अरविन्द सरकार की लापरवाही के चलते डीटीसी बेड़ा खाली होता जा रहा है: चौ0 अनिल कुमार
नई दिल्ली
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि 70 वर्ष के इतिहास में पहली बार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के कार्यकाल में डीटीसी बेड़े के अन्तर्गत चलने वाली सभी बसें ओवरएज़ हो चुकी हैं। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने सत्ता में आने से पूर्व चुनाव घोषणा पत्र में डीटीसी बसें बढ़ाने के झूठे वायदे किए थे, जबकि 7 वर्षों में एक भी बस नही खरीदी गई। चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि अरविन्द सरकार की लापरवाही और भ्रष्टाचार के कारण डीटीसी बोर्ड का यह बयान सार्थक हो जाएगा कि 2025 तक डीटीसी की एक भी बस रोड पर नही रहेगी।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल सरकार द्वारा 1000 बसों की खरीद पर हुए 4288 करोड़ के भ्रष्टाचार के खिलाफ दिल्ली कांग्रेस ने केन्द्रीय सर्तकता आयोग और सीबीआई में जांच कराने के लिए अपील दर्ज कराई थी। चौ0 अनिल कुमार ने पूछा कि केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह डीटीसी घोटाले में अरविन्द केजरीवाल की संलिप्तता पर चुप क्यों बैठे हैं। गृहमंत्री को डीटीसी में हुए 4288 करोड़ के भ्रष्टाचार पर तुरंत हस्तक्षेप करके जांच के आदेश दें। उन्होंने कहा कि गृहमंत्री डीटीसी बस खरीद के साथ-साथ नई बसों के मेंटेनेन्स घोटाले पर भी जांच कराएं, क्योंकि कोई भी कम्पनी बसें उपलब्ध कराने के बाद 3 वर्षों की वांरटी नियम के तहत देती है, फिर केजरीवाल सरकार ने 3413 करोड़ का मेंटेनेन्स टेंडर क्यों निकाला।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि अरविन्द सरकार के निकम्मेपन और गैरजिम्मेदाराना रवैये के चलते डीटीसी बेड़े में सिर्फ 2800 बसें ही रह गई है, जबकि दिल्ली में जनता लगातार बढ़ने के हिसाब से 11000 बसों की जरुरत है। उन्होंने कहा कि अरविन्द केजरीवाल का फ्री सफर का नारा कैसे संभव होगा, जब सड़कों पर डीटीसी की बसें ही नही चलेंगी। उन्होंने कहा कि ओवरएज बसों का सड़कों पर चलाना यातायात नियमों के खिलाफ है, जिसके प्रति दिल्ली सरकार का रवैया असंवेदनशील है। उन्होंने कहा कि अरविन्द केजरीवाल और भाजपा द्वारा हुए भ्रष्टाचार के कारण दिल्ली की परिवहन व्यवस्था ध्वस्त हो गई और पूरे शासन काल में एक भी डीटीसी बस नही खरीदी गई। उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता जानती है कि भ्रष्टाचार में आम आदमी पार्टी और भाजपा दोनो बराबर की दोषी हैं।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि कांग्रेस की दिल्ली सरकार ने 15 वर्ष दिल्ली की सत्ता संभाली और डीटीसी बेड़े को सीएनजी युक्त करके 2013 में लगभग 4700 बसें डीटीसी बेड़े में छोड़ी थीं, जिनमें अधिकतर सीएनजी लो-फ्लोर बसें थीं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में अरविन्द केजरीवाल सरकार के कार्यकाल में आधी से भी कम रह गई हैं और डीटीसी मुक्त दिल्ली होने की खतरे की घंटी है कि डीटीसी की सभी बसे ओवरएज हो चुकी हैं, क्योंकि डीटीसी की 99 प्रतिशत सीएनजी लो-फ्लोर बसे तकनीकी परिचालन सीमा पार कर चुकी हैं। जवाहरलाल नेहरु राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन जेएनएनयूआरएम के तहत अनुबंधों के अनुसार लो-फ्लोर सीएनजी बस की अधिकतम परिचालन का समय 12 वर्ष/75 लाख किमी0 है।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को सत्ता की भूख को कम करके दूसरे राज्यों में राजनीतिक प्रचार की जगह दिल्ली में प्रशासनिक सुव्यवस्था कायम करने के काम करना चाहिए। उन्हांने कहा कि आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार के चलते दिल्ली बेहाल हो चुकी है। जिसमें डीटीसी में भ्रष्टाचार के कारण लगातार बसों की गिनती कम होना एक संवेदनशील जनता की जरुरतों से जुड़ा मुद्दा है। जिस पर दिल्ली सरकार को तुरंत गौर करना चाहिए।