अरविंद केजरीवाल ने की पुनर्विकसित की जा रही सड़कों की कार्य प्रगति की समीक्षा बैठक
- सीएम अरविंद केजरीवाल ने यूरोपीय शहरों की तर्ज पर विकसित की जा रहीं 540 किमी. सड़कों के प्रोजेक्ट को तय समय सीमा में पूरा करने के दिए निर्देश
- सीएम अरविंद केजरीवाल ने दौरा कर रिंग रोड स्थित श्रीनिवासपुरी में पायलट प्रोजेक्ट के तहत पुनर्विकसित की जा रही सड़क के कार्य का जायजा लिया
- सड़कों के सौदर्यीकरण कार्य के लिए टेंडर की प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी की जाए, ताकि 2023 तक पुनर्विकास कार्य पूरा किया जा सके- अरविंद केजरीवाल
- दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में पुनर्विकसित की जा रही 35 किमी सड़कों का साल के अंत तक पूरा होगा पुनर्विकास कार्य, सीएम ने इसके काम में और तेजी लाने के दिए निर्देश
नई दिल्ली
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पीडब्ल्यूडी विभाग को यूरोपीय शहरों की तर्ज पर खूबसूरत बनाई जा रही दिल्ली की 540 किमी. लंबी सड़कों के प्रोजेक्ट में तेजी लाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने दिल्ली के अलग- अलग इलाकों में विकसित की जा रहीं करीब 35 किलोमीटर लंबी सड़कों के सौंदर्यीकरण का कार्य तय समय सीमा के अंदर इस साल के अंत तक पूरा करने के निर्देश दिए। साथ ही, सीएम ने अधिकारियों को इसके काम में और तेजी लाने के निर्देश दिए। इस दौरान सीएम ने अन्य सड़कों के सौंदर्यीकरण कार्य के लिए टेंडर की प्रक्रिया जल्द पूरा करने के निर्देश दिए, ताकि 2023 तक पुनर्विकास कार्य को पूरा किया जा सके। मुख्यमंत्री ने यूरोपीय शहरों की तर्ज पर पुनर्विकसित की जा रहीं दिल्ली की करीब 540 किलोमीटर लंबी सड़कों के कार्य प्रगति की समीक्षा बैठक के दौरान यह दिशा-निर्देश दिए। दिल्ली सचिवालय में आयोजित बैठक में पीडब्ल्यूडी मंत्री सत्येंद्र जैन और विभाग के अधिकारी मौजूद रहे। वहीं, सीएम अरविंद केजरीवाल ने आज शाम दौरा कर रिंग रोड स्थित श्रीनिवासपुरी में यूरोपीय शहरों की तर्ज पर पुनर्विकसित की जा रही सड़क के कार्य का जायजा लिया।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने समीक्षा बैठक के दौरान यूरोपीय शहरो की तर्ज पर विकसित की जा रही सभी सड़कों के प्रोजेक्ट की प्रगति की एक-एक कर समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने पायटल प्रोजेक्ट के तहत खूबसूरत बनाई जा रही इन सड़कों के रीडिजाइनिंग कार्य की समीक्षा की। पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने बताया कि रीडिजाइन कर सड़कों को पुनर्विकसित करने का कार्य तेजी से चल रहा है और इसके लिए टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने प्रोजेक्ट में तेजी लाने के निर्देश देते हुए अधिकारियों से कहा कि प्राथमिकता के आधार पर इन सड़कों के पुनर्विकास कार्य को समय सीमा के अंदर पूरा किया जाए। उन्होंने टेंडर की प्रक्रिया शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए, ताकि तय समय सीमा के अंदर कार्य पूरा किया जा सके। अधिकारियों ने सीएम को आश्वस्त किया कि टेंडर की प्रक्रिया अगले एक-दो महीने में पूरी कर ली जाएगी और इस साल के मध्य तक कार्य शुरू हो जाएगा। अधिकारियों ने यह भी आश्वस्त किया कि सड़कों को रीडिजाइन कर विकसित करने का कार्य तय समय सीमा 2023 तक पूरा कर लिए जाने की पूरी उम्मीद है। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रोजेक्ट को पूरा करने की जो समय सीमा तय की गई है, उसके अंदर ही इसको पूरा किया जाना चाहिए।
