केंद्र सरकार से युवाओं के लिए मिली वैक्सीन खत्म होने के कारण दिल्ली में आज से युवाओं का वैक्सीनेशन बंद: अरविंद केजरीवाल

नई दिल्ली, 22 मई, 2021
केंद्र सरकार से दिल्ली को वैक्सीन नहीं मिलने और दी गई वैक्सीन खत्म होने के कारण दिल्ली सरकार को दिल्ली में आज से युवाओं का वैक्सीनेशन बंद करना पड़ रहा है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने बताया कि वैक्सीन खत्म होने के कारण हमें वैक्सीनेशन सेंटर बन्द करने का बेहद दुख है। केंद्र से वैक्सीन जैसे ही वैक्सीन मिलेगी, सेंटर चालू हो जाएंगे। सीएम ने देश में वैक्सीन की उपलब्धता तुरंत बढाने के लिए केंद्र सरकार को चार सुझाव भी दिए। सीएम ने कहा कि केंद्र सरकार भारत बायोटेक से फार्मूला लेकर वैक्सीन बनाने वाली दूसरी कंपनियों को दे और तत्काल उन्हें उत्पादन शुरू करने के लिए आदेश दे। विदेशी वैक्सीन का भारत में इस्तेमाल की इजाजत दी जाए और राज्यों की जगह केंद्र सरकार खुद विदेशी कंपनियों से वैक्सीन खरीदे। जिन देशों ने अपनी जनसंख्या से अधिक वैक्सीन जमा कर रखा है, केंद्र सरकार उनसे लेने का अनुरोध करे और विदेशी कंपनियों को भी भारत में वैक्सीन बनाने की अनुमति दी जाए। सीएम ने कहा कि दिल्ली में 3 महीने में सभी का वैक्सीनेशन करने के लिए हर महीने 80 लाख वैक्सीन की जरूरत है, लेकिन केंद्र ने दिल्ली का जून का कोटा घटाकर 8 लाख डोज कर दी है। अगर दिल्ली को हर महीने 8 लाख वैक्सीन मिली तो, सभी वयस्क लोगों का वैक्सीनेशन करने में 30 महीने लग जाएंगे। तब तक कोरोना की न जाने कितनी लहरें आएंगी और न जाने कितने और लोगों की मौतें हो जाएगी।

दिल्ली में कोरोना की रफ्तार काफी धीमी हुई, पिछले 24 घंटे में केवल 2200 केस आए हैं और संक्रमण दर घटकर 3.50 फीसद रह गई है- अरविंद केजरीवाल

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मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कोरोना के घटते मामलों और दिल्ली में वैक्सीन खत्म होने के सम्बंध में दिल्ली निवासियों से जानकारी साझा की। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में कोरोना की रफ्तार काफी कम हो गई है। पिछले 24 घंटे में दिल्ली में केवल 2200 कोरोना के केस आए हैं। पिछले 24 घंटे में संक्रमण दर भी घटकर केवल 3.50 फीसद रह गई है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि कोरोना का खतरा टल गया है। कोरोना का खतरा अभी भी है। हमें कोरोना से बचने के सभी उपाय करने हैं।

दिल्ली में आज से युवाओं का वैक्सीनेशन बंद, केंद्र सरकार से युवाओं के लिए मिली वैक्सीन खत्म हो गई है- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में वैक्सीन खत्म होने के सम्बंध में कहा कि आज से दिल्ली में युवाओं का वैक्सीनेशन बंद हो गया है। केंद्र सरकार ने युवाओं के लिए जितने वैक्सीन भेजे थे, वह खत्म हो गए हैं। इसीलिए युवाओं के वैक्सीनेशन सेंटर आज से बंद किए जा रहे हैं। कुछ एक वैक्सीन के डोज बची हैं, जो कुछ वैक्सीनेशन सेंटर में दी जा रही हैं और वह भी शाम तक खत्म हो जाएंगी। कल से दिल्ली में युवाओं के वैक्सीनेशन के सभी सेंटर बंद हो जाएंगे।

वैक्सीन खत्म होने के कारण हमें वैक्सीनेशन सेंटर बन्द करने का बेहद दुख है, केंद्र से वैक्सीन मिलने पर सभी सेंटर चालू हो जाएंगे- अरविंद केजरीवाल

