मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिली कार के मालिक की मौत,कलावा क्रीक में मिला शव

शमशाद रज़ा अंसारी

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देश के सबसे अमीर शख़्स मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर विस्फोटक से लदी मिली स्कॉर्पियों के मामले में नया मोड़ आ गया है। स्कॉर्पियों के मालिक मनसुख हिरेन का शव कलावा क्रीक में मिला है। पुलिस मामले को आत्महत्या का बता रही है। मनसुख गुरुवार से लापता थे। शुक्रवार को उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज़ कराई गयी थी।

ये था मामला

25 फ़रवरी को मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया से करीब 200 मीटर दूर एक संदिग्ध SUV से जिलेटिन की 20 छड़ें मिलीं थीं। कार में धमकी भरी चिट्ठी भी मिली थी। चिट्ठी में कहा गया था कि ये सिर्फ ट्रेलर है। नीता भाभी, मुकेश भैया.. ये तो सिर्फ एक झलक है। अगली बार ये सामान पूरा होकर तुम्हारे पास आएगा और पूरा इंतजाम हो गया है। SUV पर फर्जी नंबर प्लेट लगी थी। CCTV फुटेज की जांच में सामने आया कि एंटीलिया के बाहर कार 24 फरवरी की रात करीब 1 बजे पार्क की गई थी। इससे पहले ये कार 12:30 बजे रात को हाजी अली जंक्शन पहुंची थी और यहां करीब 10 मिनट तक खड़ी रही। बरामद कार मुंबई के विक्रोली इलाके से चुराई गई थी। इसका चेसिस नंबर बिगाड़ दिया गया है, लेकिन पुलिस ने कार के असली मालिक की पहचान कर ली थी।
क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी के मुताबिक, कार के मालिक मनसुख हिरेन ने बताया था कि 17 फरवरी की शाम को वे ठाणे से घर जा रहे थे। रास्ते में गाड़ी बंद हो गई। उन्हें जल्दी थी, इसलिए गाड़ी ऐरोली ब्रिज के पास सड़क के किनारे खड़ी कर दी। अगले दिन वे कार लेने गए तो वह नहीं मिली। उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस से भी की थी।

मुंबई के पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह और ज्वाइंट कमिश्नर मिलिंद भाराम्बे ने हिरेन मनसुख की मौत के बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि हिरेन मनसुख ने आत्महत्या की है, इस बात की पुष्टि हो गई है। बाकि जानकारी हम बाद में अपडेट करेंगे।

देवेन्द्र फडणवीस ने जाँच अधिकारी पर लगाए गम्भीर आरोप

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को ही विधानसभा में इस मामले की जांच एनआईए से कराने की मांग करते हुए आरोप लगाया कि घटना के जांच अधिकारी सचिन वझे और मनसुख हिरेन काफी पहले से संपर्क में थे। उन्होंने एक सीडीआर भी पेश की है। विधानसभा के बाहर पत्रकारों से बातचीत करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने आरोपों को दोहराया।फडणवीस ने कहा, ”गाड़ी के मालिक मनसुख हिरेन की जिस दिन उनकी गाड़ी चोरी हुई, जहां उनकी गाड़ी बंद हुई, वहां से वह क्रॉफ्ट मार्केट आए, यहां उन्होंने एक व्यक्ति से मुलाकात की। वह व्यक्ति कौन है, यह इसमें सबसे बड़ी कड़ी है। यह गाड़ी जब वहां (अंबानी के घर के पास) मिती तो लोकल पुलिस से पहले पुलिस अधिकारी सचिन वाझे वहां कैसे पहुंचे? उन्हीं को वह चिट्ठी कैसे मिली? गाड़ी चोरी हुई वह भी ठाणे की, आईओ का घर भी ठाणे में। स्कॉर्पियो के साथ जो दूसरी गाड़ी (इनवो) आई थी वह भी ठाणे से।”

फडणवीस बोले, मैंने पहले ही की थी सुरक्षा की मांग

फडणवीस ने आगे कहा, ‘सचिन को ही आइओ अपॉइंट किया गया। इसके बाद टेलिग्राम पर एक पत्र मिला। जिसे जैश-उल-हिंद संगठन ने जिम्मेदारी ली और क्रिप्टोकरंसी की मांग की। वह पता गलत था, दूसरे दिन यह जो तथाकथित जैश-उल-हिंद है उसने भी इस लेटर को गलत ठहराया। इसमें आखिरी बात यह है कि यह जो आइओ है, 8 जून 2020, जुलाई 2020 में मनसुख के साथ टेलिफोन पर बातचीत हुई है। मैंने यह आशंका जाहिर की यह जो मनसुख हिरेन है, उसे तुरंत सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए। उनकी जान को खतरा हो सकता है। अभी-अभी पता चला है कि उनकी डेड बॉडी मिली है। इससे पूरा प्रकरण बहुत गंभीर हो रहा है।’

फडणवीस ने कहा, ”जो जानकारी मेरे पास आई है, जो कड़ियां जुड़ रही हैं, इससे दाल में तो कुछ काला लग रहा है। जिसकी गाड़ी थी वह केस में सबसे बड़ा विटनेस था। ऐसे व्यक्ति का पुलिस जांच के दौरान मौत निश्चित रूप से संदेह पैदा करता है।”

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