नई दिल्ली : कृषि बिल के खिलाफ किसान हरियाणा-राजस्थान की शाहजहांपुर सीमा पर पिछले 9 दिन से डटे हुए हैं, सोमवार को धरनास्थल पर संयुक्त किसान मोर्चा के कई किसान नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया.
किसान नेताओं ने कहा, ’23 दिसंबर को आंदोलित किसानों ने एक वक्त का भोजन त्याग करने की घोषणा की है, साथ ही देशवासियों से अपील की है कि वे भी किसानों के समर्थन में 23 तारीख को एक वक्त का अन्न त्याग करें.
27 दिसंबर को जब पीएम मोदी ‘मन की बात’ शुरू करें, सभी देशवासी अपने-अपने घरों में थाली बजाना शुरू करें, जब तक वे बोलते रहें तब तक थाली बजाते रहें, 25 से 27 दिसंबर को किसान अपने-अपने क्षेत्रों में सभी वाहनों के लिए टोल फ्री करेंगे.’
किसानों ने कहा कि दिल्ली में चल रहे धरने में शहीद हुए 40 किसानों की श्रद्धांजलि सभा देश भर में मनाई गई, 22 राज्यों में 90 हजार विरोध सभाओं में 50 लाख से ज्यादा लोगों ने इसमें भाग लिया.
किसान संघर्ष समन्वय समिति, कोटा के नेता बलविंदर सिंह, किसान सभा राज्याध्यक्ष पेमाराम, किसान सभा राज्य सचिव छगन चौधरी ने संबोधित किया.
किसान नेताओं ने खेती में विदेशी और कॉरपोरेट निवेश को लेकर केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा, ‘70 करोड़ लोग खेती पर जिंदा रहते हैं, इन कानूनों से उनकी जीविका दांव पर लग गई है, खेती के 3 कानून खेती के बाजार से सरकारी नियंत्रण हटा देंगे.
कम्पनियों व बड़े व्यवसायियों द्वारा खाने का मुक्त भण्डारण शुरू करा देंगे और किसानों को उनके साथ अनुबंध में फंसा देंगे, इससे किसानों पर कर्ज का बोझ बढ़ेगा और गरीबों की कमजोर खाद्यान्न सुरक्षा और कमजोर हो जाएगी.
किसान नेताओं ने कहा कि सोमवार से सभी किसानों के प्रदर्शन स्थलों पर 24 घंटे का ‘क्रमिक अनशन’ शुरू करेंगे, सोमवार को शाहजहांपुर बॉडर पर 11 किसान अनशन पर बैठे.
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