सीएम ने आगे कहा कि मुझे बेहद दुख है कि हमें वैक्सीन खत्म होने के कारण कोरोना वैक्सीनेशन सेंटर को बंद करने पड़ रहे हैं। हमने केंद्र सरकार को भी लिख कर बताया है। हमने केंद्र सरकार से और वैक्सीन मांगी है। जैसे ही हमें और वैक्सीन मिलेगी, हम फिर से यह सेंटर शुरू कर देंगे। दिल्ली को हर महीने 80 लाख वैक्सीन की डोज की जरूरत है। इसके मुकाबले मई में हमें केवल 16 लाख वैक्सीन की डोज मिली। वहीं, जून के महीने के लिए केंद्र सरकार ने दिल्ली का कोठा और भी कम कर दिया है। केंद्र सरकार से हमें जो चिट्ठी आई है, उसके मुताबिक, जून में दिल्ली को केवल 8 लाख वैक्सीन की डोज दी जाएगी, जबकि मई महीने में 16 लाख वैक्सीन की डोज दी गई थी।

तीसरी लहर से दिल्ली और देश को बचाने के लिए कम से कम समय में अधिक से अधिक लोगों को वैक्सीन की सुरक्षा दी जाए- अरविंद केजरीवाल

सीएम ने कहा कि अभी तक हम दिल्ली में कुल 50 लाख वैक्सीन की डोज लगा चुके हैं और दिल्ली के सभी वयस्क को वैक्सीन लगाने के लिए हमें ढाई करोड़ और वैक्सीन की डोज चाहिए। अगर हम इसी रफ्तार से चले और दिल्ली को हर महीने 8 लाख वैक्सीन मिली तो, दिल्ली के वयस्क लोगों को वैक्सीन लगाने में 30 महीने लग जाएंगे। बल्कि इससे भी ज्यादा महीने लग जाएंगे। तब तक तो न जाने कितनी कोरोना की लहरें आएंगे और न जाने कितनी और लोगों की मौतें हो जाएगी। तीसरी लहर से दिल्ली और देश को बचाने का एक ही तरीका है कि कम से कम समय में अधिक से अधिक लोगों को वैक्सीन की सुरक्षा दी जाए। बेड, आईसीयू, ऑक्सीजन और दवाई आदि इन सब की तैयारी तो हम लोग कर रहे हैं, लेकिन कोरोना के घातक असर से बचाने में वैक्सीन ही सबसे ज्यादा असरदार हथियार है।

अगर देश में किसी पिता, बेटे, भाई, मां या बहन के सामने यह धर्म संकट है कि वह खुद वैक्सीन ले या अपने परिवार के युवाओं के लिए छोड़ दें, तो इससे ज्यादा दुखद बात और क्या हो सकती है? – अरविंद केजरीवाल

सीएम ने कहा कि वैक्सीन की कमी केवल सरकार की चिंता नहीं है, बल्कि आम आदमी भी वैक्सीन के संकट से बहुत डरा हुआ है। कल एक अम्मा का फोन आया। वह बोली कि मुझे और मेरे बेटे को वैक्सीन लगवानी है। मैंने उनसे पूछा कि आप दोनों की कितनी उम्र है। अम्मा ने बताया कि मेरी उम्र 65 साल है और मेरे बेटे की उम्र 35 साल है। मैंने कहा कि युवाओं की वैक्सीन तो खत्म हो गई है, लेकिन आपको लगवा दूंगा। थोड़ा सोच कर उन्होंने बोला कि मेरी वाली वैक्सीन मेरे बेटे को लगवा दें। बेटा नौकरी के लिए घर से बाहर जाता है। मैं तो बूढ़ी हो गई हूं। उसे तो आगे परिवार भी संभालना है। इसलिए उसका सुरक्षित रहना जरूरी है। यह सुनकर दिल में बहुत पीड़ा हुई। आज वैक्सीन की कमी की वजह से देश में बेहद मुश्किल हालात पैदा हो गए हैं। अगर देश में किसी पिता, किसी बेटे, किसी भाई किसी मां, किसी बहन के सामने यह धर्म संकट है कि वह खुद वैक्सीन ले या अपने परिवार के युवाओं के लिए छोड़ दें, तो इससे ज्यादा दुखद बात और क्या हो सकती है?

