश खन्ना ने कहा कि अहमदाबाद में चन्द रोज़ पहले बस स्टॉप पर जमा हज़ारों लोगों में से एक बन्दा टीवी कैमरा पर बोला “क्या है तुम्हारा कोरोना! मैं तुम्हारे कोरोना के साथ बैठ भी सकता, सो भी सकताहूँ , खाना भी खा सकता हूँ”। अब इस मंदबुद्धि को क्या नाम दिया जाए। मूर्ख या सिकंदर। यही लोग नया साल मनाने का दुस्साहस कर रहे हैं। कोरोना को दावत दे रहे हैं” आ कोरोना आ..मुझे मार“। मैं पूछना चाहता हूँ कि क्या ज़रूरी है? नया साल मनाना या ज़िंदगी बचाना?
उन्होंने कहा कि मैं इसे सरकार की भी नाकामयाबी समझूँगा जो इन्हें रोक नहीं पा रही। क्यों छोड़ दिया है प्रजा को कोरोना के भरोसे। मैं होता तो उस अहमेदाबादी बंदे को एक लाफ़ा मारता और सोशल डिस्टन्सिंग करवाता।
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