ग़ाज़ियाबाद
कोविड महामारी सरकारी से लेकर प्राइवेट अस्पतालों तक में एडमिट होने के लिए जगह नही है। मजबूर लोग किसी भी कीमत में अस्पताल में बेड लेने को तैयार हैं। ठगी करने वाले ऐसे लोगों की मजबूरी का फ़ायदा उठाने से भी नही चूक रहे हैं। गाजियाबाद की स्वाट टीम एवं शहर कोतवाली पुलिस की संयुक्त टीम ने कोविड 19 पीड़ित लोगों के साथ अस्पतालों मे भर्ती कराने के नाम पर लाखों रुपये ठगी करने वाले वाले ऐसे ही गिरोह का पर्दाफाश करते हुये 02 ठगों को गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से नगदी भी बरामद हुई है। गिरोह के बाक़ी सदस्यों की तलाश की जा रही है।
मामले की जानकारी देते हुए गाजियाबाद के एसपी सिटी फर्स्ट निपुण अग्रवाल ने बताया कि गाजियाबाद की स्वाट टीम और शहर कोतवाली पुलिस के संयुक्त अभियान के तहत एक ऐसे गैंग का पर्दाफाश किया गया है। जो कोरोना से पीड़ित लोगों को अस्पताल में बेड दिलाने के नाम पर उनके साथ ठगी किया करता था। पुलिस ने इस गैंग के मयंक पुत्र सतीश खन्ना,निवासी पटेलनगर थर्ड थाना सिहानी गेट तथा प्रदीप गौड़ पुत्र सत्यवीर सिंह,निवासी एच-4 संजयनगर थाने मधुबन बापूधाम गाजियाबाद को गिरफ़्तार किया है। इनके कब्जे से ₹195000 की नकदी भी बरामद की गई है। उन्होंने बताया कि इनका 5 लोगों का गिरोह है। जिसमें इनके अलावा तीन अन्य साथी यश मेहता, गौतम वार्ष्णेय और सतीश भी शामिल हैं, गैंग का सरगना मयंक है।
निपुण अग्रवाल ने ठगी के तरीके के बारे में जानकारी देते हुये बताया कि जो लोग कोविड-19 संक्रमण से ग्रसित होते हैं और उन्हें भर्ती करने के लिए अस्पताल में बेड उपलब्ध नहीं हो पाता है। ये ऐसे लोगों को एमएमजी अस्पताल, मैक्स अस्पताल व यशोदा अस्पताल तथा अन्य अस्पतालों के बाहर खड़े होकर भर्ती कराने आए लोगों को मदद करने के बहाने चिन्हित कर लेते थे। इसके अलावा यह गूगल ऐप पर जाकर मैक्स की साइट की कॉपी कर उससे अपना नंबर पेस्ट कर देते थे। जिससे उन नंबरों पर कोरोना पीड़ित लोगों की अस्पतालों में भर्ती करने की कॉल आती है। जिससे यह लोग डॉक्टर चिराग व डॉ अमित व अन्य अलग-अलग नाम के डॉक्टर बताकर या मैक्स अस्पताल के डॉक्टर होने का दावा कर लोगों से अस्पतालों में एडमिशन कराने के नाम पर लाखों की ठगी किया करते थे । मयंक एवं यश मेहता कभी डॉक्टर चिराग व कभी डॉक्टर अमित या अन्य अलग-अलग डॉक्टरों के नाम से मदद करने के नाम पर अस्पताल में आईसीयू बेड या वेंटीलेटर एवं अन्य सुविधा देने का विश्वास दिलाकर मैक्स अस्पताल में नियुक्त होने का दावा कर पीड़ित परिवार से मरीज का आधार कार्ड, आरटी पीसीआर रिपोर्ट, ऑक्सीजन लेवल व अन्य रिपोर्ट मोबाइल नंबर 9891844920 पर व्हाट्सएप मंगा लेते थे। जैसे ही मरीज के परिवार वाले सभी रिपोर्ट भेज दिया करते थे तो मयंक और यश मेहता डॉक्टर चिराग बनकर मैक्स अस्पताल में एडवांस रुपए मैक्स अस्पताल का अकाउंट नंबर बताकर ट्रांसफर करवा लेते थे। गैंग में शामिल सतीश लोगों से कॉल कर बात करने के लिए फर्जी आईडी के आधार पर सिम उपलब्ध कराता था।
एसपी सिटी ने बताया कि गौतम वार्ष्णेय पैसे मंगाए जाने के लिए अपना खाता संख्या उपलब्ध कराता था। खाता उपलब्ध कराए जाने के बदले ने ठगी कराए जाने की राशि का करीब 30% हिस्सा उसका होता था और बाकी ठगी गई राशि में यह चारों लोग आपस में बांट लेते थे। ठगी करने के बाद मोबाइल सिम व फर्जी आधार कार्ड को जलाकर तोड़कर पूरी तरह नष्ट कर देते थे।
एसपी सिटी ने बताया कि प्रदीप व मयंक से पूछताछ करने पर पता चला कि यह बी.कॉम की पढ़ाई किए हुए हैं।
अभी इनके अन्य साथी फरार हैं, जिनकी तलाश जारी है। उन्हें भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
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