सीएम अरविंद केजरीवाल ने देश में वैक्सीन की उपलब्धता तुरंत बढाने के लिए केंद्र सरकार को 4 सुझाव दिए

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कोरोना से लोगों की जान बचाने के लिए हमें देश में वैक्सीन की उपलब्धता तुरंत बढ़ानी पड़ेगी। इसके लिए केंद्र सरकार को मेरे चार सुझाव हैं।

पहला– भारतीय बायोटेक कंपनी, जो कोवैक्सिन बनाती है। वह अपनी वैक्सीन का फार्मूला दूसरी कंपनियों देने को तैयार हो गई है। देश में वैक्सीन बनाने वाली ढेरों कंपनियां हैं। केंद्र सरकार तुरंत उन सभी कंपनियों को बुलाएं। उनसे अनुरोध न करें, बल्कि उन्हें आदेश दें कि वह सभी कंपनियां युद्ध स्तर पर समय बद्ध तरीके से वैक्सीन बनाना तुरंत चालू करें। मैं पूरी विनम्रता के साथ कहना चाहता हूं कि इन सभी कंपनियों को अगले 24 घंटे में बुलाकर यह आदेश दिए जाएं। मेरी बात को अन्यथा न लिया जाए। इस वक्त एक-एक दिन कीमती है। इसलिए मैं यह बात कह रहा हूं।

विदेशी वैक्सीन का भारत में इस्तेमाल की इजाजत दी जाए, राज्यों की जगह केंद्र सरकार खुद खरीदे- अरविंद केजरीवाल

दूसरा– जितनी भी विदेशी वैक्सीन है, उनको भारत में इस्तेमाल करने की तुरंत इजाजत दी जाए। यह 24 घंटे के अंदर किया जाना चाहिए। इसमें भी बिल्कुल देरी न की जाए। विदेशी वैक्सीन के जितने भी निर्माता हैं, उनसे भारत सरकार बात करें। अभी भारत सरकार ने राज्यों पर छोड़ दिया है कि राज्य बात करें। हर राज्य अपने-अपने स्तर पर विदेशी कंपनी वालों से बात करें। यह कोई अच्छा लगता है। भारत के 36 राज्य और केंद्र यूनियन टेरिटरी हैं। ये हर कंपनी के सामने जाकर आपस में लड़ रहे हैं। महाराष्ट्र, हरियाणा से लड़ रहा है, हरियाणा, दिल्ली से लड़ रहा है। सब के सब विदेशी कंपनियों के सामने आपस में लड़ रहे हैं। इससे विदेशों में भारत की क्या छवि बन रही है? भारत सरकार उनसे वैक्सीन खरीदेगी, तो यह कंपनियां भारत सरकार को बहुत ज्यादा गंभीरता से लेंगी और फिर भारत सरकार तो सीधे इन कंपनियों के देशों की सरकारों से भी बात कर सकती है। भारत सरकार जब उन कंपनियों से बात करेगी, तो भारत सरकार कई सौ करोड़ की वैक्सीन खरीदने की बात करेगी। जाहिर है कि यह कंपनियां भारत सरकार से कहीं ज्यादा अच्छे से बात करेंगी। इसलिए भारत सरकार को इन कंपनियों से वैक्सीन खरीद कर राज्य सरकारों को बांट देनी चाहिए।

तीसरा– मीडिया में आ रहा है कि कुछ देश ऐसे हैं, जिन्होंने जरूरत से ज्यादा वैक्सीन जमा कर रखी है। उनकी जनसंख्या जितनी है, उससे कही ज्यादा वैक्सीन स्टोर कर के रखे हुए हैं। उन देशों से भारत सरकार को वैक्सीन लेने के लिए गुजारिश करनी चाहिए।

चौथा– यह जितनी विदेशी कंपनियां वैक्सीन उत्पादक हैं, उन्हें भारत में भी वैक्सीन उत्पादन करने की तुरंत अनुमति दी जाए।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मेरा केंद्र सरकार से यही अनुरोध है कि दिल्ली को तुरंत वैक्सीन उपलब्ध करवाई जाए, ताकि हम फिर से वैक्सीन लगाना शुरु करें और अपने सभी वैक्सीनेशन सेंटर खोलें। साथ ही, दिल्ली का वैक्सीन का कोटा भी बढ़ाया जाए। कोरोना की इस लहर में सबसे ज्यादा युवा जिंदगियों का नुकसान हुआ है। सबसे ज्यादा युवाओं की मौत हुई है और दिल्ली में इस वक्त युवाओं के कोटे की वैक्सीन खत्म हो गई है।

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