नई दिल्लीः तुगलकाबाद में संत रविदास का मंदिर तोड़े जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। आज हजारों की संख्या में दलितों ने इसके ख़िलाफ प्रदर्शन किया। पहले रामलीला मैदान और उसके बाद हज़ारों की संख्या में दलित युवाओं ने तुगलाबाद की तरफ कूच किया। युवाओं के हाथों में डंडे थे उनके चेहरों पर मंदिर तोड़े जाने की नाराज़गी साफ नज़र आ रही थी। हाथों में डंडे लिये ये युवा नारेबाजी कर रहे थे।
इस पैदल मार्च का नेतृत्व भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आज़ाद ‘रावण’ ने किया, जुलूस में शामिल भीम आर्मी के सलाहकार डॉक्टर कुश ने हिन्द न्यूज़ से बात करते हुए बताया कि तुगलाबाद जा रहे हैं और वहीं दोबारा मंदिर बनाएंगे। उन्होंने बताया कि सरकार और अदालतें हमारी आस्था के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकतीं। जब उनसे पूछा गया कि जुलूस में शामिल लोगों के हाथों में डंडे क्यों हैं तो उन्होंने बताया गया कि हम शान्ति से मंदिर बनाने की मांग रहे हैं अगर प्रशासन की तरफ से शान्ति भंग करेगा तो हम भी पीछे नहीं हटेंगे।
ताज़ा जानकारी के मुताबिक क़रीब तीस हज़ार से ज़्यादा लोगों की भीड़ दिल्ली में तुग़लक़ाबाद में उस स्थान की ओर बढ़ रही है, जहां बने रविदास गुरुघर को केंद्र सरकार ने तोड़ दिया था। इन लोगों की मांग है कि सरकार को ये घोषणा करनी चाहिए कि वह क़ानून बनाकर गुरुघर को फिर से उसी स्थान पर बनाएगी। यह काम संविधान के दायरे में हो सकता है। सरकार पहल करे। अध्यादेश लाने का रास्ता खुला हुआ है।
क्या है मामला
गौरतलब है कि दिल्ली के तुगलकाबाद में स्थित सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 10 अगस्त को संत रविदास का मंदिर तोड़ दिया गया था। इसे लेकर रविदास समुदाय में भारी नाराज़गी है। इसके विरोध में 13 अगस्त को पंजाबभर में बंद करके हाईवे और सड़कों पर जाम लगाया गया था। इस समुदाय के लोग पंजाब की राजनीति में अच्छा-खासा असर रखते हैं।
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