नई दिल्ली : सीएम केरीवाल ने सतेंद्र जैन और विभागीय अधिकारियों के साथ महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट स्वास्थ्य सूचना प्रबंधन प्रणाली की समीक्षा की। इसमें एचआईएमएस, स्वास्थ्य कार्ड और स्वास्थ्य हेल्पलाइन की प्रगति पर चर्चा की गई।
अधिकारियों ने सीएम को बताया कि तय समय के अनुसार कार्य किया जा रहा है। वेंडर का चयन फरवरी 2021 तक कर लिया जाएगा और अगस्त तक इसे लागू कर दिया जाएगा।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिए कि हेल्थ कार्ड के टेंडर को जल्द से जल्द अंतिम रूप दिया जाए और फरवरी 2021 तक वेंडर का चयन कर लिया जाए। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि इन कार्डों का वितरण जल्द से जल्द शुरू किया जाए।
मुख्यमंत्री इसकी प्रगति से काफी खुश थे। बैठक में, हेल्थकेयर हेल्पलाइन पर भी चर्चा हुई। सीएम ने संबंधित अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि अगले साल (2021) के मध्य तक इस मुहीम को अंतिम रूप दिया जाए।
वहीं, स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने विभाग द्वारा एचआईएमएस, ई-हेल्थ कार्ड और हेल्पलाइन पर तेजी से किए जा रहे काम पर प्रसन्नता जाहिर की और विभाग की सराहना करते हुए समय सीमा के अंदर इसे पूरा करने के निर्देश दिए।
अधिकारियों ने एचआईएमएस को लागू और ई-हेल्थ कार्ड जारी करने को लेकर प्रजेंटेशन दिया। इस प्रोजेक्ट के तहत लोगों के स्वास्थ्य के डेटा को एकत्रित करने के लिए वेब पोर्टल व मोबाइल एप जैसी सुविधाएं लांच की जाएंगी।
दिल्ली सरकार की मंसा है कि एचआईएमएस को अगस्त 2021 तक दिल्ली के सभी सरकारी अस्पतालों में लागू कर दिया जाए। मरीजों के देखभाल की सभी सेवाएं जैसे अस्पताल प्रशासन, बजट और योजना, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन, बैक एंड सेवा और प्रक्रियाओं को इस सिस्टम के अंदर लाया जाएगा।
ई-हेल्थ कार्ड सिस्टम के माध्यम से जारी किए जाएंगे और एक्सेस के लिए ऑनलाइन उपलब्ध होंगे। डोर टू डोर सत्यापन कर भौतिक कार्ड वितरित किए जाएंगे। यह पूरा सिस्टम डिजीटल और क्लाउड पर आधारित होगी। इससे दिल्ली के लोगों को एक छत के नीचे सभी जानकारी प्राप्त करने और आपातकालीन मामलों में मदद मिल सकेगी।
एचआईएमएस लागू होने के बाद दिल्ली देश का एकमात्र राज्य बन जाएगा, जहां क्लाउड आधारित स्वास्थ्य प्रबंधन प्रणाली होगी।
विभागीय अधिकारियों ने बताया कि एचआईएमएस के प्री बिड कांफ्रेंस में करीब 46 कंपनियों ने भाग लिया, जबकि 37 कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई। साथ ही, 25 कंपनियों ने आरएफपी की खरीद की है, जबकि कुछ और कंपनियां प्रक्रिया में हैं।
8 दिसंबर 2020 की शाम 4 बजे तक 27 कंपनियों से करीब 1239 सवाल प्राप्त हुए। 3 कंपनियों ने समय सीमा समाप्त होने के बाद अपने सवाल प्रस्तुत किए, जबकि 6 कंपनियों से 916 सवाल आए थे।
दिल्ली एचआईएमएस प्रोजेक्ट के तहत बिड प्रक्रिया प्रबंधन के लिए प्रबंधित सेवा प्रदाता के चयन के लिए 11 नवंबर को एनआईटी/आरएफपी जारी किया गया। प्री बिड मीटिंग 21 दिसंबर को हुई, बिड को जमा करने और बिड मूल्यांकन की अंतिम तिथि 19 जनवरी 2021 है.
जबकि वेंडर चयन की प्रक्रिया 20 फरवरी 2021 है। चयनित सेवा प्रदाता कंपनी एमआईएमएस का रख-रखाव जनवरी 2026 तक करेगी।
इसके तहत वोटर आईडी और जनसंख्या रजिस्ट्री के आधार पर दिल्ली के सभी निवासियों को क्यूआर कोड आधारित ई-हेल्थ कार्ड जारी किए जाएंगे। जिससे प्रत्येक मरीज की जनसांख्यिकीय और बुनियादी क्लीनिकल जानकारी प्राप्त की जा सकेगी।
सभी पात्रों को स्वास्थ्य योजनाओं और कार्यक्रमों के लिए ई-हेल्थ कार्ड के माध्यम से पूरे परिवार की मैपिंग की जाएगी। निर्बाध सूचना आदान-प्रदान के लिए दिल्ली एचआईएसएस के साथ एकीकरण किया जाएगा।
भौतिक सत्यापन के बाद प्रत्येक व्यक्ति को क्यूआर कोड के साथ भौतिक कार्ड वितरित किए जाएंगे। साथ ही, लोगों के अनुरोध पर संशोधित या डुप्लिकेट कार्ड जारी करने के लिए प्रावधान भी किया जाएगा।
इस स्कीम को लागू करने के लिए दो स्तर पर केंद्रीकृत काॅल सेंटर स्थापित होगा। पहले स्तर में काॅल सेंटर आँपरेटर लोगों के काॅल और मैसेज प्राप्त करेंगे। सीआरएम को लाॅग-इन कर केस का आंकलन करते हुए उसका समाधान कराएंगे और संबंधित उपलब्ध हेल्थकेयर स्टाफ को बताएंगे।
आँपरेटर काॅल करने वाले को संबंधित जानकारी देंगे और अंत में उसकी रिपोर्ट बनाई जाएगी। वहीं, दूसरे स्तर में दिल्ली सरकार के डाॅक्टर और विशेषज्ञ काॅल और संदेश को प्राप्त करते हुए मरीज को मिलने का समय देंगे। यदि केस इमरजेंसी है, तो उनके काॅल को तत्काल स्वीकार करेंगे।
मरीजों से बात कर उनकी समस्या का समाधान करेंगे। यदि जरूरत पड़ती है, तो वे संबंधित रोग के विशेषज्ञ डाॅक्टर से संपर्क करेंगे। इसके बाद मरीज को जानकारी देते हुए सीआरएम पर इसकी अपडेट देंगे।
यह काॅल सेंटर 45 सीटों का होगा और 5 सीटें पीक आँवर्स के लिए होंगी। रात में और अवकाश के दौरान काॅल सेंटर में सीटों की संख्या 10 तक कम हो सकती है।
24 घंटे चलने वाले काॅल सेंटर की प्रत्येक पाली 8 घंटे की होगी और एक दिन में 3 पाली होगी। सुबह 6 से दोपहर 2 बजे तक, दोपहर 2 बजे से रात 10 बजे तक और रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक ड्यूटी आँवर्स होंगे।