केंद्र सरकार दिल्ली को रोजाना 730 मीट्रिक टन से अधिक ऑक्सीजन उपलब्ध कराए, सिर्फ एक दिन के लिए अतिरिक्त इंतजाम ना करे: राघव चड्ढा

  • दिल्ली की जरूरत 976 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की है, केंद्र सरकार ने पहली बार 75 फीसदी ऑक्सीजन दी है, हमें भरोसा है कि हाईकोर्ट-सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद पूरी 976 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिलेगी- राघव चड्ढा
  • पिछले कुछ दिनों से लगातार दिल्ली को 250 से 400 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिल रही थी, न्यायालय के निर्देश के बाद पहली बार केंद्र सरकार ने 730 मीट्रिक टन ऑक्सीजन दी है- राघव चड्ढा
  • दिल्ली को 730 मीट्रिक टन ऑक्सीजन में से 33 फीसदी ऑक्सीजन निर्धारित प्लांटों से नहीं दी है, हाईकोर्ट-सुप्रीम कोर्ट के दबाव में अतिरिक्त इंतजाम किया गया है- राघव चड्ढा
  • दिल्ली को 75 फीसदी ऑक्सीजन मिलने से एसओएस कॉल में कमी आयी है, रोजाना आने वाले 40-50 एसओएस कॉल की जगह मात्र 16 फोन आए हैं- राघव चड्ढा
  • केजरीवाल सरकार ने सभी 16 एसओएस कॉल की दिक्कतों को दूर किया, 16 अस्पतालों में भर्ती 2777 लोगों को ऑक्सीजन की कमी नहीं होने दी- राघव चड्ढा

