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गलवान घाटी से पीछे हटी चीनी सेना

भारत और चीन के बीच लंबे वक्त से सीमा विवाद चल रहा है. इसे सुलझाने के लिए दोनों देशों की ओर से प्रतिनिधि तय किए गए, भारत की ओर से अजित डोभाल ही स्थाई प्रतिनिधि हैं. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने रविवार को चीनी विदेश मंत्री वांग यी से बात की, जिसमे दोनों देशों के बीच बॉर्डर पर तनाव कम करने को लेकर सहमति बनी. इस बातचीत का असर LAC पर दिखना शुरू हो गया और चीनी सेना गलवान घाटी से 1-2 किमी. पीछे हट गयी.

30 जून को दोनों देशों के सैन्य अफसरों में जो बात तय हुई थी, उसी आधार पर अब सेना पीछे हटी है. चीनी सेना ने सोमवार को ही गलवान घाटी से अपने टेंट समेटने शुरू कर दिए और सामान व सैनिकों को दो किलोमीटर तक पीछे कर लिया. चीनी सेना के पीछे हटने की खबर की पुष्टि चीनी विदेश मंत्रालय ने भी की. और इस मामले पर चीन के विदेश मंत्रालय ने भी बयान जारी कर दिया है.

हालांकि, अभी 72 घंटे का वक्त वेरिफिकेशन के लिए तय किया गया है, इस बीच एक बफर जोन बना दिया गया है ताकि किसी तरह की झड़प ना हो.

अजित डोभाल ने अपने समकक्ष से बॉर्डर पर शांति स्थापित करने को लेकर बात की और आगे साथ में काम करने पर मंथन किया. दोनों के बीच इस बात पर सहमति बनी है कि भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं ना हों. इसके अलावा बॉर्डर पर फेज़ वाइज़ सेना के पीछे हटने पर भी सहमति बनी है. साथ ही दोनों पक्ष लगातार बॉर्डर को लेकर जो विवाद जारी है, उसपर बातचीत चलती रहेगी.

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