वहीं, इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में करीब 35 किमी लंबी सड़कों को पुनर्विकास का कार्य शुरू हो चुका है और कई सड़कों पर काफी काम पूरा भी हो चुका है। रिंग रोड से आश्रम तक की करीब 5.5 किलोमीटर लंबी सड़क के पुनर्विकास का काफी काम पूरा हो गया है। वजीरपुर डिपो क्राॅसिंग से रिठाला मेट्रो स्टेशन तक करीब 6 किमी की सड़क के पुनर्विकास का कार्य भी तेजी से चल रहा है। पीतमपुरा के वेस्ट एन्क्लेव एरिया में रोड नंबर-43 के ब्रिटानिया चौक से आउटर रिंग रोड तक करीब 5.2 किमी लंबी सड़क पर भी काम चल रहा है। इसी तरह, शिवदासपुरी मार्ग-2 से पटेल रोड, मोती नगर टी प्वाइंट से पूसा और विकास मार्ग पर लक्ष्मी नगर चुंगी से कड़कड़ी मोड़ तक सड़क के सौंदर्यीकरण का कार्य चल रहा है। इन 35 किलोमीटर लंबी सड़कों का पुनर्विकास कार्य इसी साल के अंत तक पूरा किया जाना है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विभिन्न इलाकों में स्थित इन 35 किलोमीटर लंबी सड़कों के पुनर्विकास कार्य में तेजी लाई जाए, ताकि इस साल इसे पूरा किया जा सके।
सड़कों को री-डिजाइन कर दूर की जाएंगी समस्याएं
सड़कों के री-डीजाइन करने से बाटलनेक खत्म होंगे। अभी कोई सड़क चार लेन से तीन लेन की हो जाती है या छह लेन से चार लेन की हो जाती है। इससे अचानक सड़क पर एक जगह वाहनों का दबाव बढ़ जाता है और जाम की स्थिति पैदा हो जाती है। सड़कों के री-डिजाइन के बाद यह समस्या खत्म हो जाएगी और सड़क एक समान चौड़ी दिखेगी, इससे जाम की समस्या खत्म हो जाएगी। सड़क किनारे या आस-पास की सड़कों का स्पेस खत्म करके उस जगह का अच्छे से इस्तेमाल किया जाएगा। फुटपाथ, नाँन मोटर व्हीकल के लिए जगह बनाई जाएगी। कम से कम 5 फुट के फूटपाथ को बढ़ाकर अधिकतम 10 फुट का किया जाएगा। दिव्यांगों की सुविधा के मुताबिक फूटपाथ को डिजाइन किया जाएगा, ताकि सड़क एक जैसी दिखें और दिव्यांगों को परेशानी न हो।
सड़कों के किनारे बढ़ाई जाएगी हरियाली
दिल्ली में अभी सड़कों के किनारे हरियाली का दायरा कम है। सड़कों के री-डिजाइन के बाद फुटपाथ पर पेड़ लगाने के लिए जगह होगी और ग्रीन बेल्ट के लिए भी जगह होगी। ऑटो व ई-रिक्शा के लिए अलग से जगह और स्टैंड दिया जाएगा। सड़क के स्लोप व नालों को री-डिजाइन व री-कंस्ट्रक्ट किया जाएगा। नालों के अंदर री-हार्वेस्टिंग सिस्टम लगे होंगे। सड़क के स्लोप को ठीक किया जाएगा, ताकि बारिश के पानी को जमीन में री-चार्ज किया जा सके। स्ट्रीट फर्नीचर लगेंगे, जंक्शन को ठीक किया जाएगा और सड़क पर कोई खुला स्पेस नहीं होगा। सड़क किनारे घास या पेड़ लगाया जाएगा और सड़कों को री-सर्फेस किया जाएगा।
सड़कों पर घास लगा कर खत्म किया जाएगा धूल का प्रदूषण
सड़कों के री-डिजाइन के बाद सड़क के आस-पास एक इंच जमीन भी खाली नहीं होगी, जहां पर घास न लगी हो, ताकि सड़क पर धूल से प्रदूषण बिल्कुल न हो। अभी सड़कों पर धूल उड़ने की समस्या है, जिससे लोगों को धूल प्रदूषण की समस्या होती है। सड़क के किनारे खाली जमीन पर ग्रीन बेल्ट या घास लगाई जाएगी, ताकि हरियाली की वजह से सड़कें खूबसूरत दिखें और धूल से होने वाला प्रदूषण कम किया जा सके।
री-डिजाइन सड़कों पर यह प्रमुख सुविधाएं होंगी
- रिक्शा के लिए पार्किंग
- पार्किंग के लिए स्थान चिंहित
- ग्रीन बेल्ट
- पब्लिक ओपन स्पेस
- साइकिल लेन
- पैदल पथ लेन
- सड़क की दीवारों पर विभिन्न तरह की डिजाइन का डिस्प्ले होगा।
- सड़क के बगल में पार्क होगा तो उसे दीवार से ढका नहीं जाएगा, ताकि सड़क से पार्क की खूबसूरती दिखे।