प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में दिल्ली कोरोना मॉडल को अपनाने का सुझाव दिया-आतिशी
- प्रधानमंत्री ने दिल्ली सरकार के कोरोना के 3 मुख्य कदम होम आइसोलेशन, अग्रेसिव टेस्टिंग और माइक्रो कंटेनमेंट जोन को पूरे देश में लागू किया-आतिशी
- गृहमंत्री ने पिछले साल दिल्ली सरकार के होम आइसोलेशन के कदम को ठुकराया था, अब प्रधानमंत्री होम आइसोलेशन को पूरे देश में बढ़ावा दे रहे हैं-आतिशी
- आज जब पूरे देश में प्रतिदिन 13 लाख टेस्ट हो रहे हैं तो उसमें से एक लाख टेस्ट प्रतिदिन सिर्फ दिल्ली में हो रहे हैं-आतिशी
- आज प्रधानमंत्री देशभर के मुख्यमंत्रियों को कह रहे हैं कि जो दिल्ली ने कोरोना में करके दिखाया है वह आप अपने राज्यों में भी कीजिए-आतिशी
नई दिल्ली
‘आप’ विधायक आतिशी ने कहा कि जिस तरह से दिल्ली के मॉडल को पूरे देश में पहचाना जा रहा है, प्रधानमंत्री ने कोविड को नियंत्रित करने के लिए भी दिल्ली मॉडल को पहचाना है।प्रधानमंत्री ने देश के अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ कल बैठक कर कहा कि जो दिल्ली ने कोरोना में करके दिखाया है वह आप अपने राज्यों में भी कीजिए। आतिशी ने खुशी जताते हुए कहा कि गृहमंत्री ने पिछले साल दिल्ली सरकार के होम आइसोलेशन के कदम को ठुकराया था, आज खुद प्रधानमंत्री उस कदम को पूरे देश में बढ़ावा दे रहे हैं। होम आइसोलेशन की शुरुआत के बाद ही लोगों में टेस्ट करवाने का कॉन्फिडेंस आया। आज जब पूरे देश में प्रतिदिन 13 लाख टेस्ट हो रहे हैं तो उसमें से एक लाख टेस्ट प्रतिदिन सिर्फ दिल्ली में हो रहे हैं। मोदी ने केजरीवाल के इस अग्रेसिव टेस्टिंग के कदम को भी सराहा है। प्रधानमंत्री ने दिल्ली सरकार के तीसरे और जरूरी कदम कंटेनमेंट जोन को भी पूरे देश में बढ़ावा देने की हिदायत दी है। आज सिर्फ दिल्ली की जनता ही नहीं बल्कि केंद्र सरकार भी दिल्ली सरकार के सभी प्रयासों को पहचान रही है।
आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता एवं विधायक आतिशी ने शुक्रवार को प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि, देश में कोविड के बढ़ते मामलों की वजह से कल प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने देश में अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की। बैठक में मोदी जी ने अलग-अलग राज्यों को आगे बढ़ते हुए कोरोना के मामलों को बढ़ने से रोकने के लिए क्या-क्या करना चाहिए, उसके लिए अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्रियों को कई हिदायतें दी। हमें इस बात की खुशी है कि दिल्ली ने कोरोना को नियंत्रित करने के लिए जो अनेकों कदम उठाए हैं, कोरोना का जो पहला चरण था, उसको दिल्ली सरकार और दिल्ली के लोगों ने जिस तरह से नियंत्रित किया और जो कदम उठाए, आज प्रधानमंत्री जी वो सारे कदम पूरे देश को उठाने को कहा रहे हैं। तो हमें इस बात की खुशी है कि जिस तरह अलग-अलग क्षेत्रों में, चाहे वो शिक्षा हो, स्वास्थ्य हो, महिलाओं के किए फ्री बस यात्रा हो, जिस तरह से दिल्ली के मॉडल को पूरे देश में पहचाना जा रहा है और अलग-अलग राज्यों में लागू किया जा रहा है, प्रधानमंत्री ने कोविड को नियंत्रित करने के लिए भी दिल्ली मॉडल को पहचाना है।
आतिशी ने कहा, तो दिल्ली सरकार ने ऐसे क्या कदम उठाए हैं जो आज प्रधानमंत्री देश के सभी राज्यों को उठाने के लिए कह रहे हैं। सबसे पहला कदम होम आइसोलेशन है। दिल्ली सरकार पहली ऐसी सरकार थी जिसने अग्रेसिव रूप में होम आइसोलेशन की शुरुआत की। जिस ने कहा कि जो एसिंप्टोमेटिक मरीज हैं, जो हल्के लक्षणों वाले मरीज हैं उन्हें अस्पताल जाने की कोई जरूरत नहीं है। उन्हें क्वारंटाइन सेंटर में जाने की कोई जरूरत नहीं है। वह घर में रह सकते हैं। हमारे कर्मचारियों द्वारा उनको घर जाकर समझाया जाता था कि किस तरह से आइसोलेशन का पालन करना है। उन्हे सरकार द्वारा ऑक्सीमीटर दिया जाता था और सरकार ने टेलीमेडिसिन कंपनी को नियुक्त किया था जो रोज़ इन मरीजों को कॉल करती थी और उनके स्वास्थ्य का जायज़ा लेती थी और जिनके डॉक्टर दिल्ली में होम आइसोलेशन वाले जो मरीज हैं उनसे किसी भी वक्त संपर्क कर सकते थे कि अगर उन्हें अपने स्वास्थ्य को लेकर कोई सवाल हो। क्योंकि कोरोना के वक्त मरीज परेशान भी था इसलिए हमने