नई दिल्ली, 06 मई, 2021
आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता और विधायक राघव चड्ढा ने पांच मई का ऑक्सीजन बुलेटिन जारी करते हुए कहा कि केंद्र सरकार दिल्ली को रोजाना 730 मीट्रिक टन से अधिक ऑक्सीजन उपलब्ध कराए। सिर्फ एक दिन के लिए अतिरिक्त इंतजाम ना करे। दिल्ली की जरूरत 976 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की है। केंद्र सरकार ने पहली बार दिल्ली को 75 फीसदी ऑक्सीजन दी है। हमें भरोसा है कि हाईकोर्ट-सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद पूरी 976 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिलेगी। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों से दिल्ली को 250 से 400 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिल रही थी। हाईकोर्ट-सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के चलते पहली बार केंद्र सरकार ने 730 मीट्रिक टन ऑक्सीजन दी है। दिल्ली को 730 मीट्रिक टन ऑक्सीजन में से 33 फीसदी ऑक्सीजन निर्धारित प्लांटों से नहीं दी है बल्कि हाईकोर्ट-सुप्रीम कोर्ट के दबाव में अतिरिक्त इंतजाम किया गया है। राघव ने कहा कि दिल्ली को 75 फीसदी ऑक्सीजन मिलने से एसओएस कॉल में कमी आयी है। रोजाना आने वाली 40-50 एसओएस कॉल की जगह मात्र 16 फोन आए हैं। केजरीवाल सरकार ने सभी 16 एसओएस कॉल की दिक्कतों को दूर किया और 16 अस्पतालों में भर्ती 2777 लोगों को ऑक्सीजन की कमी नहीं होने दी।
आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता और विधायक राघव चड्ढा ने गुरुवार को पांच मई का ऑक्सीजन बुलेटिन जारी किया। राघव चड्ढा ने कहा कि दिल्ली में निजी अस्पताल, सरकारी अस्पताल और छोटे नर्सिंग होम को इस समय रोजाना 976 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत होती है। पिछले कुछ दिनों से केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली को लगातार 250, 300, 350 और 400 मीट्रिक टन तक ऑक्सीजन दी जा रही थी। यानि कि दिल्ली की मांग के मुकाबले आधी से भी कम ऑक्सीजन केंद्र सरकार की ओर से दी जा रही थी। लेकिन हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद पहली बार केंद्र सरकार की ओर से कल 730 मीट्रिक टन ऑक्सीजन दी गई है। हमारी 976 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरुरत के मुकाबले 730 में टन ऑक्सीजन दी गई है। यानी कि हमारी जरूरत के मुकाबले 75 फीसदी ऑक्सीजन दी गई है। इसके लिए केंद्र सरकार का बहुत-बहुत धन्यवाद कि पिछले कई दिनों से की जा रही आपूर्ति से थोड़ा अधिक ऑक्सीजन दिल्ली को उपलब्ध कराई है।
राघव चड्ढा ने कहा कि दिल्ली को जो 730 मीट्रिक टन ऑक्सीजन दी गई है वो दिल्ली के लिए निर्धारित ऑक्सजीन प्लांटों से नहीं दी गई है। किसी दवाब के चलते जुगाड़ से अतिरिक्त इंतजाम कर दूसरे राज्य की ऑक्सीजन दिल्ली भेजी है। इसके जरिए दिल्ली की एक दिन की ऑक्सीजन की जरुरत को पूरा करने की कोशिश की गई है। हम किसी की बुराई नहीं कर रहे हैं लेकिन सही जानकारी आपको बताता हूं कि 730 मीट्रिक टन ऑक्सीजन में से 250 मीट्रिक टन ऑक्सीजन हमारे निर्धारित प्लांटों से नहीं आयी है। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के दबाव में अतिरिक्त इंतजाम किया गया है। किसी दूसरे राज्य के जाते हुए ऑक्सीजन टैंकरों को दिल्ली भेज दिया गया है।
राघव चड्ढा ने कहा कि हम केंद्र सरकार से निवेदन करते हैं कि 250 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का जो अतिरिक्त इंतजाम किया गया है उसे स्थाई कर दीजिए। दिल्ली के लिए आवंटित नियमित स्रोतों से जोड़ दीजिए, केवल एक बार का इंतजाम मत करिए। हमें जहां से 5 मई को ऑक्सीजन मिली है वहां से रोजाना मिलती रहे। ऐसा नहीं है कि 1 दिन 730 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिल गई तो कल और परसो जरूरत नहीं पड़ेगी। हमारी जरूरत 976 मीट्रिक टन की है जो कि रोजाना दिल्ली को चाहिए। यह कोई 1 दिन या एक सप्ताह की नहीं बल्कि रोजाना की जरुरत है। केंद्र सरकार से विनती है की 730 मीट्रिक टन ऑक्सीजन हमें रोजाना उपलब्ध कराइये।
उन्होंने कहा कि दिल्ली को 75 फीसदी ऑक्सीजन मिलने से एसओएस कॉल भी बहुत कम आए हैं। अस्पतालों में ऑक्सीजन खत्म हो रही है इस प्रकार के इमरजेंसी एसओएस कॉल केजरीवाल सरकार के ऑक्सीजन वार रूम में आते हैं। लेकिन 5 मई को काफी कम कॉल आए। जहां रोजाना 40 से 50 एसओएस कॉल आती थीं वहीं कल मात्र 16 फोन कॉल आई हैं। केजरीवाल सरकार ने सभी 16 एसओएस कॉल की दिक्कतों को दूर किया। उनकी जो भी चुनौतियां थी उनको सुलझाया है। हमदर्द नगर स्थित मजीदिया अस्पताल, वसंत कुंज स्थित इंडियन स्पाइनल अस्पताल आदि अस्पतालों में रिजर्व ऑक्सीजन से सिलेंडर और लिक्विड ऑक्सीजन पहुंचा कर व्यवस्था को दुरुस्त किया। एसओएस कॉल करने वाले इन 16 अस्पतालों में 2777 ऑक्सीजन के बेड हैं, यानी कि इतने मरीज उन पर भर्ती थे। हमने समय से ऑक्सीजन पहुंचा कर 2777 लोगों को ऑक्सीजन की कमी नहीं होने दी।
राघव चड्ढा ने कहा कि ऑक्सीजन की आपूर्ति जैसे-जैसे बढ़ेगी वैसे-वैसे एसओएस कॉल और आपातकालीन हालात कम होते जाएंगे। हमारी ऑक्सीजन आपूर्ति को केंद्र सरकार जैसे-जैसे बढ़ाएगी उतनी ही आरामदायक स्थिति दिल्ली में ऑक्सीजन को लेकर हो जाएगी। केंद्र सरकार से हाथ जोड़कर अनुरोध है कि दिल्ली को 730 मीट्रिक टन से अधिक ऑक्सीजन रोजाना उपलब्ध कराएं। सिर्फ एक दिन के लिए अतिरिक्त इंतजाम ना करें। मुझे पूरा विश्वास है हाईकोर्ट-सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद केंद्र सरकार दिल्ली को पूरी 976 मीट्रिक टन ऑक्सीजन बहुत जल्द उपलब्ध कराएगी।

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