नूह (मेवात) : नूंह विधायक व सीएलपी उप नेता चौधरी आफताब अहमद ने बजट सत्र से लौटने के बाद कल जिला कांग्रेस मुख्यालय नूंह पर पत्रकार वार्ता के दौरान सत्र में उठे मेवात के मामलों पर विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि भले ही अविश्वास प्रस्ताव से बीजेपी जजपा सरकार सदन में ना गिरी हो लेकिन जनता की नज़रों से पूरी तरह गिर चुकी है।
सीएलपी उप नेता आफताब अहमद ने कहा कि 6 साल बीत गए लेकिन आईएमटी में एक भी रुपए का निवेश नहीं आया है, गठबन्धन सरकार के कहने व करने में बड़ा फर्क है ये सिर्फ़ झूठी घोषणा की सरकार है। मेवात में कंपनियों को लाने के लिए ही हमने आईएमटी का निर्माण किया था, प्रदेश सरकार को यहां उद्योग धंधे लाने होंगे।
चौधरी आफताब अहमद ने बताया कि उन्होंने एक सवाल लगाया था कि क्या मुख्यमंत्री कूर्थला में शहीद बेटी किरण शेखावत की याद में एक महिला कॉलेज बनाने की घोषणा को पूरा करेंगे तो शिक्षा मंत्री ने जवाब दिया कि सालाहेडी महिला कॉलेज का ही नाम बदलकर शहीद किरण शेखावत कर दिया है।
बीजेपी शहीदों के नाम पर भी झूठी घोषणा करती है, नया कॉलेज उस बिटिया के नाम पर बनना चाहिए था लेकिन सरकार यू टर्न ले गई।
नूंह विधायक ने पत्रकारों से कहा कि बजट में मेवात के साथ भेदभाव हुआ है, देने के बजाय मेवात से छीना गया है, बात चाहे डेंटल कॉलेज की सीटों को 100 से घटाकर 50 करने की हो या फिर मेवात फीडर कैनाल को घटाने की हो, सरकार ने छोटे मन से बजट बनाया है। उन्होंने कहा कि शहीद हसन खान मेवाती मेडिकल कॉलेज को रूरल हैल्थ यूनिवर्सिटी बनाने की मांग उठाई गई।
पिछली हुड्डा सरकार ने 550 करोड रुपए की लागत से इस मेडीकल कॉलेज का निर्माण कराया था, आज गठबंधन सरकार की अनदेखी से कॉलेज खुद बीमार है, वहां अल्ट्रासाउंड मशीन तक नहीं है। नूंह में सिविल अस्पताल को 100 बेड का कराने के लिए काफी कोशिस की वो मंजूर तो हो गई, उम्मीद है उसे लागू भी किया जाएगा।
सीएलपी उप नेता आफताब अहमद ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में काम कर रही 115 नर्सों को निकालने के मामले को भी उठाया गया। मेडीकल कॉलेज के मामलों को चाहे वो डाक्टरों की कमी की बात हो या सुविधाओं की सारे मामलों को विधान सभा में मजबूती से उठाया गया है। हम इस कॉलेज को फैल नहीं होने देंगे।
आफताब अहमद ने बताया कि मेवात में शिक्षकों की कमी को मुद्दा बनाया गया, मेवात कैडर में नई भर्ती का मामला उठाया गया है, मेवात यूनिवर्सिटी की मांग भी सरकार से की गई है। उन्होंने बताया कि एम डी बी की बैठक में उन्होंने मुख्यमंत्री से साफ़ कर दिया था कि मेवात मॉडल स्कूलों को शिक्षा विभाग को नहीं देना चाहिए क्योंकि सरकारी स्कूल खुद ही शिक्षकों की कमी से त्रस्त हैं।
आफताब अहमद ने पत्रकारों को बताया कि मेवात के लिए सिंचाई पानी की मांग भी मजबूती से उठाई गई थी, खुद कृषि मंत्री ने आश्वासन दिया है कि वो समाधान करेंगे, गुडगांव कैनाल पर यूपी सरकार के नियंत्रण को खत्म करने की मांग भी आफताब अहमद ने उठाई है। सिंचाई के लिए कोटला झील परियोजना को पूरा करने की मांग भी सदन में रखी गई है।
आफताब अहमद ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग 248 ए के मुद्दे को भी जोरदार तरीके से उठाया, मेवात में एनजीटी से बाहर के क्षेत्र में खनन शुरू करने की भी मांग उठाई। नूंह विधायक चौधरी आफताब अहमद ने सदन में कोरोना काल में वर्ग विशेष को बदनाम करने व मेवात जिले में नशे को रोकने का मामला भी उठाया है।
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