कोरोना मरीजों के लिए एक हेल्पलाइन नंबर दिया था। हालांकि उस समय, आप लोगों को ये भी याद होगा कि 19 जून को हमारे गृहमंत्री अमित शाह जी ने होम आइसोलेशन के कदम को खारिज कर दिया था और 5 दिन का कंपलसरी इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन शुरू किया था, जिसकी वजह से जून के उन दिनों में दिल्ली में त्राहि-त्राहि भी मच गई थी क्योंकि लोग अपने घरों में रहकर आइसोलेट होकर ठीक होना चाहते थे। जबरदस्ती किसी क्वारंटाइन सेंटर या हॉस्पिटल नहीं जाना चाहते थे। यहां तक कि गृह मंत्री अमित शाह जी की केंद्र सरकार ने, जो टेलीमेडिसिन कंपनी हमारे सारे होम आइसोलेशन मरीजों की मॉनिटरिंग कर रही थी, उसके कॉन्ट्रैक्ट को भी खारिज कर दिया था। हालांकि उस समय भी कुछ ही दिनों के बाद केंद्र सरकार को अपने कदम वापस लेने पड़े क्योंकि होम आइसोलेशन बंद करने की वजह से पूरे शहर में लोग परेशान हुए। और आखिरकार आज हम दिल्ली सरकार के बारे में यह कह सकते हैं कि देर आए लेकिन दुरुस्त आए। आज केंद्र सरकार ये पहचान रही है कि होम आइसोलेशन कोरोना को नियंत्रित करने के लिए और फैलने से रोकने के लिए भी कितना जरूरी कदम है। इसलिए यह जरूरी कदम है क्योंकि अगर हल्के लक्षणों वाले मरीज होम आइसोलेशन में रहते हैं तो अस्पतालों में लोड कम पड़ता है।
उन्होंने कहा, दूसरा कदम भी होम आइसोलेशन से जुड़ा हुआ है। बहुत सारे लोग कोरोना का टेस्ट कराने से इसलिए कतराते थे क्योंकि उन्हें लगता था कि हमें जबरदस्ती अस्पताल भेज दिया जाएगा, हमारे घर के सामने एंबुलेंस आएगी, डॉक्टर आएंगे और पुलिस वाले हमें उठाकर वैन में भरकर किसी क्वारंटाइन सेंटर या अस्पताल भेज देंगे। जब दिल्ली ने होम आइसोलेशन शुरू किया तो लोगों में यह कॉन्फिडेंस आया कि हम अपना टेस्ट करवा सकते हैं और अगर हमें कोरोना हुआ भी तो शांति से अपने घर में ठीक भी हो सकते हैं। यही कारण था कि दिल्ली मॉडल का दूसरा कदम अग्रेसिव टेस्टिंग दिल्ली में हम सफलतापूर्वक कर सके क्योंकि लोगों को हमने कॉन्फिडेंस दिया कि टेस्ट करवा लो कोई आपको परेशान करने नहीं आएगा। आप अपने घर में ठीक हो सकते हैं। और यही कारण है कि शुरू से सबसे ज्यादा टेस्ट पूरे देश भर में दिल्ली में ही करवाए गए हैं चाहे जून में वह आंकड़ा 13000 से 22000 टेस्ट प्रतिदिन था और आज जब पूरे देश में 13 लाख टेस्ट प्रतिदिन हो रहे हैं। उसमें से एक लाख टेस्ट प्रतिदिन सिर्फ दिल्ली में हो रहे हैं तो यह दिल्ली मॉडल का दूसरा कदम यानी कि अग्रेसिव टेस्टिंग है। इस इस दूसरे कदम को भी कल प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के सामने रखा कि अगर हमें कोरोना को नियंत्रित करना है तो हमें अग्रेसिव टेस्टिंग की जरूरत है। हमें खुशी है कि दिल्ली मॉडल के अग्रेसिव टेस्टिंग को वह सराह भी रहें हैं और पूरे देश को उसका पालन करने के लिए भी कह रहे हैं।
तीसरे कदम का ज़िक्र करते हुए आतिशी ने कहा, तीसरा और जरूरी कदम कंटेनमेंट था। जब किसी क्षेत्र में 1, 2 या अगर 3 मामले भी कोविड के हो जाते थे तो उस क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन बना दिया जाता था। दिल्ली में खासकर के माइक्रो कंटेनमेंट जोन की शुरुआत हुई। कोई नया क्षेत्र जहां कोरोना का पहला मामला पाया गया, जहां पर एक मरीज, दो मरीज या कम मरीज हैं तो उसको माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाकर सील कर दिया जाता था कि वहां से मामले बाहर ना जा सकें। पहला माइक्रो कंटेनमेंट जोन पूरे भारत में दिल्ली के दिलशाद गार्डन क्षेत्र में बना था क्योंकि जैसे ही दिलशाद गार्डन का पहला मामला सामने आया उसको एक माइक्रो कंटेनमेंट जोन बना दिया गया था। और यही सुझाव कल प्रधानमंत्री जी ने भी दिया है। उन्होंने कहा है कि इस बार हम अभी लॉकडाउन नहीं लगाएंगे। हमें कंटेनमेंट करना है। हमें माइक्रो कंटेनमेंट जोन्स पर पूरे देश में जोर देना है।
प्रधानमंत्री के कदम पर खुशी जताते हुए आतिशी ने कहा, हमें इस बात की खुशी है कि पहले चरण में दिल्ली सरकार ने जो सारे प्रयास किए, जो सारी पहल दिल्ली सरकार ने की, आज केंद्र सरकार भी उन्हें पहचान रही है। आज प्रधानमंत्री जी देशभर के सारे मुख्यमंत्रियों को कह रहे हैं कि जो दिल्ली ने कोरोना में करके दिखाया है वह आप अपने राज्यों में भी कीजिए।