नई दिल्ली : हिंदू देवी-देवताओं को लेकर कथित आपत्ति’जनक टिप्पणियों के मामले में सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिलने के बाद भी मुनव्वर फारुकी शनिवार रात तक जेल से रिहा नहीं हो सके.

जेल प्रशासन ने प्रयागराज की एक अदालत के जारी पेशी वॉरंट का हवाला देते हुए फारुकी की रिहाई में असमर्थता जताई.

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मुनव्वर फारुकी को शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को अंतरिम जमानत दे दी थी, मुनव्वर के वकीलों ने इंदौर की जिला अदालत में शनिवार को SC का आदेश प्रस्तुत कर जमानत की औपचारिकताएं पूरी कीं.

SC ने 50,000 रुपये की जमानत और इतनी ही राशि के मुचलके पर फारुकी को जेल से रिहा करने का आदेश दिया, शनिवार रात तक फारुकी को केंद्रीय जेल से रिहा नहीं किया गया था.

इस बारे में पूछे जाने पर जेल के एक अधिकारी ने कहा कि प्रयागराज की एक अदालत ने वहां दर्ज मामले में फारुकी को 18 फरवरी को पेश किए जाने को आदेश दिया है.

उन्होंने जेल मैनुअल का हवाला देते हुए दावा किया कि उन्हें फारुकी को कारागार से रिहा करने के लिए प्रयागराज की अदालत या सरकार के किसी सक्षम प्राधिकारी के आदेश की आवश्यकता है.

अधिकारी ने कहा कि रिहाई आदेश न मिलने की सूरत में फारुकी को रविवार सुबह प्रयागराज के लिए रवाना किया जा सकता है, इससे पहले, हास्य कलाकार का कोविड-19 की जांच कराई जाएगी.

गौरतलब है कि SC ने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में फारुकी के खिलाफ प्रयागराज में दर्ज मामले में वहां की एक निचली अदालत द्वारा जारी किए गए पेशी वॉरंट पर शुक्रवार को रोक भी लगा दी थी.

हिन्दू देवी-देवताओं पर आपत्ति’जनक टिप्प’णियों के आरोप में ही फारुकी के खिलाफ प्रयागराज के जॉर्ज टाउन पुलिस थाने में पिछले साल मामला दर्ज किया गया था.

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