नई दिल्ली : दुर्गेश पाठक ने कहा कि दिल्ली नगर निगमों में सत्ता कर रही भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने कूड़े के निस्तारण में भी करोड़ों रुपए का घोटाला कर दिया है।
भाजपा शासित एमसीडी ने कूड़ा निस्तारण के लिए किसी प्रक्रिया को नहीं अपनाया और बिना टेंडर किए 3250 रुपए प्रति टन किराया देकर हजारों टन रोड़ी पत्थर लैंडफिल से उठवा दिया।
जब एमसीडी के अधिकारियों ने इसका विरोध किया, तब अप्रैल 2020 में इसे उठाने के लिए टेंडर किया गया और टेंडर होने के बाद यही रोड़ी पत्थर 1800 रुपए प्रति टन में उठाया जा रहा है, जबकि टेंडर से पहले प्रति टन 1450 रुपए अधिक किराया देकर हजारों टन रोड़ी पत्थर लैंडफिल साइट से उठवाया गया।
दुर्गेश पाठक ने कहा कि भाजपा ने एमसीडी को भ्रष्टाचार का कारखाना बना दिया है। कूड़ा निस्तारण को लेकर एमसीडी के मेयर और भाजपा नेताओं की ठेकेदारों से मिलीभगत रही है। आम आदमी पार्टी इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग करती है और सभी दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
दुर्गेश पाठक ने कहा कि भलस्वा लैंडफिल साइट की एक ऑडिट रिपोर्ट आई है। यह पूरी ऑडिट रिपोर्ट भ्रष्टाचार का एक बहुत बड़ा पुलिंदा है। एमसीडी के अधिकारियों ने ऑडिट रिपोर्ट बनाई है।
इसमें उन्होंने बताया है कि किस तरह से बड़े पैमाने पर लैंडफिल साइट पर सफाई करने में भारतीय जनता पार्टी भ्रष्टाचार कर रही है। भारतीय जनता पार्टी की एमसीडी ने 50 मशीनें 5 साल के लिए किराए पर ली हैं।
जिसकी कीमत 180 करोड़ बनती है। अगर उन्हीं मशीनों को खरीद लिया जाए तो 8.50 करोड रुपए में सारी की सारी मशीनें खरीदी जा सकती हैं। इसके ऊपर भारतीय जनता पार्टी के पास कोई जवाब नहीं था।
उन्होंने यह कहा कि उनके पास ऑडिट रिपोर्ट नहीं आई है। मैं मेयर साहब से कहूंगा कि यह ऑडिट रिपोर्ट है। अगर आपके पास नहीं है तो मैं भेज दूंगा। आप यह ऑडिट रिपोर्ट अच्छे से पढ़ लें। हालांकि मुझे अच्छे से पता है कि उनके पास ऑडिट रिपोर्ट है। उनके ऑफिस से ही मुझे यह ऑडिट रिपोर्ट मिली है।
दुर्गेश पाठक ने इसी ऑडिट रिपोर्ट से एक और बहुत बड़े भ्रष्टाचार का खुलासा करते कहा कि कूड़े की जो पूरी की पूरी प्रोसेसिंग होती है, जैसे कूड़ा ऊपर जाता है, वहां पर मशीनें लगाई जाती हैं। मशीनों से पत्थर-रोड़ी अलग अलग की जाती है।
मशीन के अलग करने के बाद जो रोड़ी-पत्थर निकलता है उसको एमसीडी ट्रक से प्रति टन पैसा देकर बाहर भेज देती है। इन्होंने ऑडिट रिपोर्ट में बताया कि 3250 रुपए प्रति टन के मूल्य के हिसाब से यह भुगतान करते थे।
कई हजार टन रोड़ी इन्होंने 3250 रुपए दे कर बाहर भेजी है। कूड़े से निकली रोड़ी को बाहर ले जाने के लिए एमसीडी अपनी जेब से रुपए देती थी। कई हजार टन रोड़ी अभी तक बाहर भेज चुके हैं लेकिन इसके लिए कोई प्रक्रिया नहीं अपनाया। आखिर 3250 का रेट कैसे आया। इसके लिए कोई तरीका नहीं निकाला।
जब अधिकारियों ने इसके ऊपर विरोध किया कि 3250 का रेट कैसे आया, तो इन्होंने इसका टेंडर निकाला। उस टेंडर की प्रक्रिया पूरी हुई तो रेट आया 1800 रुपए आया। यानि जिस वस्तु को बाहर भेजने का मूल्य 1800 रुपए देना था, उसी का 3250 रुपए अपनी जेब से दे रहे थे।
टेंडर के मुकाबले लगभग 1450 रुपए ज्यादा दे रहे थे। आप सोचिए कि इन्होंने अब तक हजारों टन रोड़ी पत्थर उठवाया है। एमसीडी ने प्रति टन लगभग 1450 ज्यादा पैसे खर्च किए। अगर आंकलन करेंगे, तो कई करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है। एमसीडी को कई करोड रुपए का नुकसान हुआ है।
इस करोड़ों रुपए से हम कर्मचारियों को तनख्वाह दे सकते थे। बहुत सारी चीजें कर सकते थे। सारा का सारा पैसा इन्होंने पानी की तरह गलत तरीके से चीजों में खत्म कर दिया। इन्होंने एमसीडी में 3250 रुपए का रेट तय करने के लिए कोई प्रक्रिया नहीं अपनाई। भाजपा के नेता और ठेकेदार बैठे और इन्होंने मूल्य निर्धारित कर लिया।
जब अधिकारियों ने विरोध किया तो उसको 1800 रुपए देना शुरू किया। तीनों लैंडफिल साइट पर प्रतिदिन 6000 टन कूड़ा डलता है । हम समझ सकते हैं कि कितने हजार करोड़ का यह पूरा भ्रष्टाचार है। प्रति टन 1450 के हिसाब से अगर 6 हजार टन का आंकलन करेंगे तो करोड़ों रुपए में हो जाएगा।
मैं भारतीय जनता पार्टी, भाजपा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता गुप्ता जी से पूछना चाहता हूं कि यह सब क्या है। आप लोग यह क्या कर रहे हैं। आप लोगों ने एमसीडी को पूरी तरह से भ्रष्टाचार का कारखाना बना रखा है। इस पूरे के पूरे भ्रष्टाचार में आप पूरी एमसीडी लूट ले रहे हो।
इस करोड़ों रुपए के घोटाले की जांच होनी चाहिए। मुझे नहीं लगता कि भाजपा के नेता, अधिकारी और पार्षद को इसका पता नहीं होगा। भारतीय जनता पार्टी के नेता वह पूरी तरह से इसमें लिप्त हैं। उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
दुर्गेश पाठक ने कहा कि कूड़े में रोडी, पटरी, पत्थर वगैरह होता हैं उसको उठाने के लिए एमसीडी पैसे देती है। पहले बिना टेंडर के इन्होंने हजारों टन रोड़ी पत्थर 3250 रुपए टन के हिसाब से उठवाया |
जब उसका टेंडर हुआ तो वही रेट 1800 रुपए निकल कर आया। इसमें इन्होंने करोड़ों रुपए का घोटाला किया है। एमसीडी को करोड़ों रुपए का चूना लगाया है।